'मैंने उसे उस दिन काम पर जाने से मना किया था', नेपाल प्लेन क्रैश में मारी गई फ्लाइट अटेंडेंट के पिता का दर्द
नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे पर उतरने के दौरान 15 जनवरी 2023 को सेती नदी के खड्ड में गिरे येति एयरलाइन के विमान 9एन-एएनसी एटीआर-72 में सवार सभी 72 लोगों की मौत हो गई है। अब तक 69 शव बरामद किए गए हैं।
नेपाल विमान हादसे में मारी गईं 24 वर्षीय फ्लाइट अटेंडेंट ओशिन अले मागर के पिता मोहन अले मागर ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी को उस दिन काम पर जाने से मना किया था। मोहन अले मागर, जो कि एक रिटायर्ड भारतीय सेना के जवान हैं, उन्होंने कहा कि घटना वाले दिन फ्लाइ करन से उन्होंने अपनी बेटी ओशिन अले मागर को मना किया था। लेकिन उसने वादा किया था कि वह घर आकर मकर संक्रांति का त्योहार परिवार के साथ मनाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। रोते हुए फ्लाइट अटेंडेंट के पिता मोहन अले मागर ने ये बात मीडिया को बताई। नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे पर उतरने के दौरान रविवार (15 जनवरी) को सेती नदी के खड्ड में गिरे येति एयरलाइन के विमान ''9एन-एएनसी एटीआर-72'' में सवार 72 लोगों में फ्लाइट अटेंडेंट ओशिन भी शामिल थी। अभी तक बरामद 69 शवों में से एक शव ओशिन का भी है।
'उसे उस दिन काम पर नहीं जाने के लिए कहा था...'
फ्लाइट अटेंडेंट ओशिन अले मागर के पिता मोहन अले मागर ने हादसे वाले दिन को याद करते हुए कहा, ''मैंने उसे उस दिन कहा था कि आज काम पर मत जाना''। मोहन अले मागर ने कहा कि मना करने के बाद भी वो चली गई और कहा कि घर वापस आकर सबके साथ माघे संक्रांति का त्योहार मनाएगी। लेकिन रविवार को हुई दुर्घटना के बाद उसका शव घर पहुंचा है।
परिवार कर रहा था त्योहार की तैयारी
भारत में पढ़ाई करने वाली फ्लाइट अटेंडेंट ओशिन हादसे वाले दिन 15 जनवरी को इस वादे के साथ घर से निकली कि वह अपने परिवार के साथ माघ संक्रांति त्योहार मनाने के लिए काम के बाद पोखरा से वापस आएगी। उनका परिवार घर पर त्योहार मनाने की तैयारी कर रहा था जब उन्हें विमान दुर्घटना की खबर मिली।
पिता मोहन ने नेपाल के दैनिक अखबार Republica न्यूज पेपर को फोन पर बताया कि उस दिन दो उड़ानें पूरी करने के बाद ओशिन घर आने वाली थी और मकर संक्रांति के फेस्टिवल को लेकर एक्साइटेड थी।
2 साल से येति एयरलाइन के साथ काम कर रही थीं ओशिन अले मागर
ओशिन अले मागर येति एयरलाइंस के साथ दो साल से काम कर रही थीं। मूल रूप से चितवन के माडी की रहने वाली ओशिन नौकरी शुरू करने के बाद काठमांडू में रह रही थी और उसने अपने माता-पिता को पिछले छह महीने से काठमांडू में रहने के लिए बुला रही थी। ओशिन की दो साल पहले पोखरा में शादी हुई थी और उनके पति फिलहाल यूके में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके पिता मोहन और मां सबनाम अले मागर शव की शिनाख्त के लिए पोखरा पहुंचे हैं।
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