श्रीलंका में ड्रैगन की नई चालबाजी, बर्बाद करने के बाद अब बांटेगा मुफ्त का डीजल-पेट्रोल और जहाज
यदि श्रीलंका, दिसंबर में आईएमएफ ऋण को सिक्योर करने में नाकाम रहता है, तो उसे मार्च 2023 तक इंतजार करना होगा। इसके लिए श्रीलंका के लेनदारों को ऋण पुनर्गठन के सौदे के लिए सहमत होना होगा।
China in Sri lanka: श्रीलंका को बर्बादी के दलदल में धकेलने के बाद अब चीन ने भारत के पड़ोसी देश में नई पैंतरेबाजी शुरू कर दी है। नई रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अभ श्रीलंका के 12 लाख 32 हजार 749 किसानों को मुफ्त का ईंधन उपलब्ध करवाने का फैसला किया है, वहीं चीन की सरकार श्रीलंका के 3 हजार 796 मछुाआरों को मछली पकड़ने का जहाज उपलब्ध करवाएगा। माना जा रहा है, कि श्रीलंका को बर्बाद करने के बाद अब चीन उसके ऊपर पूरा डिप्लोमेटिक अधिकार करना चाहता है, ताकि हिन्द महासागर में वो भारत के खिलाफ पूरी ताकत के साथ मुकाबला कर सके।
श्रीलंका में नई पैंतरेबाजी
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने श्रीलंका के किसानों को 10.6 मिलियन लीटर फ्री का डीजल बांटने की घोषणा की है, जो 12 लाख 32 हजार 749 किसानों में बांटे जाएंगे। चीनी दूतावास ने ट्वीट करते हुए कहा कि, सभी 3 हजार 796 मछुआरों को मछली पकड़ने वाला जहाज दिया जाएगा, जिसकी क्षमता एक हजार लीटर और 40 फीट की गहराई में मछली पकड़ने की होगी। चीनी दूतावास ने कहा कि, चीन ने मदद फ्री में श्रीलंका के लोगों की करेगा, तो अभी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इसके साथ ही चीन ने कहा है, कि श्रीलंका में बने मसालों को भी चीन में बाजार उपलब्ध करवाने पर विचार कर रहा है, ताकि श्रीलंका का निर्यात बढ़ सके और उसके विदेशी मुद्रा भंडार में फिर से पैसे आ सके। हालांकि, स्थानीय किसानों ने चीन का यह कहकर विरोध किया है, कि चीन की इन जलीय कृषि परियोजनाओं से उनकी आजीविका, स्थानीय समुद्री पारिस्थितिकी और जमीन पर काफी खराब प्रभाव पड़ेगा। जियो पोलिटिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि दुनिया जानती है कि चीनी महत्वाकांक्षाओं की कोई सीमा नहीं है, लेकिन दुनिया में सबसे शक्तिशाली बनने की उनकी इच्छा से श्रीलंका जैसे कमजोर देशों को भारी नुकसान होने की संभावना है।
श्रीलंका से गेम खेल रहा है ड्रैगन
आपको बता दें कि, चीन श्रीलंका के साथ बेहद खतरनाक गेम खेल रहा है, जो शायद अभी श्रीलंका के नेता या तो समझ नहीं रहे हैं, या फिर समझने का नाम नहीं ले रहा है। श्रीलंका के बार बार अनुरोध के बाद भी चीन ना तो बेलऑउट पैकेज ही देने को तैयार है और ना ही श्रीलंका को दिए गये कर्ज को रीस्ट्रक्चर ही करने को तैयार है, जबकि यही चीन पाकिस्तान के बेलऑउट पैकेज दे रहा है। इसी महीने जब शहबाज शरीफ ने चीन का दौरा किया था, तो शी जिनपिंग ने बेलऑउट पैकेज देने की घोषणा की थी, और इस पैकेज के तहत चीन ने पाकिस्तान को नौ अरब डॉलर का फैसला किया है। चीन का कहना है कि उसने यह फैसला पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति को स्थिर करने के मकसद से लिया है। वह इसका 'ऑल वेदर फ्रेंड' है और ऐसे में उसकी मदद करना चीन का फर्ज है। जबकि, श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 2.9 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज हासिल करने के लिए दिसंबर की समय सीमा से चूक सकता है। हालांकि, श्रीलंका को बार-बार अनुरोध करने के बावजूद चीनी नेतृत्व से कोई ठोस आश्वासन अभी तक नहीं मिला है।
मुसीबत में फंसा हुआ है श्रीलंका
यदि श्रीलंका, दिसंबर में आईएमएफ ऋण को सिक्योर करने में नाकाम रहता है, तो उसे मार्च 2023 तक इंतजार करना होगा। इसके लिए श्रीलंका के लेनदारों को ऋण पुनर्गठन के सौदे के लिए सहमत होना होगा। भारत और जापान पहले ही ऋण समाधान और पुनर्गठन पर कोलंबो के साथ बातचीत शुरू कर चुके हैं, लेकिन पिछले महीने 20वीं पार्टी कांग्रेस पर बीजिंग का संपूर्ण ध्यान रहने के कारण चीन के साथ बातचीत में देरी हुई। श्रीलंका सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 30 जून को देश का विदेशी कर्ज 35 अरब डॉलर था। इसमें से चीन का करीब 7 अरब डॉलर बकाया है।
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