जब मौत नजदीक हो तो मक्खियां करने लगती हैं ज्यादा सेक्स, रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि नर या मादा के घातक रोगों से संक्रमित होने के बाद भी मख्खियां प्रेमालाप या संभोग जारी रखते हैं।
लंदन, 11 मईः फल मक्खियां घातक रोगों से ग्रसित होने पर अपने जीवन को बचाने के बजाए संभोग करना उचित समझती हैं। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक यह पता चला है कि घातक रोगों से संक्रमित होने के बाद फल मख्खियां संभोग को अधिक प्राथमिकता देने लगती हैं। शोधकर्ताओं ने इसकी वजह भी बताई है।
संक्रमण में बढ़ जाती है सेक्स गतिविधि
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि नर या मादा के घातक रोगों से संक्रमित होने के बाद भी मक्खियां प्रेमालाप या संभोग जारी रखते हैं। ऐसा अनुमान लगाया गया था कि संक्रमण आमतौर पर सेक्स जैसी गतिविधि को कम कर देता है। जैसे कि मनुष्यों में बीमारियों के दौरान सेक्स की इच्छा में कमी आ जाती है, लेकिन मक्खियों में इसका विपरीत असर देखा गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक मक्खियों को जब संभावित मौत का खतरा दिखता है तो वे सेक्स ज्यादा करने लगती हैं ताकि वे अधिक से अधिक बच्चे पैदा कर पाएं ताकि नयी पीढ़ियों का निर्माण हो सकें।
नए जीवन देने को देती हैं प्राथमिकता
बर्मिंघम विश्वविद्यालय की अध्ययन लेखिका कैरोलिना रेजावल ने कहा कि कीटों के पास सीमित ऊर्जा संसाधन होते हैं जिन्हें विभिन्न गतिविधियों के बीच बांटने की जरूरत होती है। जैसे कि संक्रमण से लड़ना या सेक्स करना। ऐसे में हमें यह दिलचस्पी थी कि ये कीट रोग होने पर किसे प्राथमिकता देते हैं। हमने पाया कि संक्रमित होने पर मख्यियों ने खुद का जीवन बचाने के बजाए नई पीढी को जीवन देने को प्राथमिकता दी।
एक यात्रा में 9 मील की दूरी
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं के मुताबिक 2.5 मिलीमीटर की फल मक्खियों की प्रजाति ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर एक ही यात्रा में नौ मील तक उड़ सकती है। यह दूरी उसके शरीर की लंबाई का 6 मिलियन गुना है। अगर मनुष्यों से इसकी तुलना की जाए तो एक औसत मानव द्वारा यह 6200 मील की दूरी तय करने जितना होगा। यह दूरी भूमध्य रेखा से उत्तरी ध्रूव की दूरी के बराबर है।
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