Coronavirus: मिलिए दुनिया की उस डॉक्टर से जिसके पास आया था पहला मरीज, सात में से तीन थे उनके परिवार के
बीजिंग। चीन के वुहान से जो कोरोना वायरस निकला था, उसने अब तक इस देश में 360 लोगों की जान ले ली। इसके साथ ही करीब 15,000 लोग संक्रमण के शिकार हैं। इस संकट की स्थिति में चीन की एक डॉक्टर देश में हीरो बनकर उभरी हैं। यह वह डॉक्टर हैं जिन्होंने सबसे पहले कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज किया था। इनका नाम है झांग जियान और इनकी उम्र है 54 वर्ष। झांग सांस की बीमारियों की एक्सपर्ट हैं और उन्हें साल 2002-2003 में फैले एक और कोरोना वायरस सार्स के मरीजों का इलाज करने का अनुभव है। झांग के परिवार में भी तीन लोगों में इस वायरस का संक्रमण देखा गया था।
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26 दिसंबर को आए सात मरीज
26 दिसंबर की सुबह झांग ने चार लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण देखे थे और इसमें तीन उनके अपने परिवार के थे। चारों मरीजों एक नए प्रकार के फ्लू के लक्षण थे। एक्सरे में एक ही बात की पुष्टि चारों मरीजों में हुई थी और इनके एक्सरे में साफ पता लग रहा था कि न्यूमोनिया की वजह से इनके फेफड़े कुछ तकलीफ महसूस कर रहे थे। अगले दिन तीन और मरीज उनके पास आए और उनमें भी एक जैसे ही लक्षण देखे गए थे। यही वह पल था जब झांग अलर्ट हो गईं। एक ही परिवार के लोगों को यह बीमारी लग रही थी और इस बात से वह बहुत ज्यादा परेशान थीं। उन्हें इस बात का पता लग चुका था कि यह बीमारी एक प्रकार का इनफेक्शन है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर जब एक परिवार डॉक्टर के पास आता है तो सिर्फ एक ही मरीज होगा लेकिन अगर तीन लोगों को एक ही बीमारी हो तो फिर यह एक प्रकार का संक्रमण होता है।
चार लोगों में एक ही जैसा न्यूमोनिया
सात लोगों में से चार लोगों में एक प्रकार का न्यूमोनिया था। इसके अलावा हुनान सीफूड और मीट बाजार इस न्यूमोनिया की वजह नजर आ रहा था। झांग दुनिया की पहली डॉक्टर बन गईं जिन्होंने नोवोल कोरोना वायरस का पता लगाया था। एक माह के बाद आज झांग चीन की एक हीरो बन चुकी हैं। रविवार को यांग्त्जे रीवर डेली को पहली बार डॉक्टर ने इंटरव्यू दिया। उनका इंटरव्यू ऑनलाइन होते ही 420 मिलियन बार पढ़ा गया और 93,000 लोग इस पर चर्चा कर रहे हैं। झांग को बहुत ही हंसमुख बर्ताव के लिए जाना जाता है। वह हुबेई के प्रांतीय हॉस्पिटल में सांस से जुड़े विभाग की डायरेक्टर हैं।
चार मरीज का था सी फूड मार्केट से कनेक्शन
उन्होंने कहा, 'एक ऐसी बीमारी का पता लगा था जिसके बारे में कभी नहीं सुना गया था। साउथ चाइना सी फूड मार्केट से चार मरीज थे। तब मुझे लगा कि इसकी क्या वजह हो सकती है।' उन्होंने बताया कि सभी चार मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण था। यह एक ही जैसा था किसी में कम था तो किसी में ज्यादा था। झांग को पता लग चुका था कि स्थिति असामान्य है और उन्होंने तुरंत ही अस्पताल को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने सलाह दी कि अस्पताल में कई स्तर पर सलाह देने वाले डिपार्टमेंट शुरू करने चाहिए। इस बात की पुष्टि भी हो चुकी थी कि पहले सात केसेज में जो न्यूमोनिया था वह नोवोल कोरोना वायरस की वजह से था।
अस्पताल स्टाफ को मिले निर्देश
झांग की उम्र 37 वर्ष थी जब उन्हें सार्स जैसे वायरस के इलाज करने वाली डॉक्टरों की टीम में जगह मिली थी। अगले कुछ दिनों तक झांग को सांस लेने तक की फुर्सत नहीं थी। डॉक्टर झांग के मुताबिक नए साल तक अस्पताल में जो नौ आइसोलेशन वॉर्ड बनाए गए थे, वह अपर्याप्त थे। इसके बाद डॉक्टरों की टीम को अलग-अलग अस्पतालों से शहर में पहुंचर और बीमारी का पता लगाने में मदद की। झांग ने अपने स्टाफ को सख्त निर्देश दिए कि प्रभावित इलाकों में दाखिल होते समय सिर्फ N95 मास्क ही पहनें। अस्तपाल की तरफ से N95 को प्रोफेशनल प्रोटेक्टिव मास्क के तौर पर घोषित किया हुआ है।