Indore में बिछेगा CCTV कैमरे का जाल, स्वच्छ शहर अब बनेगा सुरक्षित शहर

प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में नगर निगम परिषद बनने के बाद पहले परिषद सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें बीजेपी और कांग्रेस समेत निर्दलिय पार्षद शामिल हुए। सम्मेलन में शहरहित से जुड़े तमाम मुद्दे उठाए गए, जिन पर पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने चर्चा के साथ मंथन किया। नगर निगम परिषद के पहले सम्मेलन में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे की ओर से विभिन्न मुद्दें उठाए गए, इनमें एक मुद्दा नक्शा घोटाले को लेकर भी था, जिस पर हंगामे की स्थिति बनती नजर आई, वहीं नेता प्रतिपक्ष के उठाए मुद्दे पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसी के साथ सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी विपक्ष ने अपनी आवाज बुलंद की है।
सीसीटीवी से रखी जाएगी नजर
इंदौर नगर निगम परिषद की बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लिए, जिसमें महापौैर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि, इस परिषद ने अल्प समय में ही कुछ ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जो भविष्य के इंदौर के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। वर्ष 2050 को ध्यान में रख कर कार्य किए जा रहे हैं। हर वार्ड का मास्टर प्लान बनाया जाएगा। सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कानून बनाने वाला इंदौर नगर निगम देश में पहला निगम बन गया है। आने वाले समय में शहर हित में कुछ कठोर निर्णय भी लिए जाएंगे। साथ ही बताया गया की, पहली एमआईसी की बैठक में सीसीटीवी के बायलाज बना कर परिषद के समक्ष प्रस्तुत किए थे, जिसमें इंदौर का कोई भी भाग जहां सौ से अधिक लोगों का आना-जाना होता हो वहां सीसीटीवी लगाना जरूरी होगा। हैदराबाद ने यह कार्य किया है, लेकिन जनभागीदारी से सीसीटीवी लगाने वाला इंदौर देश का पहला शहर होगा।
कुछ ऐसी है पूरी योजना
इसी के साथ महापौर ने बताया की, एक सेंट्रलाइज कमांड सेंटर होगा, जिसमें सभी सीसीटीवी की फीड हमें दिखाई देगी। साथ ही यह भी दिखाई देगा कि कौनसा सीसीटीवी कैमरा बंद है। जिस प्रकार से स्वच्छता नहीं रखने वालों को नोटिस देकर जुर्माना लगाते हैं, वैसा प्रावधान भी इन नियमों में किया गया है कि, यदि किसी का सीसीटीवी कैमरा बंद है, और जानबूझ कर के बंद रखा जाता है तो उस पर जुर्माना लगाने की कारवाई भी की जाएगी। यह प्रश्न भी आया था कि, कितने सीसीटीवी लगे हैैं, किसने लगाए हैं, इंदौर नगर निगम ने केवल बीआरटीएस पर कैमरे लगाने का काम किया है। अब सीसीटीवी सर्विलेंस योजना के माध्यम से नगर निगम उन ग्रे एरिया में जहां गरीब लोग कैमरे नहीं लगा सकते हैं ऐसे 12 हजार स्थानों पर कैमरे लगाने का कार्य करेगा। यह ऐतिहासिक निर्णय स्वच्छ शहर बनाने के साथ ही सुरक्षित शहर बनाने का कार्य भी करेगा।
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