डीआरडीओ समय पर नहीं बना पा रहा मिसाइल, ड्रोन और राडार
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आॅर्गनाइजेशन महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को समय पर पूरा नहीं कर पा रहा है। सामने आया है कि क्रिटिकल मिलिट्री प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने में डीआरडीओ इन दिनों लगातार फेल हो रहा है। जासूसी ड्रोन, राडार, मिसाइल, आर्टिलरी गन को बनाने की समयसीमा को डीआरडीओ पूरा नहीं कर पा रहा है।
टीओआई की खबर के मुताबिक अधिकारिक दस्तावेज इस बात की पुष्टि करते हैं कि दो महत्वूपर्ण प्रोजेक्ट को इस माह पूरा किया जाना था। पर अब डीआरडीओ ने इन प्रोजेक्ट को पूरा करने की अगली तारीख दे दी है। पहले प्रोजेक्ट पर काम जनवरी, 2012 में शुरू हुआ था। इस प्रोजेक्ट में एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली एररे राडार बनाने का काम शुरू हुआ था। इस प्रोजेक्ट पर 445 करोड़ रूपए की लागत आई है। पर उत्तम नाम से बनने वाले इस राडार की डेडलाइन को अब मई 2019 तक के लिए बढ़ा दिया है।
रुस्तम-2
की
डेडलान
चूकी
डीआरडीओ
का
दूसरा
प्रोजेक्ट
रुस्तम-2
जिसे
वर्ष
2011
में
1,649
करोड़
रूपए
की
लागत
से
शुरू
किया
गया
था।
इसको
पूरा
करने
की
अंतिम
तारीख
को
फरवरी,
2017
तक
बढ़ा
दिया
गया
है।
आपको बताते चलें कि एईएसए राडार के समय पर पूरा न होने के चलते पिछले महीने भारतीय वायुसेना को सौंपे गए दो तेजस विमानों में पुराने ही राडार लगे हुए हैं। तेजस विमान का निर्माण भी वर्ष 1983 के एलसीए प्रोजेक्ट के तहत ही हुआ है।
डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक ने बताया कि रक्षा क्षेत्र में रिसर्च पर यहां कम पैसा खर्च किया जाता है। चीन की सरकार रक्षा के लिए आवंटित बजट में से 20 फीसदी बजट रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए देती है। वहीं डीआरडीओ को सिर्फ 5-7 फीसदी बजट ही मिलता है।