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‘बेवकूफी है ताइवान और यूक्रेन की तुलना...’, बाइडेन के बयान पर बौखलाया चीन, धमकियों की बारिश की

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि, ‘हम अमेरिकी टिप्पणियों की निंदा करते हैं और बाइडेन की टिप्पणी को खारिज करते हैं’।

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बीजिंग/टोक्यो, मई 24: यूक्नेन के बाद ताइवान जंग का नया अखाड़ा बनता जा रहा है और अब चीन ने अमेरिका को साफ तौर पर धमकी दी है, कि वो ताइवान की तुलना यूक्रेन से करने की कोशिश ना करें। राष्ट्रपति जो बाइडेन के इस बयान के बाद, कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो अमेरिका भी सैन्य हस्तक्षेप करेगा, चीन बौखला गया है और उसने राष्ट्रपति जो बाइडेन के बयान की गहरी निंदा की है। चीन के लिए जो बाइडेन के बयान असहज करने वाला इसलिए भी है, क्योंकि बाइडेन का ये बयान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की राष्ट्रीय एकीकरण की महत्वाकांक्षी योजना को प्रभावी ढंग से खतरे में डालता है।

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ताइवान पर बौखलाया ड्रैगन

ताइवान पर बौखलाया ड्रैगन

68 साल के शी जिनपिंग का सबसे प्रमुख राजनीतिक मुद्दा ताइवान का चीन की मुख्य भूमि के साथ एकीकरण करना है और शी जिनपिंग ताइवान के ही मुद्दे पर लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने वाले हैं और उम्मीद भी यही है, कि इस साल के अंत में जब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक देश के अगले राष्ट्रपति को चुनने के लिए होगी, तो शी जिनपिंग को ही व्यापक समर्थन मिलेगा। लेकिन, पिछले कुछ महीनों में इंडो-पैसिफिक में और ताइवान में जिस तरह से चीन को घेरा गया है, उससे शी जिनपिंग काफी ज्यादा असहज हो चुके हैं। चीन ताइवान को एक स्वायत्त मगर चीन के ही एक हिस्से के तौर पर देखता है, और मानता है, कि आवश्यकता पड़ने पर ताइवान को सैन्य बल द्वारा भी चीन में मिला लेना चाहिए। वहीं, अमेरिका का ताइवान के साथ कोई आधिकारिक राजनयिक संबंध नहीं है, लेकिन वह अपने ताइवान संबंध अधिनियम के तहत उसे हथियार बेचता है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका को द्वीप को अपनी रक्षा के लिए साधन उपलब्ध कराने चाहिए।

ताइवान पर बदला अमेरिका का रूख?

ताइवान पर बदला अमेरिका का रूख?

ऐसा पहली बार हुआ है, जब अमेरिका ने साफ तौर पर कहा हो, कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो अमेरिका सैन्य समर्थन देगा और बाइडेन का ये बयान चीन के लिए चौंकाने वाला है। अमेरिका अभी भी वन चायना पॉलिसी को मानता है और व्हाइट हाउस ने पिछले दिनों साफ किया था, कि बाइडेन प्रशासन का वन चायना पॉलिसी को लेकर नीति नहीं बदली है, लिहाजा अमेरिका की ताइवान को लेकर राजनीतिक और रणनीतिक अस्पष्टता ने ताइवान पर खतरा बढ़ाया ही है। लेकिन, पिछले दो सालों में इंडो-पैसिफिक में जिस तरह से अमेरिका और सहयोगी देश चीन के वर्चस्व को काउंटर कर रहे हैं, वो चीन के लिए परेशान करने वाला है। लिहाजा, जब बाइडेन ने ताइवान को सैन्य मदद देने की बात कही, तो चीन की तरफ से काफी सख्त प्रतिक्रिया दी गई है।

चीन बनाम अमेरिका

चीन बनाम अमेरिका

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि, ‘हम अमेरिकी टिप्पणियों की निंदा करते हैं और बाइडेन की टिप्पणी को खारिज करते हैं'। गौरतलब है कि बाइडेन ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए टोक्यो में अमेरिका की नई नीति को रेखांकित करते हुए कहा कि, चीन को ताइवान पर जबरन कब्जा नहीं करने देने के लिए अमेरिका जापान और अन्य देशों के साथ खड़ा रहेगा। हालांकि, अभी तक बाइडेन प्रशासन ने ये साफ नहीं किया है, कि क्या अमेरिका की ताइवान नीति अब बदलने वाली है या फिर बदल गई है?

‘चीन का अविभाज्य हिस्सा है ताइवान’

‘चीन का अविभाज्य हिस्सा है ताइवान’

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग ने दोहराया कि "ताइवान चीनी क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है और ताइवान का प्रश्न विशुद्ध रूप से चीन का आंतरिक मामला है, जिसमें कोई विदेशी हस्तक्षेप मंजूर नहीं है।" उन्होंने कहा, "चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सहित प्रमुख हितों से जुड़े मुद्दों पर, किसी भी तरह का समझौता या रियायत के लिए कोई जगह नहीं है"। उन्होंने कहा और चेतावनी दी कि "चीन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए दृढ़ कार्रवाई करेगा। हम अपनी बात पर अडिग रहेंगे।" उन्होंने अमेरिका से "एक चीन नीति" का ईमानदारी से पालन करने का आग्रह किया और उन्होंने ताइवान को चीनी मुख्य भूमि के हिस्से के रूप में मान्यता दी और ताइवान की सैन्य मदद करने जैसे संदेश भेजने से परहेज करने के लिए कहा।

‘यूक्रेन और ताइवान अलग अलग’

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, "ताइवान और यूक्रेन का मुद्दा मौलिक रूप से अलग हैं। उन दोनों की तुलना करना बेतुका है"। वहीं, पर्यवेक्षकों का कहना है कि चीनी आक्रमण के खिलाफ ताइवान की सैन्य रूप से रक्षा करने के लिए बाइडेन का रुख ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के नेतृत्व वाली स्वतंत्र-समर्थक ताकतों को मजबूत करेगा और बाइडेन का बयान चीन के राष्ट्रपति के लिए बड़ा झटका है, जो बार बार ताइवान को चीन से मिलाने की बात करते हैं। वहीं, चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग का दर्जा हासिल करने वाले शी जिनपिंग वर्तमान में तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति बनने वाले हैं और उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के उस संविधान को बदल दिया है, जिसमें कहा गया है, कि एक व्यक्ति तीन बार देश का राष्ट्रपति नहीं बन सकता है।

ताइवान ने किया बाइडेन के बयान का स्वागत

ताइवान ने किया बाइडेन के बयान का स्वागत

वहीं, ताइवान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान का स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने ताइवान की सैन्य मदद करने की बात कही है। ताइवान ने कहा है कि, वो अमेरिका और जापान जैसे अपने सहयोगी देशों के साथ अपने सहयोग को और गहरा करेगा। ताइवान के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि, "चीन ने ताइवान जलडमरूमध्य की सुरक्षा के लिए जो चुनौतियां पेश की हैं, उससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए बड़ी चिंता पैदा हो गई है।" प्रवक्ता ने कहा कि, "ताइवान की स्वतंत्रता, लोकतंत्र और सुरक्षा की रक्षा के लिए हमारी सरकार का दृढ़ संकल्प कभी नहीं बदला है।"

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English summary
China has strongly objected to the US President's statement of military aid to Taiwan and said that it should not be foolish to compare Taiwan and Ukraine.
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