'एलियंस सिग्नल' को लेकर चीन ने डिलीट कर दी रिपोर्ट, अब साथी वैज्ञानिक ने दुनिया को बताई उसकी सच्चाई
नई दिल्ली: चीन-अमेरिका जैसे देशों ने अंतरिक्ष की जांच के लिए बड़े ही हाईटेक टेलीस्कोप तैनात किए हैं, जो अरबों किलोमीटर दूर स्थित ग्रहों के बारे में आसानी से पता लगा लेते हैं, लेकिन अभी तक दोनों देशों को एलियंस सभ्यता के बारे में कोई भी जानकारी हासिल नहीं हो पाई है। हालांकि कई बार एलियंस के यान यानी यूएफओ को देखे जाने का दावा किया गया, लेकिन उसके पुख्ता सबूत नहीं मिल पाए। कुछ दिनों पहले चीनी वैज्ञानिकों ने एलियंस के सिग्नल मिलने का दावा किया था, जिसकी हकीकत अब सामने आई है।
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिग्नल काफी अलग था
दरअसल चीन ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप काफी वक्त पहले ही तैयार कर लिया था, जिसका नाम तिआनयान है। हाल ही में इसने अंतरिक्ष में एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिग्नल खोजा। वैसे तो अंतरिक्ष से पहले भी कई सिग्नल मिल चुके हैं, लेकिन ये उनसे अलग था। ऐसे में दावा किया जा रहा था कि ये किसी एलियंस ग्रह से आ रहा, जो इंसानों से संपर्क करना चाहते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए चीनी वैज्ञानिकों ने इसकी जांच की।
बाद में डिलीट की रिपोर्ट
दावा किया जा रहा कि इस रहस्यमयी सिग्नल की गुत्थी चीनी वैज्ञानिकों ने सुलझा ली है। इसको लेकर चीन की सरकारी मैग्जीन साइंस एंड टेक्नॉलजी डेली में एक रिसर्च भी प्रकाशित हुई थी, लेकिन बाद में उसको किन्हीं कारणों से डिलीट कर दिया गया। ऐसे में दुनिया का शक चीन के ऊपर बढ़ गया। वहीं दूसरी ओर चीन के वरिष्ठ वैज्ञानिक झांग टोंजिए ने इस रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि उनको एलियंस सभ्यता से जुड़े कई अहम संकेत मिले हैं। साथ ही उन्होंने आगे जांच करने की बात कही थी।
एलियंस के नहीं थे सिग्नल
वहीं बीजिंग नॉर्मल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के साथ काम करने वाले कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में खगोल वैज्ञानिक डैन वर्थिमर ने इस रिपोर्ट को लेकर नया दावा किया है। उन्होंने कहा कि जो रहस्यमयी सिग्नल चीन को मिले थे, वो एलियंस के नहीं थे, बल्कि धरती से ही आए थे। उनका मानना है कि प्रदूषण की वजह से धरती से वो सिग्नल आया था, लेकिन उसे दूसरे ग्रह का मान लिया गया। वो सिग्नल रेडियो इंटरफेरेंस की वजह से मिले थे।
सैटेलाइट्स ने बढ़ाई मुसीबत
डैन के मुताबिक इंसान लगातार अंतरिक्ष में सैटेलाइट भेज रहे हैं, जिस वजह से रेडियो बैंड रिसर्चर्स के लिए परेशानियां खड़ी हो गई हैं। जब बहुत सारे कंप्यूटर और इलेक्ट्रानिक उपकरण साथ काम करते हैं, तो ऐसे रेडियो इंटरफेरेंस सामने आना आम बात है। ऐसे में इन सिग्नल्स को एलियंस का सिग्नल मानना बेवकूफी होगी।
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जब चंद्रमा पर दिखी एलियंस की झोपड़ी
वहीं इससे पहले चीनी वैज्ञानिकों को चंद्रमा पर एलियंस की झोपड़ी दिखी थी। बाद में वो दावा भी गलत निकला। उस दौरान युतु -2 रोवर को चंद्रमा पर कुछ संदिग्ध इमारत जैसी चीज दिखी, जिसे चीनी वैज्ञानिक एलियंस की झोपड़ी मान रहे थे, लेकिन बाद में पता चला कि वो सिर्फ एक पुरानी चट्टान थी।