आस्ट्रेलिया के मीडिया कानून पर क्यों खफा हैं टेक दिग्गज ? Google की सर्च इंजन बंद करने की धमकी
Australia Media Law: केनबरा। आस्ट्रेलिया में नये मीडिया कानून को लेकर सरकार और टेक कंपनियों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने इस कानून का विरोध करते हुए धमकी दी है कि अगर सरकार ने कानून में बदलाव नहीं किया तो वह आस्ट्रेलिया में अपना सर्च इंजन बंद कर देगी। यानि आस्ट्रेलिया के लोग गूगल के सर्च इंजन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
क्या है आस्ट्रेलिया का मीडिया कानून ?
आस्ट्रेलिया की सरकार ने पिछले दिनों ही एक कानून पास किया था जिसके तहत दिग्गज इंटरनेट कंपनियों के लिए अनिवार्य किया गया था कि वह मीडिया संस्थानों को उनके कंटेट के लिए एक निश्चित रकम देंगी। ऐसा न करने पर इन कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। सरकार ने इसके लिए टेक कंपनियों को तीन महीने के अंदर मीडिया कंपनियों के साथ बातचीत कर एक हल पर पहुंचने को कहा है। ऐसा न होने पर सरकार अनिवार्य मध्यस्थता करेगी। सरकार ने इस कदम को मीडिया संस्थानों को मजबूती और स्वतंत्र करने की दिशा में एक जरूरी कदम बताया था जिसका गूगल और फेसबुक जैसी दिग्गज कंपनियां विरोध कर रही हैं।
गूगल आस्ट्रेलिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मेल सिल्वा ने राजधानी केनबरा में सीनेट कमेटी को चेतावनी दी थी कि दुनिया का पहला मीडिया कानून "काम करने के योग्य नहीं" है और इंटरनेट के कामकाज को कमजोर करेगा।
कानून बनने के बाद पहली बार गूगल की ये धमकी आई है जिसमें सिल्वा ने कहा है कि अगर के बिल कानून के रूप में लागू होता है तो हमारे पास गूगल सर्च को आस्ट्रेलिया में बंद करने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
कानून के इस पहलू पर ज्यादा विवाद
इस कानून के बनने के बाद गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों को कंटेंट को अपने प्लेटफॉर्म पर लेने पर आस्ट्रेलियन मीडिया के साथ ही दिग्गज निजी न्यूज आउटलेट और एबीसी और एसबीएस जैसे सार्वजनिक प्रसारकों को उसके लिए रकम अदा करनी होगी।
कानून के जिस पहलू पर सबसे ज्यादा विवाद है वह यह है कि अगर तीन महीने तक गूगल और फेसबुक तीन महीने में मीडिया कंपनियों के साथ कंटेंट की कीमत पर कोई समझौता नहीं कर पाते हैं तो उन्हें एक अनिवार्य मध्यस्थता को स्वीकार करना होगा। ये मध्यस्थ न्यूज आउटलेट के प्रस्ताव पर टेक कंपनी के साथ बात करेगा और उस पर एक सहमति तैयार करेगा।
इस कानून के तहत टेक कंपनियां अगर एल्गोरिदम में कोई परिवर्तन करती हैं जिससे न्यूज आउटलेट के कंटेंट वितरण पर कोई असर पड़ता है तो न्यूज आउटलेट को दो सप्ताह पहले नोटिस देना होगा। इसके साथ ही अगर कंपनियां भुगतान से बचने के लिए अगर कंटेंट को ब्लॉक करती हैं तो उन्हें जुर्माना देना होगा।
आस्ट्रेलिया के इस नये मीडिया कानून की पर दुनिया भर की नजर है। खास तौर पर जब दुनिया भर में बढ़ते डिजिटल बिजनेस में हिस्सा पाने में मीडिया आउटलेट मुश्किल का सामना कर रहे हैं। इस बिजनेस पर दुनिया की कुछ दिग्गज कंपनियों का पूरी तरह कब्जा है।
हम धमकी का जवाब नहीं देते- पीएम मॉरिसन
गूगल की धमकी का आस्ट्रेलिया ने तुरंत जवाब दिया है। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा 'आस्ट्रेलिया अपने नियम उन चीजों के लिए बनाता है जो आप आस्ट्रेलिया में कर सकते हैं। ये हमारी संसद में बनता है। जो लोग इसके साथ आस्ट्रेलिया में काम करना चाहते हैं उनका स्वागत है। लेकिन हम धमकियों का जवाब नहीं देते।'
वहीं शुक्रवार को सुनवाई के दौरान फेसबुक ने भी इस कानून को काम करने में मुश्किल करने वाला बतायाा और कहा कि वह आस्ट्रेलियाई मीडिया को अपने प्लेटफॉर्म पर पब्लिश करना बंद कर देगा। फेसबुक ने सुनवाई के दौरान कहा कि बड़ी संख्या में फेसबुक यूजर जो करना चाहते हैं वो कर सकेंगे लेकिन हम अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूज पब्लिश करना बंद कर देंगे।
मध्यस्थ को हटाना कंपनियों की प्रमुख मांग
हालांकि दोनों कंपनियों ने दूसरे विभिन्न माध्यमों से न्यूज आउटलेट को पेमेंट करने की इच्छा जताई है जिसमें गूगल न्यूज शोकेस और फेसबुक न्यूज जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने कानून में संशोधन के लिए कई सारे प्रस्ताव भी दिए हैं।
सिल्वा ने कहा कि आस्ट्रेलिया में अपनी सेवा को बंद करना गूगल का आखिरी विकल्प होगा खासतौर पर जब आगे बढ़ने के लिए दूसरे रास्ते मौजूद हैं। कंपनियों की प्रमुख मांग अनिवार्य मध्यस्थता को रद्द करने की हैं जो टेक कंपनियों और न्यूज आउटलेट को बीच मूल्य निर्धारण करने का काम करेगी।
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