चीन को पटखनी देगा ताइवान? अमेरिका ताइपे को देगा अरबों डॉलर के घातक हथियार
अमेरिका ताइवान को चीन से रक्षा करने का वचन दे चुका है। इससे पूर्व पोलिटिको (Politico) ने चीन के साथ बढ़ते तनाव (Taiwan Tension) के बीच सूत्रों का हवाला देते हुए बताया था
वाशिंगटन, 3 सितंबर : चीन से बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने ताइवान को करीब 1.1 बिलियन डॉलर के हथियार बेचने को मंजूरी दे दी है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के मुताबिक वाशिंगटन से ताइवान को मिलने वाले हथियारों में 60 एंटी-शिप मिसाइव और 100 एयर-टू-एयर मिसाइलें शामिल हैं। बता दें, कि पिछले महीने अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान दौरे के बाद चीन ने सैन्य अभ्यास की आड़ में ताइवान को धमकी देने की कोशिश की थी। इसके बाद अमेरिका ने ताइपे की रक्षा के लिए ये बड़ा कदम उठाया है। इससे चीन और अमेरिका के बीच के रिश्तें और भी ज्यादा बिगड़ने की संभावना जताई जा रही है।
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पेंटागन की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने बताया कि इस बिक्री में साइडविंदर मिसाइलें और संबंधित सैन्य उपकरण शामिल हैं। इनमें 85.6 मिलियन डॉलर की लागत से बने, हार्पून एंटी शिप मिसाइल हैं जो ताइवान को दिया जा रहा है। वहीं, अमेरिका ने करीब 355 मिलियन डॉलर और ताइवान के निगरानी रडार कार्यक्रम के लिए 665.4 मिलियन डॉलर के सैन्य उपकरण शामिल हैं।
अमेरिका ताइवान को रक्षा करने का दिया था वचन
अमेरिका ताइवान को चीन से रक्षा करने का वचन दे चुका है। इससे पूर्व पोलिटिको (Politico) ने चीन के साथ बढ़ते तनाव (Taiwan Tension) के बीच सूत्रों का हवाला देते हुए बताया था कि बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी कांग्रेस से ताइवान को अनुमानित 1.1 बिलियन डॉलर की हथियारों की बिक्री को मंजूरी देने की योजना बनाई थी, जिसमें 60 एंटी-शिप मिसाइल और 100 एयर-टू-एयर मिसाइल शामिल हैं।
चीन और अमेरिका में तानातनी का अंदेशा
अमेरिका के तरफ से ये आदेश राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन का ताइवान के प्रति समर्थन को दर्शता है, जो आने वाले दिनों में चीन के लिए काफी चुनौती पेश करने वाला होगा। चीन ताइवान को हड़पने के लिए उस पर लगातार दबाव बनाता जा रहा है। चीन ताइवान को किसी भी रूप में एक अलग देश नहीं मानता है। वह कह चुका है कि, अगर जरूरत पड़ी तो वह ताइवान पर कब्जा करने के लिए बल का प्रयोग करने से भी पीछे नहीं हटेगा।
नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा से नाराज है चीन
पिछले महीने अगस्त में अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान की यात्रा के बाद चीन ने लोकतांत्रिक रूप से शासित द्वीप पर खतरनाक सैन्य अभ्यास किया। इसकी चर्चा दुनिया भर के देशों में हुई। अमेरिका के इस कदम की रूस और चीन कड़ी निंदा की थी। इतना ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो नैन्सी पेलोसी को 'क्रेजी' यानी की 'पागल' तक कह दिया था।