समुद्री लुटेरों से जहाज को छुड़ाने का सारा श्रेय चीन ने ले लिया, इंडियन नेवी का जिक्र तक नहीं
चीन ने इंडियन नेवी को उसका क्रेडिट देने से साफ इंकार किया। रविवार को एक कंटेनर जहाज एमवी ओएस 35 पर टुवालू का झंडा लगा था उसे सोमालिया के समुद्री डाकुओं ने हाइजैक कर लिया था।
बीजिंग। हाल ही में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणाचल दौरे को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव एक नए स्तर पर पहुंच गया है। इसी तनाव का नतीजा है कि चीन ने इंडियन नेवी को उसका क्रेडिट देने से साफ इंकार कर दिया।
भारत को किया नजरअंदाज
रविवार को एक अजीब नजारा देखने को मिला जब चीन और भारत की नौसेनाओं ने एक रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए हाथ मिलाया। यह नजारा अजीब इसलिए था क्योंकि दोनों ही देशों के बीच सैन्य तनाव का एक लंबा इतिहास रहा है। एक कंटेनर जहाज एमवी ओएस 35 पर टुवालू का झंडा लगा था उस पर फिलीपिनो क्रू के 19 लोग सवार थे और अब ये सभी लोग सुरक्षित हैं। इस जहाज को सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने हाइजैक कर लिया था। चीन ने इंडियन नेवी को इस सफल ऑपरेशन का श्रेय देने से साफ इंकार कर दिया और इंडियन नेवी के रोल को पूरी तरह से नजरअंदाज कर डाला। सोमवार को चीनी नेवी की ओर से जो बयान जारी हुआ उसमें इंडियन नेवी का कोई भी जिक्र नहीं है। जबकि इंडियन नेवी ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन में चीनी जहाज को हेलीकॉप्टर कवर मुहैया कराया था। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि इस ऑपरेशन ने चीन की नौसेना की उस क्षमता को साबित कर दिया है जिसके तहत वह प्रभावी तौर से समुद्री लुटेरों का मुकाबला कर सकती है। हुआ से जब ऑपरेशन में इंडियन नेवी के रोल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चीन के रक्षा मंत्रालय से इस बारे में बात करने के लिए संपर्क करना चाहिए। हुआ ने कहा, 'जो कुछ भी सेना से पता लगा है उसके अनुसार आठ अप्रैल को शाम पांच बजे चीनी नेवी के 25वें काफिले को यूके मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन की ओर से अदन की खाड़ी में समुद्री लुटेरों के बारे में जानकारी मिली थी जिन्होंने टुवालु के एक जहाज को हाइजैक कर लिया था।' हुआ ने बताया कि इसके बाद यूलिन को तुरंत ही नौ अप्रैल को रेस्क्यू के लिए रवाना किया गया था।
हैरान करने वाला कदम
अपने पूरे बयान में हुआ ने इंडियन नेवी की ओर चीन की नेवी को दी गई मदद का जिक्र ही नहीं किया। हुआ से पहले पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी नेवी की ओर से एक बयान जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि चीनी नौसेना ने जहाज को सुरक्षित बचा लिया गया है। इस बारे में इंडियन नेवी के प्रवक्ता से जब सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी ट्वीट का जिक्र किया। इस ट्वीट में उन्होंने बताया था कि इंडियन नेवी का एक चेतक हेलीकॉप्टर उस नाव के ऊपर है जो चीनी नौसेना का है और जो एमवी ओएस 35 के रेस्क्यू में लगा है। उन्होंने इसके साथ ही एक फोटोग्राफ भी पोस्ट की थी जिसमें एक भारतीय हेलीकॉप्टर चीनी जहाज के ऊपर नजर आ रहा था। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से यह हैरान करने वाला बयान उस समय आया है जब इंडियन नेवी की ओर से यह कहा जा रहा था कि दोनों देशों की नौसेनाओं ने एक बेहतर सामंजस्य वाले रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत जहाज को सुरक्षित बचा लिया है। इंडियन नेवी की ओर से एयर कवर दिया गया था तो वहीं चीन ने अपने 18 सदस्यों वाली एक टीम को जहाज को सुरक्षा देने के लिए भेजा गया था।