क्या है चीन की सत्ताधारी पार्टी CCP में महिलाओं का वजूद ? मना रही है 100वीं वर्षगांठ
बीजिंग, 30 जून: गुरुवार यानी 1 जुलाई को चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीसीपी) अपनी 100वीं वर्षगांठ मनाएगी। इस मौके पर चीन के राष्ट्रपति और सत्ताधारी दल के सुप्रीम लीडर शी जिनपिंग ने पार्टी के सदस्यों से इसकी स्थापना के शुरुआती वर्षों के संघर्ष और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संस्थापक माओ जेडोंग के दिनों को याद करने को कहा है। गौरतलब है कि जिनपिंग अपने शासनकाल में चीन को विश्व की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करने की मंशा लेकर चल रहे हैं, इसलिए उनके कार्यकाल में हो रही पार्टी की इस जन्म शताब्दी पर पूरी दुनिया की नजरें हैं।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीसीपी) की स्थापना
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की स्थापना 1 जुलाई, 1921 को हुई थी और इसका पहला कांग्रेस चीन के बड़े शहर शंघाई में आयोजित किया गया था। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की स्थापना में तत्कालीन सोवियत यूनियन की कम्युनिस्ट पार्टी ने बड़ी भूमिका निभाई थी। क्योंकि, करीब 2,000 वर्षों के वंशवादी शासन के खत्म होने के बाद यह देश करीब एक दशक तक बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहा था। ऐसे में सोवियत कम्युनिस्ट की मदद इसके लिए काफी कारगर रही।
रिपब्लिक ऑफ चीन की स्थापना और माओत्से तुंग
शुरुआती कांग्रेस में माओ जेडोंग या माओत्से तुंग का रोल महज हुनान प्रांत के प्रतिनिधि होने तक सीमित था। लेकिन, उन्होंने लाल सेना की नब्ज पकड़ने में देर नहीं की और 1935 तक इसके कमांडर बन गए। बाद के सालों में माओत्से तुंग का एकाधिकार कायम हुआ और वह 1949 में रिपब्लिक ऑफ चीन के संस्थापक नेता बने। रिपब्लिक ऑफ चीन में माओ से बढ़कर आजतक कोई बड़ा नेता नहीं हुआ है और मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग उन्हीं के नक्शे-कदमों पर बढ़ते हुए चीन की सत्ता पर अपनी एक खास छाप छोड़ने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के सदस्य
भारत में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है। ऐसा इसलिए कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश चीन की सत्ताधारी सीसीपी के इस महीने तक कुल 9.52 करोड़ सदस्य हैं। यह संख्या चीन की आबादी की करीब 6.7 फीसदी है। शुरुआत में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की स्थापना किसानों और मजदूरों की पार्टी के रूप में हुई थी, लेकिन आज इसमें काफी विविधता आ चुकी है। 1982 में इसने यूनिवर्सिटी के छात्रों को पार्टी में शामिल करने पर फोकस किया तो 2002 तक आते-आते इसने निजी उद्यमियों को भी अपनी ओर आकर्षित करने की शुरुआत कर दी।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना में महिलाओं का वजूद
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना में पुरुषों का ही दबदबा है और महिला सदस्यों की संख्या आज भी सिर्फ 28.8 फीसदी ही है। पार्टी की प्रमुख डिसिजन मेकिंग बॉडी 7 सदस्यीय टॉप लीडरशिप के सभी सदस्य पुरुष हैं। इसी तरह नस्ली अल्पसंख्यकों को भी उनकी आबादी की तुलना में प्रतिनिधित्व कम है और मेंबरों में उनकी संख्या सिर्फ 7.5 फीसदी ही है। पार्टी के सदस्यों के लिए जरूरी है कि वह धर्मनिरपेक्ष नास्तिक रहें और उन्हें बौद्ध धर्म और ताओवाद भी छोड़ना पड़ता है, जो सदियों से चीन के समाज का अभिन्न अंग है।
सीसीपी में कैसे शामिल होते हैं लोग
चीन में सत्ताधारी पार्टी की सदस्यता के लिए चुनाव की प्रक्रिया स्कूल टीचरों के जरिए ही शुरू कर दी जाती है और इसकी शुरुआत उन्हें स्टूटेंड को मैनेज करने का रोल दिया जाता है। यह प्रक्रिया हाई स्कूल में भी जारी रहती है और पार्टी के पसंदीदा छात्रों को पार्टी की यूथ लीग में शामिल किया जाता है। लेकिन, पूर्ण मेंबर बनने की प्रक्रिया अगले दो-तीन साल तक आगे भी जारी रहती है और यूनिवर्सिटी में जाकर पूरी होती है। कई स्टेज गुजरने के बाद चुने हुए छात्रों की पार्टी की मेंबरशिप की प्रक्रिया पार्टी के हंसुआ और हथौड़ा वाले झंडे के सामने शपथ लेकर पूरी होती है। मेंबर के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी कमाई का 0.5 फीसदी से 2 फीसदी तक पार्टी को भुगतान करेंगे। शी जिनपिंग के शासनकाल में सदस्यों को बैज पहनने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता हर वक्त महसूस होती रहे।