सड़क हादसे में एनएसजी जवान की मौत, पत्नी ने सैल्यूट करके दी अंतिम विदाई
पटना। गुड़गांव में जिस तरह से 6 नवंबर को मानेसर कैंप में हादसा हुआ उसमे एनएसजी के जवान अभय कुमार पाठक की मौत हो गई थी। लेकिन जब अभय कुमार का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके घर मड़कन गांव पहुंचा तो हर तरफ माहौल गमगीन था। पाठक की पत्नी रूबी पाठक का रो-रोकर बुरा हाल था, लेकिन इस भावुक क्षण में भी उन्होंने अपने पति को सैल्यूट करके अंतिम विदाई दी। अभय पाठ के शव को उनके पैतृक घर भेजने से पहले पूर्व दिल्ली कैंट में उन्हें पूरे सैनिक सम्मान के साथ गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया, इस दौरन आर्मी कमांडर के चीफ, कई अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने अभय को अपनी अंतिम विदाई थी। पूरे सैनिक सम्मान के साथ अभय के शव को तिरंगे में लपेटकर एनएसजी के असिस्टैंट कमांडर 1 डी के सिंह को सौंपा गया। उनके नेतृत्व में सूबेदार कार्तिक उरांव, राजेंद्र सिंह, अमरेश कुमार चौबे व सुमित कुमार राय के साथ पाठक के शव को उनके घर ले जाया गया।
शनिवार को जब पाठक का शव उनके घर पहुंचा तो हर तरफ कोहराम मच गया, लोगों शव को देखते हुए चीखने-रोने लगे। शव को देखकर अभय की पत्नी बेहोश हो गई, कुछ देर बाद जब उन्हें होश आया तो वह शव से लिपटकर रोने लगीं। वह कह रही थीं कि अब हमारे बच्चों का जीवन यापन कौन करेगा। अभय की दोनों बेटियां भी रो रही थीं। अभय की दो बेटियां है एक का नाम सुहाना है जिसकी उम्र 7 वर्ष जबकि दूसरी बेटी सौम्या की उम्र महज 4 वर्ष है।
8 अप्रैल 2003 में एनएसजी में शामिल
आपको बता दें कि अभय ने 8 अप्रैल 2003 में एनएसजी में शामिल हुए थे। एनएसजी में उनके चयन के बाद उनके पूरे गांव में खुशी की लहर थी। लेकिन शायद ही किसी को इस बात का अंदाजा था कि महज 35 वर्ष की आयु में उनका निधन हो जाएगा। गौरतलब है कि 6 नवंबर को गुड़गांव के मानेसर के बाहर जब अभय गए थे तो अनियंत्रित बाइक सवार ने उन्हें टक्कर मार दी थी, जिसके चलते उनके सिर में चोट आ गई थी, 10 दिन तक रॉकलैंड अस्पताल में संघर्ष के बाद अभय का 16 नवंबर को निधन हो गया था।
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