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दिल्ली में क्या हर मोहल्ले में खुल जाएगी शराब की दुकान?

दिल्ली में शराब की बिक्री अब सरकारी ठेकों पर नहीं होगी. इसका कारोबार अब निजी हाथों में दे दिया गया है. इसका विरोध करने वाले इस फ़ैसले को लेकर चिंता जता रहे हैं.

By BBC News हिन्दी
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भारत में शराब की बिक्री
EPA
भारत में शराब की बिक्री

दिल्ली में जब बुधवार से सरकारी ठेके बंद होंगे और शराब का कारोबार निजी हाथों में जाएगा तो उस वक़्त देश की राजधानी में "नौ लाख लीटर" शराब मौजूद होगी.

ये सरकारी आंकड़े हैं, क्योंकि जिन दस थोक व्यापारियों को लाइसेंस दिए गए हैं उन्होंने सरकार को बताया है कि उनके पास इतना स्टॉक मौजूद है जिन्हें नई खुलने वाली शराब की दुकानों में दिया जाएगा.

दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग का कहना है कि फ़िलहाल 430 निजी लोगों को लाइसेंस दिए गए हैं जिनकी नीलामी की गई थी. इस प्रक्रिया से दिल्ली सरकार को 8,911 करोड़ रूपए का राजस्व मिला है.

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अनुसार शराब की दुकानों की नीलामी से सरकार को 10 हज़ार करोड़ रूपए के राजस्व का लक्ष्य है. सरकार 400 अतिरिक्त दुकानों के लिए नीलामी की प्रक्रिया भी जल्द शुरू करगी.

यानी इसका मतलब ये हुआ कि दिल्ली के हर कोने में अब शराब आसानी से उपलब्ध होगी.

विभाग के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में कुल मिलाकर शराब की 850 दुकानें हैं जिनमें 260 निजी तौर पर चलाई जाती हैं जबकि बाक़ी की दुकानों को दिल्ली सरकार संचालित रहीं हैं.

मंगलवार तक इन सभी सरकारी और निजी दुकानों के बंद होने के बाद जो नई व्यवस्था लागू की गई है उसके तहत अब शराब बेचने का काम सिर्फ़ निजी हाथों में होगा, सरकार शराब की दुकानों का संचालन नहीं करेगी.

कोरोना वायरस, शराब की बिक्री
Getty Images
कोरोना वायरस, शराब की बिक्री

कैसे मिलेगी शराब ?

दिल्ली सरकार ने इसी साल जून में अपनी नई आबकारी नीति के घोषणा की है. इसके हिसाब से अब शराब वैसे ही ख़रीदी जा सकती है जिस तरह लोग मॉल में सामान खरीदते हैं.

अभी तक जो सरकारी ठेकों से शराब मिला करती थी वो सलाख़ों के पीछे से ही मिला करती थी. ग्रिल लगी हुई शराब की दुकानों पर धक्का-मुक्की कर बड़ी मुश्किल से शराब ख़रीदी जाती थी.

लेकिन अब शराब के शौक़ीन टहलते हुए दुकानों में जाकर अपना पसंदीदा ब्रांड आराम से ख़रीद सकते हैं.

इसके लिए आबकारी नीति में प्रावधान भी किए गए हैं. मसलन शराब के स्टोर के लिए एक बड़ी जगह की ज़रूरत होगी. साधारण दुकानों के लिए 500 वर्ग मीटर क्षेत्र निर्धारित किया गया है जबकि जो 'सुपर प्रीमियम रिटेल स्टोर' बनाए जा रहे हैं उनके लिए 2500 वर्ग मीटर की जगह होना अनिवार्य किया गया है.

'सुपर प्रीमियम रिटेल स्टोर' से शराब खरीदने से पहले अलग-अलग ब्रांड को 'टेस्ट' करने की भी सुविधा होगी.

सभी दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए होंगे. सभी ब्रांड डिस्प्ले पर होंगे.

कुल मिलाकर पूरी दिल्ली को 32 ज़ोन में बांटा गया है जहां नई दुकानें खोली जा रहीं हैं.

https://www.youtube.com/watch?v=5NLwJnu49nU

अदालत की मंज़ूरी

सरकार की नई नीति को निजी शराब की दूकान चलाने वाले रतन लाल ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. लेकिन न्यायमूर्ति डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने उनकी याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि ये सरकार के अधिकार क्षेत्र में है कि वो कब नई नीति बनाए या पुरानी नीति में संशोधन करे.

जहाँ तक बात सरकारी ठेकों की है तो उनमें काम करने वाले लोग या तो 'कॉन्ट्रैक्ट' पर हैं या फिर सरकारी मुलाज़िम. उनके बारे में अभी तक सरकार ने कुछ स्पष्ट नहीं किया है. लेकिन नई आबकारी नीति की वजह से जो निजी दुकानें बंद हो रही हैं उनमें 3000 के आसपास लोग काम करते हैं.

'दिल्ली लिकर ट्रेडर्स एसोसिएशन' के अध्यक्ष नरेश गोयल के अनुसार, इन कर्मचारियों के सामने रोज़गार का बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.

हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ के सामने दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने स्पष्ट किया कि मॉल में जो निजी दुकानें हैं वो बंद तो होंगी लेकिन जल्द ही नए सिरे से लाइसेंस मिलने के बाद वो खुल भी जाएँगी.

दिल्ली में शराब के शौकीनों को काफ़ी सब्र करना पड़ा है क्योंकि सभी निजी शराब की दुकानें 1 अक्टूबर से ही बंद हैं.

विरोध और चिंता

लेकिन सरकार के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है. सोमवार को स्वराज इंडिया पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राजघाट पर काली पट्टियां बांधकर धरना भी दिया. धरने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के कार्यालय जाकर एक ज्ञापन सौंपकर भी अपना विरोध जताया.

पार्टी के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष नवनीत तिवारी ने संविधान के अनुच्छेद 47 का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रावधान में सहमति जताई गयी है कि 'राज्य मादक पेय पदार्थ के उपभोग पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करेगा'.

https://www.youtube.com/watch?v=DlIalPGXMXE

तिवारी कहते हैं कि नई आबकारी नीति के लागू होते ही दिल्ली के सभी 272 वार्ड में कम-से-कम तीन शराब की दुकानें खोली जायेंगी.

वो कहते हैं, "कुल 849 ठेके निजी क्षेत्र में खोले जायेगें. मैरेज हॉल आदि को एक साल के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान कर दिया गया है. यानी दिल्ली के लगभग हर मोहल्ले में शराब की दुकानें खुल जाएँगी.

"चिंता की बात ये है कि एक तरफ़ शराब पीने के लिए उम्र की सीमा को कम कर दिया गया है और अब दिल्ली में कई जगहों पर लगभग 24 घंटे शराब की बिक्री के लिए प्रावधान कर दिया गया है. इससे युवाओं में नशाखोरी की लत बढ़ेगी."

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English summary
Will liquor shops open in every locality in Delhi?
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