माउंट एवरेस्ट पर 'सीमा रेखा' बनाएगा चीन, कोरोना से डरकर लिया फैसला
चीन की सरकारी मीडिया ने कहा है कि नेपाल से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले कुछ पर्वतारोही कोरोना वायरस संक्रमित पाए गये हैं, लिहाजा ऐसे पर्वतारोही चीन में प्रवेश करें, इसीलिए माउंट एवरेस्ट पर 'लाइन ऑफ सेपरेशन' बनाया जाएगा।
बीजिंग, मई 10: चीन ने दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत माउंट एवरेस्ट पर 'सीमा रेखा' बनाने का फैसला लिया है। चीन ने इसके पीछे कोरोना संक्रमण का हवाला लिया है। चीन ने फैसला किया है कि वो एवरेस्ट पर्वत पर 'लाइन ऑफ सेपरेशन' तैयार करेगा। चीन ने एवरेस्ट पर्वत पर सीमा रेखा बनाने का फैसला इसलिए लिया है, ताकि चीन के क्षेत्र में कोई और नहीं जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने ये फैसला कुछ एवरेस्ट पर्वतारोहियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद लिया है।
एवरेस्ट पर 'सीमा रेखा' बनाएगा चीन
चीन की सरकारी मीडिया ने कहा है कि नेपाल से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले कुछ पर्वतारोही कोरोना वायरस संक्रमित पाए गये हैं, लिहाजा चीन नहीं चाहता है की ऐसे पर्वतारोही चीन में प्रवेश करें, इसीलिए माउंट एवरेस्ट पर 'लाइन ऑफ सेपरेशन' बनाने का फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि अप्रैल महीने के आखिरी हफ्ते में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले कुछ पर्वतारोही कोरोना वायरस संक्रमित पाए गये थे, जिनमें एक पर्वतारोही इ़टली का रहने वाला था। इसके बाद खबर आई थी कि 30 से ज्यादा पर्वतारोही और क्रू मेंबर्स बीमार हो गये हैं, जिन्हें माउंट एवरेस्ट बेस कैंप से निकालकर इलाज के लिए नेपाल की राजधानी काठमांडू के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। भारत के साथ साथ नेपाल भी इस वक्त कोरोना वायरस के दूसरे लहर का सामना कर रहा है लेकिन नेपाल ने अभी तक माउंट एवरेस्ट मिशन पर रोक लगाने का फैसला नहीं लिया है। आपको बता दें कि माउंट एवरेस्ट पर्वत ही नेपाल और चीन की सीमा को घेरता है और इसका उत्तरी ढलान चीन की तरफ है।
कोरोना संक्रमण रोकने की कोशिश
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने माउंट एवरेस्ट पर सीमा रेखा खींचने का काम शुरू होने वाला है। तिब्बत के अधिकारियों के मुताबिक 'माउंट एवरेस्ट चढ़ने वाले शीर्ष पर्वतारोहियों के संपर्क से बचने की कोशिश की जा रही है और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए चीन ने सीमा रेखा बनाने का फैसला लिया है।' हालांकि, अभी तक चीन की तरफ से साफ नहीं किया गया है कि माउंट एवरेस्ट पर सीमा रेखा कैसे बनाई जाएगी। मगर तिब्बत पर्वतारोहण संघ के प्रमुख ने शिन्हुआ न्यूज को बताया है कि 'पर्वतारोहियों के माउंट एवरेस्ट मिशन से पहले सीमा रेखा खींची जाएगी।' वहीं, शिन्हुआ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने 21 पर्वतारोहियों को इस साल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की मंजूरी दी है लेकिन चढ़ाई से पहले सबका कोरोना वायरस टेस्ट किया गया और फिर उन्हें क्वारंटाइन किया गया था।
विदेशी पर्वतारोहियों पर प्रतिबंध
चीन ने पिछले साल ही विदेशी पर्वतारोहियों के तिब्बत साइड से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की इजाजत देने पर रोक लगा रखी है और इस साल भी एक भी विदेशी पर्वतारोही को तिब्बत की तरफ से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की इजाजत नहीं दी गई है। वहीं, नेपाल ने पिछले साल विदेशी पर्वतारोहियों पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन इस साल नेपाल ने रिकॉर्ड संख्या में विदेशी पर्वतारोहियों को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की इजाजत दी है। पर्वतारोहण से नेपाल के टूरिज्म को काफी पैसा मिलता है, इसीलिए नेपाल ने ये फैसला लिया है। नेपाल की तरफ बेस कैंप में किसी भी वक्त एक हजार से ज्यादा पर्वतारोही और क्रू मेंबर्स होते हैं, जिनमें नेपाल के गाइड भी शामिल होते हैं, जो पर्वतारोहियों को चोटी तक ले जाते हैं।
पर्वतारोहियों से फीस
नेपाल टूरिज्म इंडस्ट्री के मुताबिक नेपाल विदेशी पर्वतारोहियों को एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ने की इजाजत देने के लिए 11 हजार अमेरिकी डॉलर लेता है जो करीब 8 लाख रुपये होता है। वहीं, एक पर्वतारोही को एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ने के लिए बाकी चीजों में करीब 30 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करना पड़ता है। वहीं, चीन की रिपोर्ट मुताबिक रविवार को चीन में कोरोना वायरस के 12 मरीज मिले हैं। जिनमें सभी मरीज विदेशों से चीन आए थे। वहीं, नेपाल में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 9 हजार 23 मामले मिले हैं, जो नेपाल के लिए एक रिकॉर्ड है।
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