Irmgard Forchner: हिटलर की वो टाइपिस्ट, जिसने 10, 500 लोगों के माथे पर लिखी मौत, 97 साल की उम्र में मिली सजा
इरमगार्ड फॉर्चनर को जब हिरासत में लिया गया तब वह महज 18 से 19 साल की थी। उस पर 10,505 लोगों की हत्या में सहायता और 5 लोगों की हत्या करने की कोशिश करने का दोषी पाया गया था।
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क्या आप यकीन करेंगे कि एक 97 वर्षीय महिला को 10 हजार से भी अधिक लोगों की हत्या कें शामिल होने का दोषी पाया गया है? जी हां ये सच है। जर्मनी में नाजी एकाग्रता शिविर सचिव के रूप में काम करने वाली एक 97 वर्षीय महिला को हजारों लोगों की हत्या में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया है। यह बुजुर्ग महिला कोई आम महिला नहीं है बल्कि दूसरे विश्वयुद्ध के सबसे बड़े गुनहगार एडोल्फ हिटलर के नाजी कैंप में तैनात टाइपिस्ट इरमगार्ड फॉर्चनर है।
हिटलर के कैंप में टाइपिस्ट
इरमगार्ड फॉर्चनर ने 1943 से 1945 तक यानी के नाजी शासन के अंत तक नाजी के कब्जे वाले पोलैंड में ग्दान्स्क के पास स्टुट्थोफ कैंप में स्टेनोग्राफर और टाइपिस्ट के रूप में काम किया था। इरमगार्ड फॉर्चनर को जब हिरासत में लिया गया तब वह महज 18 से 19 साल की थी। उस पर 10,505 लोगों की हत्या में सहायता और 5 लोगों की हत्या करने की कोशिश करने का दोषी पाया गया था। हालांकि उसकी उम्र कम होने की वजह से उसे किशोर कानून के तहत महज 2 सालों की सजा सुनाई गई थी।
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इरमागार्ड ने अपनी गलती मानी
इरमगार्ड फॉर्चनर नाजी अपराधों के लिए दोषी ठहराई जाने वाली पहली महिला है। इस महीने की शुरुआत में, फॉर्चनर ने अदालत में अपनी गलती स्वीकारते हुए कहा कि जो हुआ उसके लिए उसे खेद है। उसे इस बात का खेद है कि वह उस समय शिविर में थी। फॉर्चनर नाजी सेना में एक सैनिक के रूप में सेवा नहीं करती थी। जजों का कहना है कि भले ही वह नाजी सेना में सैनिक नहीं थी मगर यह कल्पना से परे है कि उन्हें वहां बड़े पैमाने पर हो रही हत्याओं के बारे में पता नहीं था। अदालत का मानना है कि वह किसी भी वक्त अपनी नौकरी छोड़ सकती थीं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
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भूख और बीमारी से मरे 65 हजार लोग
रिपोर्ट के मुताबिक, जून 1944 के आसपास स्टैमथॉफ कैंप में 65 हजार लोग मारे गए थे। इन लोगों की मौत भूख या फिर बीमारी के कारण हुई थी। इन लोगों में यहूदियों के अलावा गैर यहूदी और सोवियत सैनिक भी शामिल थे। इरमगार्ड फॉर्चनर स्टेथोफ शिविर में मरने वालों की डेथ सर्टिफिकेट पर मुहर लगाती थी। रिपोर्टों से पता चलता है कि कैदियों को मारने के लिए स्टेथोफ कैंप में गैस चैंबर भी बनाए गए थे।
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सजा पर अभी तक नहीं हुई कोई बात
इरमगार्ड फॉर्चनर पर सितंबर 2021 में ट्रायल की शुरुआत हुई थी। इर्मगार्ड उस समय अपने रिटायरमेंट होम से भाग गई थीं। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हैमबर्ग की एक गली में पकड़ा था। बता दें कि जर्मनी में नाजी अपराध के दोषियों को सजा दिलाने के प्रयास बीते कई सालों से जारी हैं। हालांकि कुछ ही लोग हैं जिन्हें 2011 के बाद सजा मिली है। फिलहाल इर्मगार्ड की सजा पर कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि इस उम्र में उन्हें सजा दी जाएगी, इसकी संभावना न के बराबर है।