अमरीका का ‘उकसावा’ शांति के लिए ख़तरा: उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया ने अमरीका को चेतावनी दी है कि दोनों देश ऐतिहासिक सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं और इस बीच अमरीका 'दबाव और सैन्य धमकी' न दे.
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अमरीका जानबूझकर उत्तर कोरिया को उकसा कर रहा है और कह रहा है कि प्रतिबंध तब तक नहीं हटाए जाएंगे जब तक वो परमाणु हथियारों को छोड़ न दे.
उत्तर कोरिया ने अमरीका को चेतावनी दी है कि दोनों देश ऐतिहासिक सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं और इस बीच अमरीका 'दबाव और सैन्य धमकी' न दे.
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अमरीका जानबूझकर उत्तर कोरिया को उकसा कर रहा है और कह रहा है कि प्रतिबंध तब तक नहीं हटाए जाएंगे जब तक वो परमाणु हथियारों को छोड़ न दे.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन अगले कुछ हफ़्तों में मुलाकात कर सकते हैं. दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच ये पहली मुलाक़ात होगी.
उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच महीनों तक युद्ध जैसी स्थिति के बाद पिछले महीने दोनों देशों के बीच सीमा पर एक सम्मेलन हुआ था जिसमें दोनों देशों के नेता क्षेत्र को परमाणु मुक्त करने पर राज़ी हुए थे.
1953 में दोनों कोरियाई देशों के बीच दुश्मनी के बाद किम जोंग-उन दक्षिण कोरिया की ज़मीन पर कदम रखने वाले पहले उत्तर कोरियाई नेता बने.
बातचीत नहीं होगी आसान
उत्तर कोरिया लगातार अमरीका की आलोचना करता रहा है लेकिन आगामी सम्मेलन की योजनाओं के दौरान उसने हालिया हफ़्तों में ट्रंप प्रशासन पर कई हमले किए हैं.
बीबीसी एशिया के संपादक माइकल ब्रिस्टो ने कहा है कि ताज़ा बयान यह बताता है कि दोनों देशों के बीच होने वाली बातचीत आसान नहीं होने वाली है.
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने एक अधिकारी के हवाले से कहा था कि अमरीका ये कहकर 'जनता को गुमराह' कर रहा है कि उत्तर कोरिया परमाणु हथियार नष्ट करने के लिए इसलिए राज़ी हुआ है क्योंकि उस पर प्रतिबंध और अन्य दबाव थे.
उस बयान में आगे कहा गया है कि अमरीका वर्तमान के अच्छे माहौल को कोरियाई प्रायद्वीप में सैन्य साज़ो-सामान तैनात करके भड़का रहा है.
बयान में कहा गया है, "कोरियाई प्रायद्वीप जब शांति और सुलह की ओर जा रहा है तब इस स्थिति में अमरीका जान-बूझकर उत्तर कोरिया को भड़का रहा है. पममुंजम घोषणापत्र और ऐतिहासिक उत्तर-दक्षिण सम्मेलन के लिए धन्यवाद."
"इस हरकत का कोई अर्थ नहीं निकाला जा सकता है वरना बातचीत के माहौल के लिए जो मेहनत की गई है वह बर्बाद हो जाएगी और स्थिति पहले जैसी हो जाएगी."
"उत्तर कोरिया शांति का इरादा रखता है अगर अमरीका इसे 'कमज़ोरी' समझता है और सैन्य धमकी देता रहता है तो मुद्दे की ओर ध्यान देना मुश्किल होगा."
बातचीत का स्थान अभी तक गुप्त
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि वह उत्तर कोरिया पर दबाव और अन्य प्रतिबंध लागू रखेंगे और सुझाव दिया था कि ये कड़े क़दम सुलह में मदद करेंगे.
27 अप्रैल को किम दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन से पममुंजम के सीमाई गांव में मिले थे.
उन्होंने कहा था कि वे अमरीका और चीन के साथ औपचारिक रूप से कोरियाई युद्ध समाप्त करने के लिए बातचीत करेंगे.
1953 में युद्ध-विराम संधि के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध रुका था लेकिन पूरी तरह शांति स्थापित नहीं हुई थी.
हालांकि, अब दोनों देशों ने 'परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप' के लक्ष्य का वादा किया है.
ट्रंप ने कहा है कि बातचीत के लिए तारीख़ और जगह तय है लेकिन उन्होंने इसकी पूरी जानकारी नहीं दी है.