PMC-Yes Bank के बाद किसकी बारी ? चिदंबरम का वित्त मंत्री से सवाल
नई दिल्ली- यस बैंक पर आरबीआई की पाबंदी की कार्रवाई के बाद पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सीतारमण पर तंज कसते हुए सवाल पूछा है कि दो बैंकों की हालत तो देख ली अब अगला किसकी बारी है। दरअसल, चिदंबरम ने पीएमसी और यस बैंकों पर आए संकट का हवाला देकर यह सवाल किया है। उन्होंने वित्त मंत्रालय पर आरोप लगाया है कि वह वित्तीय संस्थाओं को नियंत्रित रखने में नाकाम साबित हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार के दौरान इस बैंक ने आंख मूंदकर लोन दिए और इसी वजह से वह डूब गया।
चिदंबरम के निशाने पर सीतारमण
शुक्रवार को यस बैंक संकट को लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर जोरदार हमला बोला है। एक के बाद एक ट्वीट में उन्होंने वित्त मंत्रालय की ओर से वित्तीय संस्थाओं को काबू में रखने को लेकर सरकार पर नाकामी के आरोप लगाए हैं। बता दें कि आरबीआई ने गुरुवार को यस बैंक पर कई पाबंदियां लगाने के साथ ही प्रशांत कुमार को इसका प्रशासक नियुक्त किया है, जो एसबीआई के पूर्व चीफ फाइनेंस ऑफिसर रहे हैं। उन्होंने भाजपा सरकार से पूछा है कि क्या वह इसकी पुष्टि करेगी कि क्या यस बैंक का लोन बुक जो 2014 के वित्त वर्ष में 55,000 करोड़ रुपये का था वह वित्त वर्ष 2019 में 2,41,000 करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने सवाल किया कि, 'जब सभी बैंकों का कर्ज उस अवधि मे 10 फीसदी के दर से बढ़ा तो यस बैंक का लोन बुक 35 फीसदी कैसे बढ़ गया?'
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क्या कोई तीसरा बैंक भी कतार में है - चिदंबरम
चिदंबरम ने अपने एक ट्वीट में निर्मला सीतारमण से तंज भरे अंदाज में सवाल किया है, "भाजपा 6 साल से सत्ता में है, वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है। पहले पीएमसी बैंक, अब यस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकता है? क्या लाइन में कोई तीसरा बैंक है? " उन्होंने यस बैंक संकट पर यूपीए सरकार को दोष देने वाले सीतारमण के बयान पर कहा कि, 'मैं जानता हूं कि वित्त मंत्री ने यूपीए सरकार पर आरोप लगाए हैं। अज्ञानता में रहने वाली सरकार के लिए यह सामान्य सी बात है। क्या वित्त मंत्री को वह नंबर पता है जो मैंने ट्वीट किया है? अगर उन्हें पता है तो बताएं कि पांच साल में लोन बुक में इतना उछाल कैसे आया?'
यस बैंक संकट क्या है ?
बता दें कि गुरुवार को आरबीआई ने यस बैंक पर कई सारी पाबंदियां लगा दीं और तय कर दिया कि इसके ग्राहक महीने में 50,000 रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे। हालांकि, शादी, बीमारी और शिक्षा जैसी आवश्कताओं के लिए इसमें छूट मिलेगी। इस दौरान यस बैंक अपने 20,000 कर्मचारियों को वेतन और किराया दे सकेगा। हालांकि, यस बैंक कोई नया लोन नहीं दे सकता या लोन को रिन्यू नहीं कर सकता या एडवांस भी नहीं दे सकता, न ही कोई निवेश कर सकता है, न ही किसी देनदारी को मंजूर कर सकता। इस बीच रिजर्व बैंक ने निवेशकों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है और उनके हितों की पूरी रक्षा की जाएगी।