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'बिना पैंट पहने पीछे भागे थे चीन के सैनिक', ऑस्ट्रेलियन संपादक ने बताया गलवान घाटी में क्या हुआ था?

'द क्लैक्सन' के संपादक एंथनी क्लान ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कहा कि, भारतीय सैनिक ये देखने विवादित क्षेत्र में आए थे, कि क्या चीनी सैनिकों ने अपने शिविर को हटाया है या नहीं।

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नई दिल्ली, फरवरी 04: गलवान घाटी में इंडियन आर्मी के साथ हुए संघर्षों को लेकर धीरे धीरे चीन की पोल खुल रही है और अब खुलासा हुआ है कि, असल में चीन ने अपने नुकसान को काफी कम करके बताया था। ऑस्ट्रेलिया के एक न्यूज पेपर ने खुलासा किया है, कि आखिर कैसे चीन ने गलवान घाटी में अपनी 'कायरता' को लेकर झूठ बोला और उस रात असल में गलवान घाटी में क्या हुआ था। ऑस्ट्रेलियन अखबार 'द क्लैशन' के संपादक ने एनडीटीवी से बात करते हुए गलवान घाटी संघर्ष को लेकर बात की है और कई बड़े दावे किए हैं।

'द क्लैशन' के संपादक का खुलासा

'द क्लैशन' के संपादक का खुलासा

ऑस्ट्रेलियाई अखबार "द क्लैक्सन" में गलवान हिंसा का लेखा-जोखा दुनिया के सामने रख दिया है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में चीन के अलग अलग ब्लॉगर्स, सोशल मीडिया और अलग अलग चीनी रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार किया गया है। 'द क्लैशन' ने दावा किया है कि, भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष के बाद चीन के सैनिक काफी घबरा गये थे और पीछे भागते वक्त चीन के 38 सैनिकों की मौत गलवान घाटी में डूबने से हो गई थी। जबकि, चीन ने गलवान संघर्ष के करीब 9 महीने के बाद कबूल किया था, कि संघर्ष में उसके सिर्फ 4 सैनिकों की मौत हुई है। जबकि, उससे पहले रूसी खुफिया एजेंसी ने दावा किया था कि, संघर्ष में कम से कम 40 से ज्यादा चीनी सैनिकों की मौत हुई थी। ऑस्ट्रेलिया अखबार 'द क्लैशन' ने दावा किया है कि, 'चीन के सैनिक पीछे हटने के दौरान काफी घबरा गये थे'।

क्यों शुरू हुआ था संघर्ष?

क्यों शुरू हुआ था संघर्ष?

'द क्लैक्सन' के संपादक एंथनी क्लान ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कहा कि, ''भारतीय सैनिक यह पता लगाने आए थे, कि क्या चीन के सैनिकों ने बफर जोन से अपने शिविर हटा लिए हैं या उनका शिविर अभी भी बना हुआ है, लेकिन चीनी सैनिकों ने अपने शिविर को नहीं हटाया था, जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच हाथापाई होने लगी थी।'' उन्होंने कहा कि, "संघर्ष के दौरान नदी के दूसरी तरफ भागने के दौरान, जिस तरह के हमें सबूत मिले हैं, उससे पुष्टि होती है कि, चीनी सैनिक नदी में बह गये थे"। उन्होंने कहा, यह जानकारी "चीनी सोशल मीडिया से हटाए गए फर्स्ट-हैंड अकाउंट्स" से मिली हैं, जिन्हें पब्लिश करने के कुछ ही देर बाद चीन की सरकार ने डिलीट करवा दिए।

कर्नल संतोष बाबू की टीम से संघर्ष

कर्नल संतोष बाबू की टीम से संघर्ष

ऑस्ट्रेलियन अखबार 'द क्लैक्सन' ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि, भारत के कर्नल संतोष बाबू और उनके सैनिक 15 जून को चीनी अतिक्रमण को हटाने के प्रयास में विवादित क्षेत्र में गए थे, जहां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के कर्नल क्यूई फाबाओ लगभग 150 सैनिकों के साथ मौजूद थे। लेकिन क्यूई फाबाओ ने "6 जून, 2021 को की गई आपसी सहमति की तर्ज पर इस मुद्दे पर चर्चा करने के बजाय, अपने सैनिकों को युद्ध लड़ने का आदेश दे दिया था"। एनडीटीवी से बात करते हुए 'द क्लैक्सन' के संपादक ने कहा कि, 'चीन के कर्नल फैबाओ ने सबसे पहले भारतीय सैनिकों पर हमला किया था और दो अन्य पीएलए अधिकारियों, बटालियन कमांडर चेन होंगजुन और सैनिक चेन जियानग्रोंग ने स्टील पाइप, लाठी और पत्थरों के जरिए भारतीय सैनिकों पर हमला करना शुरू कर दिया था।''

चीनी कर्नल हुआ था बुरी तरह घायल

चीनी कर्नल हुआ था बुरी तरह घायल

रिपोर्ट में कहा या है कि, चीन के कर्नल फाबाओ के सिर पर एक भारतीय सैनिक ने गंभीर वार किया था, जिसमें वो बुरी तरह से घायल हो गये थे और उसी के बाद चीन के सैनिक बुरी तरह से घबरा गये थे और चीनी कर्नल के गंभीर घायल होने के बाद वो भागने लगे थे। "गलवान डिकोडेड" शीर्षक से सोशल मीडिया शोधकर्ताओं की रिपोर्ट का हवाला देते हुए द क्लैक्सन ने रिपोर्ट दिया है कि, होंगजुन और जियानग्रोंग को "भारतीय सेना ने फौरन ही खामोश कर दिया था"। रिपोर्ट में कहा गया है कि "कर्नल फैबाओ के मैदान छोड़ने के बाद" और "मेजर चेन होंग्रुन, जूनियर सार्जेंट जिओ सियान और प्राइवेट चेन जियानरोंग के मारे जाने के बाद" पीएलए सैनिक पीछे हटने लगे थे और वो बुरी तरह से घबरा गए थे।

पैंट पहनने का भी नहीं मिला वक्त

पैंट पहनने का भी नहीं मिला वक्त

ऑस्ट्रेलियन अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, भारतीय सैनिक गलवान घाटी में संघर्ष के दौरान काफी ज्यादा आक्रामक हो गये थे और जब चीन के कर्नल घायल हो गये थे और चार सैनिक मारे गये थे, उसके बाद चीन के सैनिक बुरी तरह से घबरा कर पीछे भागने लगे थे और उनके पास इतना वक्त नहीं बचा था, कि वो पानी वाला पैंट पहन सकें। रिपोर्ट में कहा गया है कि 'चीन के सैनिक वांग लगातार अपने साथियों को पीछे हटने का रास्ता बता रहा था और सभी चीनी सैनिक पीछे हट रहे थे, लेकिन काफी ज्यादा अंधेरा होने की वजह से उन्हें नदी का जानकारी नहीं मिल पा रही थी और चीन के सैनिक बर्फीली नदी में डूबने और बहने लगे'। वहीं, चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में भारत के कर्नल संतोष बाबू समेत 19 और सैनिक शहीद हो गये थे।

गलवान घाटी में भारतीय जवानों से जान बचाकर भागा था चीन ओलंपिक का मशालवाहक Qi Fabao-रिपोर्टगलवान घाटी में भारतीय जवानों से जान बचाकर भागा था चीन ओलंपिक का मशालवाहक Qi Fabao-रिपोर्ट

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English summary
On the Galwan Valley conflict, the editor of the Australian newspaper has revealed that 38 soldiers drowned during the retreat and did not even get time to wear pants.
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