550 बच्चों के बाप बने स्पर्म डोनर पर कोर्ट ने लगा दिया बैन, कानून तोड़ा तो देने होंगे 90 लाख
अदालत ने कहा कि यह बच्चों में आकस्मिक प्रजनन और मनोवैज्ञानिक समस्याओं के मामलों को रोकने के लिए है, जो यह जानकर परेशान हो सकते हैं कि उनके सैकड़ों भाई-बहन हैं।
कम से कम 550 बच्चों को जन्म देने वाले एक व्यक्ति पर नीदरलैंड की एक अदालत ने और शुक्राणु दान करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस डोनर का नाम जोनाथन मीजर है। उसने अपनी डोनेशन हिस्ट्री के बारे में भावी माता-पिता से झूठ बोला था।
नीदरलैंड के कानून के मुताबिक एक व्यक्ति के शुक्राणुओं से 12 महिलाओं से अधिकतम 25 बच्चे ही पैदा किया जा सकता है। कोर्ट ने व्यक्ति के शुक्राणु की मदद से गर्भधारण करने वाली एक महिला और अन्य माता-पिताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एक फाउंडेशन की याचिका पर यह रोक लगाने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता महिला ने कहा कि अगर उसे यह सब पता होता कि स्पर्म डोनर पहले ही 500 से अधिक बच्चों का बाप बन चुका है तो उसे बिल्कुल नहीं चुनती। फाउंडेशन से जुड़ी केवल ईवा नाम की एक मां ने कहा, कि उन्हें उम्मीद है कि इस फैसले से बड़े पैमाने पर शुक्राणु दान पर प्रतिबंध लग पाएगा।
डच सोसाइटी ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी ने पहली बार 2017 में जोनाथन एम के बारे में आगाह किया था। द मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक जोनाथन उस समय तक नीदरलैंड में 10 क्लीनिकों में शुक्राणु दान करने के बाद लगभग 102 बच्चों का पिता बन चुका था।
इसके बाद उसे नीदरलैंड में ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया। इसके बाद जोनाथन ने विदेश में शुक्राणु दान करना शुरू कर दिया। अदालत ने एक लिखित फैसले में कहा कि जोनाथन ने कई डच फर्टिलिटी क्लीनिक, डेनमार्क में एक सुविधा और विज्ञापनों और ऑनलाइन मंचों के माध्यम से मिले लोगों को शुक्राणु दिया है।
इस दौरान जोनाथन के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने गर्भधारण करने में असमर्थ लोगों की एक तरह से मदद ही की है। अदालत ने इसके जवाब में कहा कि जोनाथन ने जानबूझकर माता-पिता को उसके शुक्राणुओं का इस्तेमाल करने के लिए झूठ बोला।
अदालत ने कहा कि अब जोनाथन की गलती से इन बच्चों के सैकड़ों सौतले भाई-बहन बन गए हैं जो देश-विदेश में रह रहे हैं, जिसे उन्होंने नहीं चुना। अदालत ने कहा कि ये बच्चों के लिए नकारात्मक मनोसामाजिक परिणाम हो सकता है। वे भविष्य में ये जानकर परेशान हो सकते हैं कि उनके इतने भाई-बहन हैं।
अदालत ने कहा कि यह बच्चों के हित में होगा इस रिश्तेदारी के नेटवर्क को अब यही रोक दिया जाए। अदालत ने अपने बयान में कहा कि मामला 'परस्पर विरोधी मौलिक अधिकारों' से जुड़ा था।
इस मामले में एक तरफ माता-पिता और बच्चों की निजता का सम्मान करने का अधिकार था तो दूसरी तरफ दाता के शुक्राणु दान करने का भी अधिकार था। लेकिन नए भावी माता-पिता को शुक्राणु दान करना जारी रखने से कहीं अधिक जरूरी दाता बच्चों और उनके माता-पिता के हित हैं।
अदालत ने कहा कि शुक्राणु दाता जोनाथन यदि आगे कभी इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता है तो उसे एक लाख यूरो का जुर्माना देना होगा।