केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रवासी युवाओं को दिया LER मंत्र, जानिए इसका फुल फॉर्म
प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए, जहां उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए LER मंत्र दिया.
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17 वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन समारोह में केंद्रीय नागरीक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए, जहां उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए LER मंत्र दिया, साथ ही उन्होंने प्रवासी युवाओं से इस मंत्र के साथ आगे बढ़ने का अनुरोध भी किया। 17 वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ ही सूरिनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी, गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली, राज्यपाल मंगूभाई पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सम्मेलन को संबोधित किया।
सिंधिया ने प्रवासी युवाओं को दिया मंत्र
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, आज आजादी के अमृत महोत्सव के वर्षों में जो 2013-14 में भारत आर्थिक स्थिति में विश्व में 13 नंबर की शक्ति थी, आज भारत पांचवें नंबर की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था विश्व में बन चुकी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, और 2030 तक भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी, जर्मनी और जापान से भी आगे निकलकर। साथ ही सिंधिया ने कहा की, आज के इस दिवस पर आप सभी लोगों से निवेदन है, भारत की इंडियन ग्रोथ स्टोरी में भागीदार बने, प्रधानमंत्री जी के संकल्प को मजबूत करें। अपनी जन्मभूमि से जुड़े रहे, और हमारे युवाओं को जो हमारे इंडिया के बाहर काम कर रहे हैं। मेरा एक ही मंत्र है, एक ही संदेश है, LER, लर्न, अर्न एंड डू रिटर्न। मुझे विश्वास है कि, आपकी भागीदारी के साथ भारत की यह सदी होगी। इसी भावना के साथ भारत माता की जय।
भारत की जनसंख्या 138 करोड़ है
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, हम आज देखें कि, भारत की छाप हमारे प्रवासी भारतीयों ने कहां नहीं छोड़ी, चाहे हम कोई मल्टीनेशनल कॉरपोरेशन देखें, चाहे हम देश के नेतृत्व करने वाले लोगों को देखें, चाहे हम विशेषज्ञों को देखें, चाहे हम एक एक सेक्टर में डॉक्टर इंजिनियर को देखें, चाहे यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जी हों, चाहे हमारे माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्यम नडेला हो, चाहे गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई हो, चाहे आयरलैंड के राष्ट्रपति लियो वार्डकार हो, यह अतिशयोक्ति नहीं होगी, यदि हम कहें, भारत और भारतीयों को उभारने का काम प्रवासी भारतीयों को ने किया है, और अकेले नहीं अपने साथ पूरे विश्व को उठाने का कार्य हमारे प्रवासी भारतीयों ने किया है। इसलिए मैं मानता हूं कि भारत की जनसंख्या केवल 135 करोड़ तक सीमित नहीं, बल्कि भारत की जनसंख्या 138 करोड़ है, जिसमें तीन करोड़ हमारे प्रवासी भारतीयों की जनसंख्या है।
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