इस देश के राष्ट्रपति ने खोला डॉगी का इंस्टाग्राम अकाउंट, अब कुत्ता देता है इंटरव्यू, करता है LIVE चैट!
राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक ने 19 दिसंबर के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद दक्षिण अमेरिकी राज्य का नेतृत्व करने वाले अब तक के सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए हैं।
चिली, दिसंबर 25: चिली के नागरिकों ने 19 दिसंबर को इतिहास बनाते हुए देश के लिए नये राष्ट्रपति का चुनाव किया और देश के इतिहास में पहली बार महज 35 साल के युवक गैब्रियल बोरिक को देश का नया राष्ट्रपति बना डाला। क्रांति का गीत गाने वाला शख्स चिली का राष्ट्रपति बना, तो पूरी दुनिया में उनकी चर्चा होने लगी और हर किसी के मन में गैब्रियल बोरिक को जानने की दिलचस्पी बन गई। लेकिन, इससे पहले की लोग गैब्रियल बोरिक को जान पाते, उनका कुत्ता सुर्खियां बटोर रहा है।
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बसे कम उम्र के राष्ट्रपति
चिली में वामपंथ का परचम एक बार फिर से बुलंद करने वाले गैब्रियल बोरिक ने दक्षिणपंथी नेता जोस एंतानियो को राष्ट्रपति चुनाव में हराया और चौंकाने वाली जीत हासिल की। चुनाव में गैब्रियल बोरिक को करीब 56 फीसदी वोट हासिल हुए और इसके साथ ही देश में वामपंथ का नया चेहरा गैब्रियल बोरिक बन चुके हैं। लेकिन, राष्ट्रपति बनने के साथ ही चिली का ये युवा नेता अपने कुत्ते की वजह से सुर्खियां बटोर रहा है, क्योंकि, राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक ने अपने कुत्ते ब्राउनी का इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया है।
कुत्ते का इंस्टाग्राम अकाउंट
राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक ने 19 दिसंबर के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद दक्षिण अमेरिकी राज्य का नेतृत्व करने वाले अब तक के सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए हैं और देश का राष्ट्रपति बनने के सिर्फ तीन दिनों के बाद ही उन्होंने अपने कुत्ते ब्राउनी के लिए एक इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया, जिसमें उनका पालतू कुत्ता उनके विदेशी समकक्षों से बात कर रहा है और इंटरव्यू दे रहा है। चिली के राष्ट्रपति का कुत्ता अलग अलग देशों के राष्ट्रपति के कुत्ते से बात कर रहा है और अभी चिली के राष्ट्रपति के कुत्ते ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के कुत्ते से बात की है।
कुत्ते का शपथ ग्रहण
चिली के राष्ट्रपति ने कुत्ते का सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के बाद बकायदा उसका शपथ ग्रहण करवाया है, जिसमें राष्ट्रपति ने लिखा है कि, ''मैं पॉप्यूलर च्वाइस की तरफ से देश के 'पहले कुत्ता' पद के दायित्व और चुनौती को स्वीकार करता हूं''। आगे लिखा गया है, कि, '''मैं न केवल कुत्तों के अधिकारों और दुलार के लिए, बल्कि चिली में सभी पालतू जानवरों के अधिकारों की रक्षा करने की प्रतिज्ञा लेता हूं।' इसके बाद चिली के राष्ट्रपति के कुत्ते को अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के कुत्ते डॉयलन के साछ नाश्ते पर बातचीत करता दिखाया गया है और बकायदा इस इंटरव्यू को चिली के चैनल पर भी दिखाया गया है।
राष्ट्रपति के कुत्तों की 'दिलचस्प' बात
चिली के राष्ट्रपति के डॉगी से बात करने के बाद अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के डॉगी डॉयलन ने लिखा है कि, 'बम आपसी बातचीत के जरिए इस दुनिया को और बेहतर बनाएंगे'। इसके साथ ही डॉयलन ने ब्राउनी को देश का 'प्रथम कुत्ता' बनने पर बधाई भी दी है। आपको बता दें कि, कुत्ते का इंस्टाग्राम अकाउंट बनने के बाद ही उसके तीन लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हो गये। वहीं, चिली के राष्ट्रपति के डॉगी के पास अब अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के डॉगी से ज्यादा फॉलोवर्स हो गये हैं।
चिली में लौटेगा तानाशाही राज?
चिली के हारने वाले राष्ट्रपति ने चुनाव के दौरान देश की जनता को पूर्व तानाशाही शासन की याद दिलाने की कोशिश की, जिससे उन्होंने ही देश को मुक्ति दिलाई थी, लेकिन इस बार जनता के बीच उनका सिक्क नहीं चल पाया और देश में एक बार फिर से वामपंथ का शासन लौट आया है। आपको बता दें कि, चिली में पहले वामपंथ का ही शासन था, लेकिन पिछला शासन तानाशाह हो गया था, जिससे देश की जनता को बहुत मुश्किल से मुक्ति मिली थी, लेकिन जनता ने कई सालों के बाद एक बार फिर से वामपंथी नेता को ही चुना है। इस बार के चुनाव में राष्ट्रपति जोस एंतानियो ग्रामीण क्षेत्रों के मतादाताओं को अपनी तरफ करने में नाकामयाब रहे।
हार गई देश की दक्षिणपंथी सरकार
देश में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के लिए साल 2014 में भारी प्रदर्शन हुआ था, जिसमें गैब्रियल बोरिक ने बड़ी भूमिका निभाई थी और फिर वो देश की राजनीति में सक्रिय हो गये। बाद में उन्हें देश की संसद के लिए भी चुना गया। लेकिन, इस बार राष्ट्रपति चुनाव में गैब्रियल बोरिक को 56 प्रतिशत वोटों के साथ देश का राष्ट्रपति चुना गया और 2012 के चुनाव के बाद इस बार देश में सबसे ज्यादा मतदान हुआ था।
तानाशाही शासन नहीं अपनाने का वादा
इस बार राष्ट्रपति चुने जाने वाले गैब्रियल बोरिक ने चुनाव प्रचार के दौरान देश की जनता से बार बार वादा किया था कि, वो देश में तानाशाही शासन व्यवस्था की तरफ लौटने की कोशिश नहीं करेंगे और सामाजिक सेवाओं का विस्तार करेगें। गैब्रियल बोरिक ने कसम खाते हुए कहा था कि, देश में 1973 से 1990 तक जनरल ऑगस्टो पिनोशे ने जिस तरह की तानाशाही शासन की स्थापना की थी, वो उस तरफ देश को फिर से नहीं ले जाएंगे। वहीं, माना जा रहा है कि, गैब्रियल बोरिक की जीत अब पूरे लैटिन अमेरिका को प्रभावित करने वाली है और कई देशों में एक बार फिर से वामपंथ का उदय हो सकता है।
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