अफगान राष्ट्रपति को पाकिस्तान ने दी चेतावनी, अमेरिका से शिकायत की तो बुरा होगा अंजाम
अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज निकल रही है और उससे पहले अफगान राष्ट्रपति का अमेरिका दौरा बेहद अहम माना जा रहा है, लेकिन उससे पहले पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से धमकी देते हुए कहा है कि वो अमेरिका से पाकिस्तान की शिकायत ना करें।
इस्लामाबाद/काबुल, जून 23: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और अफगान हाई पीस काउंसिल के चेयरमैन अब्दुल्ला-अब्दुल्ला इस हफ्ते अमेरिका के दौर पर होंगे, जहां वो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करने वाले हैं। लेकिन, उससे पहले पाकिस्तान ने लगातार दूसरी बार अफगानिस्तान के राष्ट्रपति को चेतावनी दी है। माना जा रहा है कि अफगानिस्तान के पास पाकिस्तान के खिलाफ कई ऐसे सबूत हैं, जिससे अंतर्राष्ट्रीय जगत में पाकिस्तान पूरी तरह से बेनकाब हो सकता है, लिहाजा पाकिस्तान सीधे तौर पर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति को धमका रहा है।
अफगान राष्ट्रपति को धमकी
अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज निकल रही है और उससे पहले अफगान राष्ट्रपति का अमेरिका दौरा बेहद अहम माना जा रहा है, लेकिन उससे पहले पाकिस्तान की सरकार ने अफगानिस्तान से कहा है कि वो अमेरिका से पाकिस्तान की शिकायत ना करें और अगर ऐसा होता है तो अफगानिस्तान के लिए अंजाम बुरा होगा। पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने अफगानिस्तान की सरकार को साफ शब्दों में मैसेज भेजा है कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान की स्थिति के लिए जिम्मेदार बताया तो अंजाम सही नहीं होगा। पाकिस्तान के अफगान स्थिति राजदूत ने तो अफगानिस्तान सरकार से बातचीत की ही है, इसके अलावा भी पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगान हाई पीस काउंसिल के चेयरमैन अब्दुल्ला-अब्दुल्ला से तुर्की में मुलाकात की थी और दोनों दफे अफगानिस्तान को चेतावनी दी गई है।
डरा हुआ है पाकिस्तान
अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून से कहा है कि अफगान राष्ट्रपति के अमेरिका दौरे से पाकिस्तान डरा हुआ है। पाकिस्तान को डर है कि अफगान राष्ट्रपति अमेरिका दौरे में पाकिस्तान को अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया भंग होने के लिए जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इसी महीने पाकिस्तान में मीडिया से बात करते हुए साफ तौर पर कहा था कि अगर अमेरिका में पाकिस्तान की शिकायत की जाती है तो उसके बाद अफगानिस्तान में जो हालात पैदा होंगे, उसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान नहीं लेगा। दरअसल, पिछले कुछ महीने से अफगानिस्तान सराकर और पाकिस्तान के बीच का संबंध बुरी तरह से खराब हो चुका है और पाकिस्तान चाहता है कि तालिबान, अफगानिस्तान की चुनी सरकार को सत्ता से हटाए और अफगानिस्तान की सरकार पाकिस्तान के इस मंसूबे को जानती है। अफगान एनएसए ने तो खुलेआम पाकिस्तान को गाली देना शुरू कर दिया है। दो हफ्ते पहले अफगानिस्तान के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर ने पाकिस्तान को चकलाघर तक कहा था।
पाकिस्तान की ब्लैकमेलिंग
अफगानिस्तान में पांव पसारते तालिबान को पाकिस्तान हथियार पहुंचा रहा है और दो दिन पहले पाकिस्तानी सेना के जवान भी तालिबान के साथ मिलकर जंग लड़ता पकड़ा गया था। वहीं, पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने एक बयान में कहा कि "अफगान नेताओं की वाशिंगटन डीसी की यात्रा एक द्विपक्षीय मुद्दा है। हालांकि, पाकिस्तान उम्मीद करता है कि अमेरिका, अफगान शांति प्रक्रिया की सफलता के लिए अपनी भागीदारी और प्रयासों को जारी रखेगा। अफगानिस्तान में शांति एक साझा उद्देश्य बना हुआ है और सिर्फ पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा"। वहीं, व्हाइट हाउस ने कहा है कि अफगान राष्ट्रपति गनी और डॉ अब्दुल्ला की यात्रा संयुक्त राज्य अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच एक "स्थायी साझेदारी" को व्यवस्थित करेगी, क्योंकि अमेरिकी फौज अफगानिस्तान से बाहर निकल रही है।
पांव पसारता तालिबान
अमेरिका ने जब से अफगानिस्तान से सैनिकों को निकालने का ऐलान किया है, उसके बाद से अफगानिस्तान में तालिबान ने काफी तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान में लगातार बम धमाके हो रहे हैं और सैनिकों के साथ तालिबान की लड़ाई काफी खतरनाक स्तर पर जा चुकी है। तालिबान ने 1 मई के बाद से अब तक अफगानिस्तान के 30 से ज्यादा जिलों पर कब्जा कर लिया है। वहीं, अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी की अमेरिका यात्रा को तालिबान ने 'बेकार' कहा है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, "असरफ गनी और अब्दुल्ला- अब्दुल्ला अपनी शक्ति और व्यक्तिगत हितों के लिए अमेरिका जा रहे हैं, इससे अमेरिका को कोई फायदा नहीं होने वाला है।
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