ट्रंप के लिए चीन को बनाने चाहिए और ज्यादा परमाणु हथियार!
ताइवान की राष्ट्रपति से फोन पर बात करने के बाद नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर चीन में एक अजीब सा माहौल देखा जा रहा है। चीनी मीडिया ने कहा ट्रंप को जवाब देने के लिए बनाएं परमाणु हथियार।
बीजिंग। पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताइवान की राष्ट्रपति से बात की। इसके साथ ही उन्होंने एक ऐसी परंपरा को तोड़ा जो सदियों से चली आ रही थी। चीन इस कॉल से परेशान होगा यह तो तय था लेकिन अब वह ट्रंप को जवाब देने के लिए और ज्यादा परमाणु हथियारों की वकालत करने लगा है।
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शर्ते मानने से बेहतर परमाणु हथियार बनाए
चीन की मीडिया की ओर से कहा गया है कि चीन को ट्रंप को जवाब देने के लिए और ज्यादा परमाणु हथियार बनाने चाहिए।
चीन के सरकारी मीडिया की ओर से लिखा गया है कि ट्रंप से किसी तरह की संधि करने या उनकी शर्तों को मानने के बजाय बेहतर होगा कि परमाणु हथियार बनाए जाएं।
चीन की सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी की ओर से पब्लिश होने वाले ग्लोबल टाइम्स के एडीटोरियल में यह बात कही गई है।
पिछले दिनों ट्रंप ने ताइवान की राष्ट्रपति को कॉल करने के बाद से ही ट्रंप से चिढ़े चीन की मीडिया ने उनके पुराने बयान के बाद यह प्रतिक्रिया दी है।
ट्रंप ने चुनावी अभियान में कहा था कि वह अमेरिका के साझीदार देशों को मजबूर कर देंगे कि उन्हें अमेरिकी मदद की कीमत अदा करनी पड़ी।
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मिलिट्री पर खर्च को बढ़ाया जाए
ग्लोबल टाइम्स को कभी अमेरिका की फॉरेन पॉलिसी मैगजीन ने 'नाराज' और चीन का 'फॉक्स न्यूज' करार दिया था।
इसने लिखा है कि चीन ट्रंप के 'प्रोटेक्शन रॉकेट' की कीमत अदा नहीं करेगा। बल्कि इसे और ज्यादा रणनीतिक हथियार बनाने पर पैसा खर्च करना चाहिए।
ग्लोबल टाइम्स ने यह भी लिखा है कि चीन को डीएफ-41 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल के डेप्लॉयमेंट को और बढ़ा देना चाहिए।
साथ ही चीन को वर्ष 2017 में अपनी मिलिट्री पर होने वाला खर्च भी बढ़ा देना चाहिए।
एक हफ्ते में ग्लोबल टाइम्स का यह दूसरा एडीटोरियल है जहां पर डोनाल्ड ट्रंप को काफी सख्त लहजे में जवाब दिया गया है।
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बेइज्जीत के बाद आई प्रतिक्रिया
रविवार को ट्विटर पर चीन की बेइज्जती के बाद मीडिया की ओर से इस तरह की प्रतिक्रिया आई है। इससे पहले जो आर्टिकल आया था उसमें भी ट्रंप पर निशाना साधा गया था।
दोनों ही एडीटोरियल में कहा गया था कि ट्रंप को लगता है, 'चीन एक दुधारू गाय है'। वह नागवार सौदों के जरिए अमेरिका को अमीर करना चाहते हैं। इसे हरगिज स्वीकार नहीं करना चाहिए।