मर चुके 26/11 के मास्टमाइंड साजिद मीर को पाकिस्तान ने किया जिंदा, इस डर से करना पड़ा ये काम
मुंबई में 26 नवंबर, 2008 (26/11) के आतंकवादी हमलों का मास्टमाइंड साजिद मीर को कथित तौर पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
इस्लामाबाद, 24 जूनः मुंबई हमले का मास्टरमाइंड साजिद मीर जिंदा है। पाकिस्तान ने उसे मृत घोषित कर रखा था। लेकिन इस बीच पाकिस्तान सरकार ने उसे गिरफ्तार करने का दावा किया है। मुंबई में 26 नवंबर, 2008 (26/11) के आतंकवादी हमलों का मास्टमाइंड साजिद मीर को कथित तौर पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वहीं पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के बारे में बताया है कि वह उसके बारे कुछ नहीं जानता।
FBI की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल
FBI ने मीर को 'मोस्ट वांटेड' आतंकी घोषित किया हुआ है। अमेरिकी एजेंसी FBI ने मीर के खिलाफ विदेशी सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की साजिश करने, आतंकवादियों को सहायता प्रदान करने, अमेरिका के बाहर एक नागरिक की हत्या करने और सार्वजनिक स्थानों पर बमबारी करने के आरोप में साजिद मीर को 'मोस्ट वांटेड' आतंकी घोषित कर रखा है। इसके साथ ही FBI ने मीर की गिरफ्तारी और दोषसिद्धि के लिए सूचना देने वाले के लिए $5 मिलियन तक का इनाम रखा है।
पाकिस्तान ने दुनिया से बोला झूठ
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने हमेशा से ही साजिद मीर की मौजूदगी से इंकार किया है। ऐसे में अचानक उसकी गिरफ्तारी का कदम यह दर्शाता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर अपने दाग लगे दामन को पाक साफ करना चाहता है। पाकिस्तान ने तो यहां तक दावा किया था कि साजिद मीर की मौत हो चुकी है। अब चूंकि पाकिस्तान आर्थिक कंगाली की कगार पर खड़ा है और FATF से राहत की उम्मीद कर रहा है ऐसे में वह अपने दामन से आतंक के दाग कम करना चाहता है।
FATF की ग्रे लिस्ट से निकलने की कोशिश
पाकिस्तान का यह दावा ऐसे समय में आया है जब वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बचने की पूरी कोशिश कर रहा है। हाल ही में उसे इस बदनाम लिस्ट से बाहर निकलने की पूरी उम्मीद थी लेकिन आतंकवाद रोधी निगरानी संस्था ने कहा है कि पाकिस्तान को इस लिस्ट से तभी हटाया जब वह यह सत्यापित करे कि आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए देश द्वारा उठाए गए कदम 'टिकाऊ' और 'अपरिवर्तनीय' हैं।
मुंबई हमले का था मास्टरमाइंड
साजिद मीर पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के लिए सीधे तौर पर काम करता था। साजिद मीर के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा ने आईएसआई की मदद और समर्थन से मुंबई में हमले किए थे। जब आतंकी मुंबई में थे तब साजिद मीर पाकिस्तान में उनका कंट्रोलर था और सारी जानकारी देता और लेता था। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि वह 2001 से लश्कर का एक वरिष्ठ सदस्य रहा है। 2006 से 2011 तक, उसने समूह की ओर से विभिन्न आतंकवादी हमलों की योजना बनाई। FBI ने 22 अप्रैल, 2011 को उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
2018 से ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान
इससे पहले 2021 में, अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान ने आतंक का मुकाबला करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, फिर भी उसने मीर जैसे आतंकवादियों के संचालन को नहीं रोका है। पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था। पाकिस्तान फिलहाल 'अत्यधिक निगरानी और हाईरिस्क क्षेत्र' में शामिल है। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार को इस बाद ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की पूरी, उम्मीद थी। हालांकि इस बार भी पाकिस्तान को इस मामले में निराशा हाथ लगी है। एफएटीएफ पूरी दुनिया में मनी लॉन्ड्रिंग, सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और टेरर फाइनेंसिंग पर निगाह रखती है।
चीन
ने
सुदर्शन
चक्र
की
तरह
हमला
करने
वाले
मिसाइल
का
किया
परीक्षण,
पश्चिमी
देशों
में
खौफ