महिला ने 'फेक' कैंसर पेशेंट बनकर लोगों के जज्बात से खेला, 43 लाख फंड जुटाकर जुआ-अय्याशी में उड़ाई रकम
नई दिल्ली, 28 जून: कैंसर एक ऐसी घातक बीमारी है, जिसके खिलाफ इंसान की जंग काफी मुसीबतों के भरी होती है। कैंसर दो जगह सीधा अटैक करता है एक तो इंसान के शरीर पर और दूसरा उसकी आर्थिक स्थिति पर। क्योंकि आज भी कैंसर का इलाज पूरी तरह से नहीं मिल पाया है, जिससे इसे जड़ से खत्म किया जा सके और दूसरी तरफ ट्रीटमेंट इतना महंगा है कि लोगों के घर के साथ बर्तन तक बिक जाते हैं। ऐसे में आपने देखा होगा कि सोशल मीडिया के जरिए कई कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए फंड इकट्ठा करके उनके इलाज में मदद की जाती है, लेकिन इसका एक चालाक महिला ने गलत फायदा उठाकर कुछ ऐसा किया, जो अब इंटरनेट पर चर्चा का विषय बन चुका है। इस महिला की चालाकी देखकर आप भी बस एक ही बात कहेंगे कि भलाई का जमाना नहीं है! (सभी तस्वीरें प्रतीकात्मक )
इंग्लैंड की रहने वाली शातिर महिला
दरअसल, यह शातिर महिला इंग्लैंड के केंट के ब्रॉडस्टेयर्स की रहने वाली निकोल एल्काबास (Nicole Elkabbas) हैं, जिनकी उम्र 44 साल है। डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक निकोल ने पैसों के लालच के लिए लोगों को धोखा देकर झूठ बोला कि वो कैंसर से पीड़ित है और फिर क्राउडफंडिंग वेबसाइट के जरिए 45,000 पाउंड (भारतीय रुपयों में करीब 43 लाख) का फंड जुटाया। हालांकि इस महिला का शातिरपना ज्यादा चल नहीं चल पाया और आखिरकार वो पकड़ी गई।
700 लोगों ने महिला को इलाज के लिए पैसे दिए
रिपोर्ट के मुताबिक निकोल एल्काबास ने फंडरेजर वेबसाइट गो फंड मी पर झूठा दावा करते हुए बताया कि उसे ओवरी कैंसर है, जिसके ट्रीटमेंट के लिए उसे स्पेन जाना होगा। ऐसे में लोगों ने उसकी मदद की और देखते ही देखते उसने 45,350 पाउंड का फंड जुटा लिया। हालांकि फंडरेजर से कुछ दिन पहले डॉक्टरों ने उनका चैकअप किया और उनको पूरी तरह से नॉर्मल बताया था। बताया जाता है कि करीब 700 लोगों ने महिला को इलाज के लिए पैसे दिए, ऐसे में उसके पास डोनेशन के 43 लाख रुपए जमा हो गए।
34 लाख रुपए जुए और शॉपिंग में उड़ाए
अपने पास इतनी मोटी रकम पाकर फेक कैंसर पेशेंट ने उसमें से करीब 34 लाख रुपए जुए, शॉपिंग, और अलग-अलग जगह ट्रैवलिंग यात्रा करने में फूंक दिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निकोल एल्काबास ने एक टोटेनहम हॉटस्पर फुटबॉल मैच देखने के लिए एक लक्जरी बॉक्स, वैकेशन, जुआ, शॉपिंग, रेस्तरां और सारे रुपए उड़ा दिए।
धोखाधड़ी का दोषी पाया गया
हालांकि इस मामले की जब पुलिस को भनक लगी तो उन्होंने जांच पड़ताल की, जिसके बाद पूरा मामला फर्जी पाया गया। उसके बाद कैंटाबेरी क्राउन कोर्ट में महिला के खिलाफ केस शुरू हो गया। पिछले साल उसे दो साल नौ महीने की जेल हुई थी, जिसमें उसको धोखाधड़ी का दोषी पाया गया था। कोर्ट ने पाया कि महिला ने चंदा इकट्ठा करने के लिए वेबसाइट पर झूठी जानकारी दी थी।
मदद के लिए बोला झूठ, बताई 3 बार हुई सर्जरी
अपने पेज पर महिला ने बताया था कि उसके 3 ऑपरेशन हो चुके हैं और 6 बार कीमोथेरपी हुई है। उसने 'खूबसूरत बेटी' और 'अपने प्यारे 11 साल के बेटे की प्यारी मां' बताते हुए लोगों के भावनात्मक जुड़ाव हासिल किया। 'निकोल नीड्स अवर हेल्प - ट्रीटमेंट' टाइटल वाले उनके गो फंड मी पेज में महीनों पहले हुई गाल ब्लैडर सर्जरी के बाद ली गई एक तस्वीर अपने पेज पर दिखाई गई थी। उसके झूठ का खुलासा उस वक्त हुआ जब उसकी तस्वीर से लंदन की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि उसका कोई इलाज नहीं किया गया, जिसके बाद ठगी के मामले से परत-दर परत हटती गई।
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