चीन के साथ संबंधों में चीनी जैसी मिठास के लिए ट्रंप ने दिया ये मंत्र
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब चीन के साथ मधुर रिश्ते चाहते हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली एशिया यात्रा पर चीन पहुंचे ट्रंप ने अमेरिका-चीन संबंध मजबूत करने के लिए नया फॉर्मूला तैयार किया है।
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब चीन के साथ मधुर रिश्ते चाहते हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली एशिया यात्रा पर चीन पहुंचे ट्रंप ने अमेरिका-चीन संबंध मजबूत करने के लिए नया फॉर्मूला तैयार किया है। डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने के लिए पांच अहम मुद्दों पर काम करने का फॉर्मूला तैयार किया है। दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर की मुलाकात के बाद शी जिनपिंग ने चीन और अमेरिका आपसी रिश्तों की नई शुरुआत की बात कही हैं, वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पूरी तरह से वन चाइना पॉलिसी का पक्षधर है। दोनों देशों ने पांच अहम लक्ष्य तय किए हैं।
उत्तर कोरिया को काबू में करना
आज तक की खबर के मुताबिक, दोनों देशों में नॉर्थ कोरिया को धमकी देने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत पर बात हुई है। इस मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि वह नॉर्थ कोरिया की परमाणु क्षमता को खत्म करने के साथ-साथ चाहता है कि चीन नॉर्थ कोरिया के साथ अपने बैंकिंग संबंध को खत्म कर दे। वहीं शी जिनपिंग ने कहा कि वह भी नॉर्थ कोरिया को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
व्यापार घाटा कम करना
इस मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी व्यापार नीति में सुधार की जरूरत है क्योंकि मौजूदा समय में दूसरे देशों के मुकाबले व्यापार में पिछड़ रहा है।वहीं राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों को व्यापार पर लगातार बातचीत के साथ-साथ निवेश पर प्रतिबंधों को कम करने की जरूरत है।
दोनों देशों के बीच दक्षिण चीन सागर में विवाद और एशिया प्रांत में अमेरिका की भूमिका को लेकर विवाद रहा। मुलाकात के दौरान दोनों देशों में सहमति बनी कि उन्हें आपसी विवादों को सुलझाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। दोनों नेताओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जिनपिंग ने कहा कि प्रशांत महासागर बहुत ही वृहद क्षेत्र है और यहां चीन और अमेरिका के हितों को समाहित किया जा सकता है।
अमेरिका और चीन के सैन्य संबंध
दोनों नेताओं की मुलाकात में चीन और अमेरिका के बीच सैन्य रिश्तों को मजबूत करने पर सहमति बनी है। इस सहमति के चलते चीन के राष्ट्रपति जल्द अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस को चीन आने का निमंत्रण देंगे और बाद में चीन से सैन्य डेलिगेशन को अमेरिका भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
साथ ही दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि दोनों देशों की युवा जनसंख्या के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा और इसके लिए कोशिशे की जाएंगीं।
मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने में बाधा बने चीन के बाद अमेरिका की आई कड़ी प्रतिक्रिया