SCO से पहले चीन बोला, आतंकवाद के बहाने पाकिस्तान को निशाना बनाने से बचें
बीजिंग। 13 और 14 जून को किर्गिस्तान की राजधानी बिशकेक में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी एससीओ समिट का आयोजन है। भारत और पाकिस्तान पहली बार बतौर पूर्ण सदस्य इसमें हिस्सा लेंगे लेकिन इससे पहले चीन ने इस समिट को लेकर अल्टीमेटम दिया है। चीन ने साफ-साफ कहा है कि इस समिट के दौरान किसी भी सूरत में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर निशाना नहीं साधा जाना चाहिए। वहीं, दूसरी ओर इस बात की पूरी संभावना है कि दूसरा कार्यकाल शुरू होने के साथ ही किसी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद का जिक्र जरूर करेंगे।
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पीएम मोदी आतंकवाद का जिक्र छेड़ने को तैयार
सूत्रों की मानें तो एससीओ समिट के दौरान पीएम मोदी इस बात मुद्दा उठा सकते हैं कि कैसे पाकिस्तान में आतंकियों को सुरक्षित पनाह मिली हुई है। पीएम मोदी पिछले दिनों मालदीव के दौरे पर थे। यहां पर उन्होंने पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया लेकिन आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जमकर हमला बोला। चीन के उप-विदेश मंत्री झांग हानहुई ने इस मसले पर कहा, 'हर सम्मेलन में, एससीओ का निर्माण करने वाली बातों पर चर्चा होगी जिसमें आर्थिक और सुरक्षा सहयोग खासतौर पर काउंटर टेररिज्म भी शामिल होंगे।' उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा और विकास दो बड़े मुद्दे हैं जिन पर एससीओ के दौरान सारा ध्यान रहेगा। हानहुई की मानें तो एससीओ किसी भी खास देश को निशाना बनाने वाली संस्था नहीं है बल्कि इस स्तर पर कुछ बड़े अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय मुद्दों पर बात होनी चाहिए। झांग ने सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम नहीं लिया मगर उन्होंने यह बात उस सवाल के जवाब में कही जो पाकिस्तान से जुड़ी थी। झांग उस प्रेस कॉन्फ्रेस में थे जो राष्ट्रपति शी जिनपिंग के 19वीं एससीओ सम्मेलन से जुड़ी थी।
जिनपिंग और मोदी की होगी मुलाकात
इस सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग की द्विपक्षीय मुलाकात होगी। हालांकि भारत ने इस बात से साफ इनकार कर दिया है कि सम्मेलन के दौरान मोदी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की मुलाकात होगी। पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश करने वाले आतंकी संगठनों को बढ़ावा दे रहा है और इस वजह से ही भारत ने इमरान के साथ होने वाली वार्ता की संभावना से इनकार कर दिया है। चीन हमेशा से आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का बचाव करता आया है। चीन कहता आया है कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का पीड़ित है और उसने आतंकियों को खत्म करने की दिशा में बेहतरीन काम किया है। यह बात हमेशा से भारत को न सिर्फ निराश करती आई है बल्कि चीन के साथ संबंधों में भी उतार-चढ़ाव की बड़ी वजह बन जाती है।