जिन जजों की डोनाल्ड ट्रंप ने की थी नियुक्ति, उन्हीं ने दिया 440 वोल्ट का झटका, FBI के पक्ष में फैसला
जनवरी 2021 में राष्ट्रपति पद से हटने के बाद डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कई मुकदमे चल रहे हैं, जिनमें गोपनीय दस्तावेजों को चोरी-छिपे व्हाइट हाउस से बाहर ले जाने का भी मुकदमा शामिल है और FBI ने उनके घर पर छापा भी मारा था।
Donald Trump news: अमेरिका की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका दिया है, जिसके बाद आने वाले वक्त में डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं। अमेरिका की एक अपील कोर्ट ने फैसला सुनाया है, कि ट्रंप के फ्लोरिडा स्थिति मार-ए-लागो घर से एफबीआई ने छापेमारी में जो दस्तावेज जब्त किए थे, उनका इस्तेमाल डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ आपराधिक मुकदमे के दौरान किया जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने बरामद किए गये दस्तावेज की जांच के लिए एक जज को मध्यस्थ बनाने की याचिका को भी खारिज कर दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका
अमेरिका के अटलांटा स्थित 11वें सर्किट यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स ने फ्लोरिडा स्थित यूएस डिस्ट्रिक्ट जज ऐलेन कैनन के सितंबर के फैसले को चुनौती देने वाले न्याय विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया है। जिसमें सभी रिकॉर्ड्स की समीक्षा करने के लिए एक "विशेष मास्टर" को मध्यस्थ बनाने के पूर्व फैसले को पलट दिया है, जिसमें कहा गया था, कि स्पेशल जज तय करेंगे, कि उन दस्तावेजों का इस्तेमाल होना चाहिए या नहीं। रिपोर्ट के मुताबिक, 11वीं सर्किट यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स के तीन जजों के बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, पूर्व अदालत के पास ये अधिकार ही नहीं था, कि वो डोनाल्ड ट्रंप के 'स्पेशल मास्टर' की नियुक्ति को लेकर फाइल मुकदमे पर फैसला सुनाए। आपको बता दें कि, एफबीआई ने 8 अगस्त को फ्लोरिडा स्थिति डोनाल्ड ट्रंप के मार-ए-लागो एस्टेट पर छापा मारा था और काफी संख्या में दस्तावेजों को जब्त किया था। वहीं, अदालत ने अपने फैसले में पूर्व अदालत के उस फैसले को भी पलट दिया है, जिसमें कहा गया था, कि ट्रंप के घर से बरामद दस्तावेजों का इस्तेमास उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने में नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप की याचिका को खारिज कर दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मुकदमा
आपको बता दें कि, जनवरी 20, 2021 को राष्ट्रपति पद से हटने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ संवेदनशील डॉक्यूमेंट्स को चुराने और छिपाने के आरोप में आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं, जिसमें यह भी शामिल है, कि क्या उन्होंने 1917 के कानून का उल्लंघन किया है, जिसे जासूसी अधिनियम कहा जाता है और जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक जानकारी जुटाने को अपराध बनाता है। जांचकर्ता इस मामले को लेकर कई तरह से ट्रंप के खिलाफ जांच कर रहे हैं। वहीं, ट्रंप के आवास पर जब एफबीआई ने छापा मारा था, तो FBI एजेंटों ने करीब 100 क्लासीफाइड डॉक्यूमेंट्स रिकॉर्ड जब्त किए थे, जिन्हें व्हाइट हाउस से ले जाने की इजाजत डोनाल्ड ट्रंप को नहीं थी। वहीं, कोर्ट ने कहा कि, पूर्व राष्ट्रपति के आवास पर छापेमारी का वारंट जारी करना 'असाधारण' है, लेकिन कोर्ट ट्रंप के खिलाफ चल रहे किसी मुकदमे में हस्तक्षेप नहीं करेगा। वहीं, कोर्ट ने ये भी कहा, कि डोनाल्ड ट्रंप यह साबित नहीं कर पाए, कि उनके खिलाफ चल रहा ये मुकदना 'घृणित उद्येश्य' से किया गया है।
डोनाल्ड ट्रंप के पास अब क्या हैं ऑप्शन?
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ फैसला सुनाने वाले जजों में एक की नियुक्ति रिपब्लिकन पार्टी के ही पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने की थी, जबकि बाकी दो जजों की नियुक्ति डोनाल्ड ट्रंप ने ही की थी। वहीं, माना जा रहा है, कि 11वें सर्किट कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप की टीम अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। वहीं, 11वें सर्किट ने कहा कि उसका आदेश सात दिनों तक प्रभावी नहीं होगा और इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप इसे चुनौती दे सकते हैं।