चीनी डाटाबेस लीकः उइगर कैदी ही नहीं परिवार पर भी चीन रखता है नजर
चीन में हिरासत में लिए गए हजारों उइगरों की सूची का एक डाटाबेस लीक हुआ है। लीक हुए इस सूची से हजारों उइगरों की दयनीय स्थिति का पता चलता है।
बीजिंग, 13 मईः चीन में हिरासत में लिए गए हजारों उइगरों की सूची का एक डाटाबेस लीक हुआ है। लीक हुए इस सूची से हजारों उइगरों की दयनीय स्थिति का पता चलता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 'सामाजिक व्यवस्था को बाधित करने के लिए एक समूह को इकट्ठा करने', 'चरमपंथ को बढ़ावा देने' और 'मामला भड़काने' सहित कई आरोपों के लिए सजा सुनाई गई है। इस लीक हुए डाटा के मुताबिक चीन के झिंजियांग क्षेत्र में हिरासत में लिए गए हजारों उइगरों के नाम सामने आए हैं।
137 पेज का है लीक पीडीएफ फाइल
वाशिंगटन डीसी में कम्युनिज्म मेमोरियल फांउडेशन के सीनीयर फेलो एड्रियन जेनज ने कहा कि लीक हुआ दस्तावेज 137 पेज का एक पीडीएफ फाइल है जो एक्सेल शीट या वर्ड टेबल द्वारा तैयार किया गया है। जेनज के मुताबिक यह लीक दस्तावेज वास्तव में पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें शासन की उस पागल मानसिकता को दिखाता है जो इस दुनिया की आने वाली महाशक्ति को नियंत्रित कर रही है।
कैदी से जुड़ी हर जानकारी रहती है दर्ज
रिपोर्ट के मुताबिक यह क्षेत्र चीनी कम्युनिस्ट अधिकारियों द्वारा संरक्षित है वहां कई डिटेंशन सेंटर और जेलों का एक सीक्रेट नेटवर्क है। रिसचर्स का मानना है कि यहां लाखों उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों को वहां कैद करके रखा गया है। शिनजियांग इस लिस्ट में शामिल हर कैदी के परिवार तक पर नजर रखती है। रिपोर्ट के मुताबिक लीक हुई सूची में हरेक कैदी का नाम, उसकी जन्मतिथि के साथ जातीयता, आईडी कार्ड, आरोप, पता, सजा की अवधि और जेल के बारे में जानकारी दर्ज हैं।
तीसरी बार लीक हुआ चीनी दस्तावेज
यह दस्तावेज पहली बार सत्ताधारी चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली प्रणाली का खुलासा करता है। सीएनएन के मुताबिक बीते कुछ महीनों में यह तीसरी बार बार है जब कोई चीनी सरकारी दस्तावेज लीक हुए हैं। लीक हुई जानकारी के मुताबिक अल्पसंख्यकों के साथ किया जा रहा यह दमन एक खतरनाक तस्वीर पेश करता है। मुस्लिम बहुल उइगरों से उनका सांसकृतिक और धार्मिक पहचान छीनने का एक अभियान चलाया जा रहा है जिसमें पहचान और प्रतिरोध के व्यवहार को देशद्रोह माना जाता है।
20 लाख से अधिक लोग कैद
अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक इन शिविरों में 20 लाख से अधिक मुस्लिम, उइगर और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को हिरासत में लिया गया है। इससे पहले इन शिविरों की मौजूदगी पर बीजिंग ने कहा था कि शिविर व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र है। चीन मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटना को भी साफ नकारता रहा है।