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क्या चीन का जासूसी जहाज चीन से अफ्रीका के बीच नया रास्ता तलाश रहा है? भारत से आंख मिचौली

चीन के पास जासूसी करने के लिए युआंग वांग 5 जैसे 7 जहाज हैं। जिन्हें प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर में निगरानी करने के लिए उतारा गया है।

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बीजिंग, अगस्त 30: चीन का रिसर्च, सैटेलाइट और बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस जासूसी जहाज युआन वांग-5 को लेकर नई बातें पता चल रही हैं और पता चल रहा है कि, श्रीलंका से अफ्रीका के बीच हिंद महासागर में 2 हजार किलोमीटर के रास्ते का मानचित्रण कर रहा है, जिससे बीजिंग की अफ्रीका के पूर्वी समुद्र तट के लिए एक नया समुद्री मार्ग तलाशने की संभावना बढ़ जाती है, ताकि, मलक्का, सुंडा और लोम्बोक जलडमरूमध्य को बायपास कर दिया जाए।

चीनी जहाज पर बड़े खुलासे

चीनी जहाज पर बड़े खुलासे

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 11000 टन का चीनी पोत हिंद महासागर में गहराई से आगे बढ़ रहा है और पूर्वी तिमोर के पास और ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में ओम्बई-वेटर जलडमरूमध्य के माध्यम से अपने होमपोर्ट शंघाई की तरफ ये बढ़ेगा। रानिल विक्रमसिंघे शासन द्वारा हंबनटोटा बंदरगाह पर जहाज को डॉक करने की अनुमति दिए जाने पर अपनी चिंता व्यक्त करने के बाद रणनीतिक जहाज भारत और चीन के बीच विवाद का विषय बन गया है। हंबनटोटा बंदरगाह को 2017 में तत्कालीन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे द्वारा इक्विटी स्वैप के जरिए कर्ज का भुगतान करने के लिए 99 साल के लिए चीन को पट्टे पर दिया गया था, क्योंकि श्रीलंका चीनी ऋण चुकाने में चूक गई थी। वहीं, अब चीनी जहाज हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचा था, जहां उसने जरूरी संसाधन जुटाने के बाद 22 अगस्त को आगे रवाना हो गया।

भारत की नजरों से बचने की कोशिश

भारत की नजरों से बचने की कोशिश

इंडोनेशिया के मलक्का, सुंडा और लोम्बोक जलडमरूमध्य का भारत लगातार निगरानी करता रहता है और भारतीय शिकारी यूएवी इन क्षेत्रों में लगातार सर्विलांस करती रहती है, क्योंकि वे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के करीब हैं। वहीं, नौसेना के विशेषज्ञों का मानना ​​है कि युआन वांग 5 पूर्वी अफ्रीका के लिए एक नया मार्ग तैयार कर सकता है और अगर चीन ऐसा करने में कामयाब हो जाता है, तो फिर इंडियन नेवी को चीन जहाजों पर फायदा उठाने से रोक देता है। यानि, चीन के जहाज ऐसी स्थिति में भारतीय सर्विलांस के दायरे से आगे निकल जाएंगे। ये नया समुद्री मार्ग दक्षिण चीन सागर से फारस की खाड़ी और अदन की खाड़ी तक संचार के सबसे छोटे समुद्री मार्गों से पूरी तरह से बच जाएगा और ओमबाई वेटार जलडमरूमध्य के माध्यम से एक लंबे मार्ग के जरिए अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचेगा।

नये रास्ते से चीन को फायदा

नये रास्ते से चीन को फायदा

ये नया मार्ग चीनी जहाजों को अफ्रीका के पूर्वी समुद्र तट तक पहुंचने की अनुमति देगा, जहां बीजिंग ने बेल्ट रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत भारी निवेश किया है और जिबूती में एक बेस भी स्थापित किया है। नया मार्ग श्रीलंका के दक्षिण में और भी ज्यादा डीप होगा और चीनी जहाजों को केन्या, तंजानिया और मोजाम्बिक में मोम्बासा जैसे बंदरगाहों तक आसान पहुंच की अनुमति देगा। समुद्र तल की मैपिंग भी एंटी सबमरीन ऑपरेशन के संचालन में मदद करेगी, क्योंकि भूमध्यरेखीय जल सतह और उप-सतह के तापमान की वजह से यातायात के लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है।

चीन के पास कई जासूसी जहाज

चीन के पास कई जासूसी जहाज

चीन के पास जासूसी करने के लिए युआंग वांग 5 जैसे 7 जहाज हैं। जिन्हें प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर में निगरानी करने के लिए उतारा गया है। इनका काम लैंड आधारित कमांडिंग सेंटर को जानकारी भेजना है। युआंग वांग 5 युआन वांग सीरीज की थर्ड जनरेशन की ट्रैकिंग शिप है। ये 29 सितंबर 2007 से सेवा में है। इसे जियांगन शिपयार्ड में बनाया गया था।

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English summary
Is China's spy ship Yuan Wang-5 looking for a new sea route, so that it can escape from the Indian Navy from China to Africa?
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