ट्रंप सरकार करेगी देश के दवाई बाजार में मिलियन डॉलर का निवेश, चीन और भारत को लगेगा बड़ा झटका
वॉशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने अब उन दवाईयों का बाजार देश में लाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं जो अभी चीन और भारत में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तैयारी कर ली है कि अमेरिका में दवाईयों का उत्पादन किया जाए। इसके लिए सरकार मिलियन डॉलर निवेश करने की तैयारी कर चुकी है। कोरोना वायरस महामारी की त्रासदी झेलने वाले अमेरिका की सरकार नहीं चाहती है कि आने वाले दिनों में अगर ऐसी कोई स्थिति पैदा हो तो सप्लाई चेन की वजह से उसे मुश्किलें झेलनी पड़े।
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मंगलवार को दिया गया कॉन्ट्रैक्ट
मंगलवार को अमेरिका की बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलमेंट अथॉरिटी यानी बार्डा की तरफ से 345 मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट वर्जिनिया की एक ड्रग कंपनी फिलो कॉर्प को सौंपा गया है जिसकी मदद से दवाईयों की कमी को पूरा किया जाएगा। बार्डा, अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ काम करने वाली एजेंसी है। यह एजेंसी आपातकाल के समय मेडिकल सुविधाओं के विकास के लिए जिम्मेदार है। अमेरिका में दवाईयों में प्रयोग होने वाली 80 प्रतिशत सामग्री भारत और चीन से आयात की जाती है। महामारी के समय कुछ दवाईयों की मांग में तेजी आई लेकिन इनकी अमेरिका में कमी हो गई। बार्डा ने मार्च माह में दवाईयों और वैक्सीन के उत्पादन में तेजी लाने की कोशिशें कर दी थी ताकि कोविड-19 से निबटा जा सके। बार्डा की कोशिश है कि कम मजदूरी की लागत के साथ इन दवाईयों को देश में ही तैयार किया जाए ना कि दूसरे देशों से इसका आयात किया जाए। कोविड-19 की वजह से पूरी दुनिया में लोगों के बीमार होने का सिलसिला जारी है और साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था भी बंद पड़ी है। अमेरिका की सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब ड्रग मार्केट पर चीन के बढ़ते दबाव को लेकर पहले ही नीति विशेषज्ञ चिंता जता चुके हैं।