जिनपिंग को फोन की जगह ट्रंप ने लिखी चिट्ठी, विशेषज्ञों ने कहा खतरनाक दौर में रिश्ते
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोन का इंतजार, ट्रंप ने भेजी चिट्ठी। अब तक इजरायल, कनाडा, मैक्सिको, भारत, ऑस्ट्रेलिया देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बात।
वॉशिंगटन। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति और इसके राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक फोन कॉल का इंतजार कर रहे थे। जिनपिंग को फोन की उम्मीद थी और उनके पास पहुंच गई चिट्ठी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फोन की जगह जिनपिंग को एक चिट्ठी लिखी है।
अभी तक जिनपिंग को फोन का इंतजार
शपथ लेने के बाद ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति फोन पर बात नहीं की है। जब ट्रंप नवंबर में चुनाव जीते थे तो उस समय जरूर जिनपिंग ने उन्हें फोन किया था। शपथ लेने के करीब तीन हफ्तों के बा ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति के साथ कोई संवाद किया है। ट्रंप ने चिट्ठी भेजी और इस चिट्ठी के साथ विशेषज्ञ इस बात का अंदाजा लगा रहे हैं कि शायद यहां से चीन और अमेरिका के रिश्तों में और पेचिदगी आ सकती है। व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटर सीन शीन स्पीयर ने बताया है कि ट्रंप ने जिनपिंग को यह बताया है कि वह एक सृजनात्मक रिश्ते के लिए साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं जिन रिश्तों की वजह से अमेरिका और चीन दोनों को फायदा होगा। ट्रंप ने चीन के नागरिकों को रूस्टर न्यू ईयर की शुभकामनाएं भी दीं। कई लोगों को इस बात पर बड़ी आपत्ति थी कि ट्रंप ने अभी तक चीन के राष्ट्रपति को कॉल क्यों नहीं किया और उनके कोई बात क्यों नहीं की है। शपथ लेने के बाद से अब तक ट्रंप अब ट्रंप 18 वर्ल्ड लीडर्स से बात कर चुके हैं और 112 ट्वीट्स कर चुके हैं।
खतरनाक हो रहे हैं रिश्तें
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में स्थित ला ट्रोबे यूनिवर्सिटी में अंतराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ निक बाइसले का कहना है कि यह साफ तौर पर इस बात का इशारा है कि अमेरिका-चीन के रिश्ते आगे चलकर कितने बिगड़ने वाले हैं। उन्होंने कहा कि चीन को भले ही ट्रंप के करीबी दुश्मन नंबर वन न मानते हों लेकिन वह इससे कम भी नहीं है। बाइसले मानते हैं कि जिनपिंग को कॉल न करना ट्रंप की असफलता है और उन्होंने जानबूझकर चीन को नाराज करने के लिए यह कदम उठाया है। मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ट्रंप की अस्थिरता और जिनपिंग की आक्रामकता अमेरिका-चीन के रिश्तों को नए खतरनाक दौर की ओर लेकर जा रही है। ट्रंप चुनावों से पहले और चुनाव जीतने के बाद से ही जता चुके हैं कि वह चीन पर नरम नहीं होंगे। पढ़ें-मसूद अजहर पर बैन के लिए ट्रंप के एक्शन मोड में आने की वे 6 वजहें