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पाकिस्तान ने बांग्लादेश पर जबरन उर्दू थोपी, शेख हसीना बोलीं, 'बांग्ला भाषा' ने हमें 'आजादी' दिलाई

शेख हसीना ने कहा, हम किसी भी भाषा का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन साथ ही साथ हम लोगों को अन्य भाषाएं, जैसे अंग्रेजी, फारसी, अरबी, फ्रेंच व अन्य सीखने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं।

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ढाका, 5 सितंबर : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना चार दिवसीय भारत दौरे पर हैं। उनकी भारत के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ करने की कोशिशें काबिले-ए-तारीफ है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि, पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी में उनकी मातृ भाषा बांग्ला का अहम योगदान रहा है। उन्होंने अपनी मातृभाषा बांग्ला के लिए अपने प्यार का इजहार करते हुए कहा कि यह बड़े पैमाने पर भाषा आंदोलन था जिसने बांग्लादेश को पांच दशक पहले पाकिस्तान से आजादी दिलाई थी।

पाकिस्तान ने हम पर जबरन उर्दू थोपी

पाकिस्तान ने हम पर जबरन उर्दू थोपी

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा से पहले एक इंटरव्यू में एएनआई को बताया, "जब पाकिस्तान बना था, तो हम पर उर्दू भाषा थोपी गई थी। इसके बाद हमारे देश बांग्लादेश में एक भाषा आंदोलन शुरू हुआ और उस आंदोलन के माध्यम से हमें आजादी मिली।" यह पूछे जाने पर कि भाषा बोलने वाले लोगों के लिए बांग्ला कितना महत्वपूर्ण है क्योंकि बांग्लादेश एकमात्र ऐसा देश है जो भाषा के कारण बना है, उन्होंने जवाब दिया कि भाषा वास्तव में किसी भी समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

अपनी मातृभाषा पर गर्व करें, मैं अंग्रेजी ठीक से नहीं बोल पाती...

अपनी मातृभाषा पर गर्व करें, मैं अंग्रेजी ठीक से नहीं बोल पाती...

शेख हसीना ने एएनआई को बताया, मैं अब तक अंग्रेजी में बोल रही थी। चूंकि अंग्रेजी मेरे लिए एक विदेशी भाषा है इसलिए मैं इसे अच्छी तरह नहीं बोल सकती। अपना भाव अच्छी तरह से प्रकट नहीं कर सकती। मेरे दिमाग में कई चीजें बोलने को हैं लेकिन मैं उसे अंग्रेजी में व्यक्त नहीं कर सकती। इसलिए किसी भी समुदाय के लिए उसकी भाषा वास्तव में महत्वपूर्ण है। शेख हसीना ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि, बांग्लादेश की उत्पत्ति उसकी भाषा से हुई है। उन्होंने कहा, देश में केवल एक ही भाषा है। हमारी अपनी भाषा के प्रति खास आकर्षण है। क्योंकि मातृभाषा हमें मन की बात कहने में मदद करती है। यह आपको अपने देश के लिए काम करने में मददगार होती है, इसलिए मातृभाषा बहुत महत्वपूर्ण है।

आप सब भाषा सीखें, मातृभाषा पर गर्व करें

आप सब भाषा सीखें, मातृभाषा पर गर्व करें

इस पर एएनआई ने बांग्लादेश की पीएम से सवाल किया, क्या सिर्फ मातृभाषा के प्रति प्यार दिखाकर अन्य भाषाओं को नजरअंदाज तो नहीं कर रही हैं। इस पर पीएम हसीना ने कहा, हां बिलकुल!यह मातृभाषा के लिए प्रेम है, हम उस पर गर्व करते हैं। उन्होंने कहा, हम किसी भी भाषा का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन साथ ही साथ हम लोगों को अन्य भाषाएं, जैसे अंग्रेजी, फारसी, अरबी, फ्रेंच व अन्य सीखने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं। "दुनिया अब आपस में जुड़ी हुई है क्योंकि लोग काम सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा रहे हैं। इसलिए नई भाषा सीखने से दूसरों के साथ संवाद करने में मदद मिलती है।" पीएम ने कहा कि, नई-नई भाषाएं सीखने का अपना अलग ही आनंद होता है।

बंगाली जल्दी सीखते हैं

बंगाली जल्दी सीखते हैं

इसके अलावा, उनसे पूछा गया कि जब बांग्लादेश के लोग विदेशों में जाते हैं और महसूस करते हैं कि वे ठीक से अंग्रेजी नहीं बोल सकते, इससे काफी नुकसान हो सकता है क्योंकि उन्होंने केवल अपनी मातृभाषा बांग्ला सीखी है। जवाब में शेख हसीना ने कहा, बंगाली आमतौर पर बहुत जल्दी भाषा सीखते हैं। "वे अंग्रेजी सीखते और बोलते हैं। लेकिन वे धाराप्रवाह नहीं बोलते हैं क्योंकि यह उनकी मातृभाषा नहीं है ... मैं इतनी अच्छी अंग्रेजी नहीं बोलती लेकिन जो भाषा सीखते हैं वे अच्छा बोलते हैं। दूसरे देशों में रहने वाले कई बांग्लादेशी लोग भाषा सीखते हैं जो उस देश में बोली जाती है।"

ममता से बांग्ला में बात करती हूं

ममता से बांग्ला में बात करती हूं

उनसे पूछा गया कि, जब वे भारत जाती हैं और वहां ममता बनर्जी और अन्य नेताओं से मिलती हैं तो किस भाषा में बात करती हैं। शेख हसीना ने मुस्कुराते हुए जबाव दिया, हां मैं उनसे बांग्ला में बात करती हूं। इंटरव्यू के दौरान शेख हसीना से पूछा गया कि, एक दूसरे से राजनीति मतभेद होने के बावजूद भाषा एक दूसरे को जोड़े रखती है? इस पर शेख हसीना ने कहा, समस्याएं बनी रह सकती हैं लेकिन दोस्ती बनी रहनी चाहिए।

भारत-बांग्लादेश एक अच्छे दोस्त हैं

भारत-बांग्लादेश एक अच्छे दोस्त हैं

बता दें कि, बांग्लादेश भारत का पड़ोसी राष्ट्र है, इसके मद्देनजर भारत की पड़ोसी पहले नीति के तहत ढाका नई दिल्ली का महत्वपूर्ण भागीदार है। रक्षा सहयोग, व्यापार और वाणिज्य, बिजली और ऊर्जा, परिवहन और कनेक्टिविटी , विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा, नदियों और समुद्री मामलों सहित सभी क्षेत्रों में फैला हुआ है। बांग्लादेश और भारत दोनों देशों के बीच संस्कृति, आर्थिक नीति, इतिहास, भाषा, धर्म में काफी समानताएं हैं। भारत ने बाग्लादेश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश ने हाल में विकास के मामले में लंबी छलांग लगाई है।

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English summary
Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina while expressing her love for her mother tongue Bangla, said it was the large-scale language movement that gave Bangladesh its Independence from Pakistan five decades back.
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