भारत ने प्रदूषण के मामले में चीन को छोड़ा पीछे, मौत के आंकड़े भूखमरी से भी खतरनाक- लैंसेट रिपोर्ट
नई दिल्ली। प्रदूषण के मामले में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। लैंसेट कमीशन ऑन पॉल्यूशन और हेल्थ ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रदूषण के मामले में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। दुनिया भर में प्रदूषण से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदूषण से मौत के आकंड़े किसी गृह युद्ध, हिंसा, स्मोकिंग, प्राकृतिक आपदा और भूखमरी से खतरनाक है। रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में दुनियाभर में प्रदूषण से मरने वालों की संख्या 90 लाख थी।
लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2015 में प्रदूषण से 25 लाखों लोगों की मौत हुई थी। इनमें से वायु प्रदूषण के चलते मरने वालों की संख्या 18 लाख से ज्यादा तो वहीं, जल प्रदूषण के कारण 6 लाख से ज्यादा (0.64 मिलियन) लोगों की मौत हुई थी। भारत में यह आकंड़ा भूखमरी जैसे संकट से लेकर टीबी और एड्स की बीमीरियों से भी ज्यादा है।
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण की वजह से हर 5 मिनट में एक बच्चे की मौत हो रही है। प्रदूषण के कारण 90 लाख लोगों के मरने का आंकड़ा, स्मोकिंग से मरने वाले लोगों से डेढ़ गुना ज्यादा है। वहीं, एड्स और मलेरिया जैसी बिमारियों से तीन गुना और सड़क दुर्घटना से होने वाली मौत से छह गुना ज्यादा प्रदूषण हो रही है। दुनिया के 20 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में भारत के
प्रदूषण से होने वाली ज्यादातर मौतें विकासशील देशों में हैं, जहां प्रदूषण अपने चरम स्तर पर है। विकासशील देशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिकीकरण के कारण पर्यावरण के साथ सबसे ज्यादा खिलवाड़ हुआ है। लैंसेट रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में प्रदूषण के कारण जहां भारत में 25 लाख मौते हुई वहीं, चीन में 18 लाख लोग मारे गए हैं। पाकिस्तान इस मामले में तीसरे, नाइजीरिया चौथे, इंडोनेशिया पांचवे और रूस छठे नंबर पर है।
ग्रीनपीस की रिपोर्ट के अनुसार हर साल प्रदूषण से मरते हैं 12 लाख लोग, दिल्ली है टॉप पर