1MDB scandal: जिस घोटाले में फंसे हैं पूर्व-प्रधानमंत्री, उसके लिए भारतीय मूल के बैंकर पर लगा प्रतिबंध
एसपीएफ और एमएएस ने कहा है कि, अटॉर्नी-जनरल के चैंबर्स के परामर्श के बाद सीएडी ने एमएएस अधिनियम के तहत दो अपराधों के लिए श्रीराम पर मुकदमा चलाने के बदले एक सशर्त चेतावनी जारी की है।
1MDB Scandal News: मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक की कुख्यात कंपनी 1मलेशिया डेवलपमेंट बरहाद (1MDB) से जुड़े एक संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट करने में नाकाम रहने के लिए भारतीय मूल के एक बैंकर पर 10 सालों का प्रतिबंध लगा दिया गया है और 24 महीने की सशर्त चेतावनी जारी की गई है। भारतीय मूल के जिस बैंकर पर 10 सालों का प्रतिबंध लगा गया है, उनका नाम राज श्रीराम है और बीएसआई बैंक लिमिटेड की सिंगापुर शाखा ने कहा है, कि राज श्रीराम ने पूर्व प्रधानमंत्री के संदिग्ध लेनदेन की जानकारी नहीं दी।
राज श्रीराम के खिलाफ कैसा है प्रतिबंध?
सिंगापुर के मॉनेट्री अथॉरिटी और सिंगापुर पुलिस फोर्स ने एक बयान में कहा है कि, बीएसआई बैंक लिमिटेड की सिंगापुर शाखा (बीएसआईएस) के पूर्व डिप्टी सीईओ और निजी बैंकिंग के प्रमुख राज श्रीराम को निषेधाज्ञा जारी की गई थी और सोमवार को संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट करने के लिए चेतावनी दी गई थी। चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, राज श्रीराम के खिलाफ ये प्रतिबंध सोमवार से लागू हो गया है, जिसे एमएएस ने जारी किया था, जबकि एसपीएफ के वाणिज्यिक मामलों के विभाग (सीएडी) ने उन्हें सशर्त चेतावनी दी थी। संयुक्त बयान में कहा गया है कि, ये प्रतिबंध आदेश श्रीराम को "वित्तीय सलाहकार अधिनियम के तहत किसी भी वित्तीय सलाहकार सेवा प्रदान करने या प्रबंधन में भाग लेने, निदेशक के रूप में कार्य करने या किसी भी वित्तीय सलाहकार फर्म के पर्याप्त शेयरधारक बनने" से प्रतिबंधित करता है।
राज श्रीराम के खिलाफ मिले सबूत
सीएडी ने कहा है कि, उसने श्रीराम की बीएसआईएस के व्यापारिक लेन-देन में उनकी भूमिका और 1MDB की सहायक कंपनियों के साथ संबंधों और अबू धाबी स्थित आबर इंवेस्टमेंट्स पीजेएस की कथित सहायक कंपनी आबार इन्वेस्टमेंट्स पीजेएस लिमिटेड के संबंध में जांच की है। एसपीएफ़ और एमएएस ने कहा कि, जांच में विभाग ने पाया है कि, मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए मर्चेंट बैंकों के लिए एमएएस नोटिस के तहत आवश्यक "बीएसआईएस के लिए 1 एमडीबी से संबंधित लेनदेन के संबंध में संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट दर्ज करने के लिए उचित आधार" थे। बयान में कहा गया है कि श्रीराम की उपेक्षा के कारण बीएसआईएस ने रिपोर्ट दाखिल नहीं की।
श्रीराम के खिलाफ नहीं चलाया गया मुकदमा
एसपीएफ और एमएएस ने कहा है कि, अटॉर्नी-जनरल के चैंबर्स के परामर्श के बाद सीएडी ने एमएएस अधिनियम के तहत दो अपराधों के लिए श्रीराम पर मुकदमा चलाने के बदले एक सशर्त चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी के तहत, श्रीराम ने सिंगापुर सरकार के कंसोलिडेटेड फंड में 150,000 सिंगापुर रुपये का भुगतान किया है और 24 महीने की अवधि के लिए आपराधिक आचरण से बचने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही वो 1MDB से संबंधित जांच में CAD के साथ सहयोग करना भी जारी रखेंगे और पिछले साल 6 सितंबर से चार साल की अवधि के लिए किसी भी निदेशक पद को स्वीकार नहीं करेंगे। बयान में यह भी कहा गया है कि श्रीराम के आचरण के लिए 10 साल के प्रतिबंध आदेश की आवश्यकता है, क्योंकि वह बीएसआईएस में एक वरिष्ठ पद पर थे और उनकी उपेक्षा ने बीएसआईएस को संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट दर्ज करने में विफल कर दिया।
1MDB का संदिग्ध स्कैंडल क्या है?
एमएएस में वित्तीय पर्यवेक्षण के उप प्रबंध निदेशक हो हर्न शिन ने कहा कि, "बीएसआईएस, जिसमें श्रीराम डिप्टी सीईओ और निजी बैंकिंग के प्रमुख थे, उसके जरिए 1MDB को दागी धन मुहैया कराया गया।" उन्होंने कहा कि, एमएएस ने मई 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए कानूनों का "बार-बार उल्लंघन" किया, जिसकी वजह से बीएसआईएस का लाइसेंस वापस ले लिया। इस तरह के कानूनों और विनियमों के साथ एक वित्तीय संस्थान के अनुपालन को सुनिश्चित करने की अंतिम जिम्मेदारी उसके निदेशक मंडल और वरिष्ठ प्रबंधन के पास है, लिहाजा श्रीराम की भूमिका तय की गई है। एसपीएफ और एमएएस ने कहा कि उन्होंने इन कानूनों के अनुपालन और संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट दर्ज करने को गंभीरता से लिया है। (सभी तस्वीर- मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री)