Nobel Peace Prize 2023: क्या है नोबेल शांति पुरस्कार, किसे दिया जाता है ये सम्मान
What is Nobel Peace Prize: नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा अक्टूबर 2023 को ओस्लो, नॉर्वे में नॉर्वेजियन नोबेल समिति द्वारा की जाएगी। 10 दिसंबर 2023 को नोबेल पीस प्राइज दिया जाएगा।
Nobel Peace Prize 2023: नोबेल शांति पुरस्कार के नामों की घोषणा को लेकर हलचल तेज हो गई है। हालांकि नोबेल पुरस्कार समिति के डिप्टी लीडर असल तोजे ने उनके बयान को लेकर आई मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार का सबसे बड़े दावेदार हैं। इन सब के बीच हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि आखिर नोबेल पीस प्राइज क्या है और किसे दिया जाता है नोबेल शांति पुरस्कार?
नोबेल शांति पुरस्कार क्या है?
नोबेल पुरस्कार को दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। नोबेल फाउंडेशन द्वारा पांच नोबेल पुरस्कार दिए जाते हैं, इन्ही में से एक है नोबेल पीस प्राइज यानी नोबेल शांति पुरस्कार। नोबेल पुरस्कार फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य और शांति के क्षेत्र में दिए जाने वाला पुरस्कार है।
नोबेल पुरस्कार की शुरुआत स्वीडन के बिजनेसमेन और डाइनामाइट का अविष्कार करने वाले अल्फ्रेड नोबेल ने की थी। अल्फ्रेड नोबेल ने ही पांचों नोबेल पुरस्कार की थीम रखी थी।
किसे दिया जाता है नोबेल पीस प्राइज?
नोबेल पीस प्राइज, शांति का प्रतीक है। नोबेल फाउंडेशन द्वारा नोबेल शांति पुरस्कार, विश्व स्तर पर शांति के लिए किए गए प्रयासों के लिए दिया जाता है। अल्फ्रेड नोबेल ने कहा था, ''नोबेल पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने पिछले 12 महीनों में "इंसानियत की भलाई के लिए सबसे अच्छा काम किया हो।"
नोबेल शांति पुरस्कार की बात करें तो ये वैसे व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने विश्व शांति फैलाने का काम किया हो। इसके अलावा विश्व में सेना की तैनाती को कम करने और शांति को स्थापित करने में योगदान दिया या बढ़ावा देने के लिए सबसे बेहतरीन काम किया हो।
जैसा कि नोबेल पुरस्कार समिति के डिप्टी लीडर असल तोजे ने पीएम मोदी को नोबेल पीस प्राइज का दावेदार बताते हुए कहा कि उन्होंने यूक्रेन और रूस में युद्ध को शांत कराने की कोशिश की। असल तोजे ने कहा कि,'पीएम मोदी का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को ये कहना कि ये युद्ध का युग नहीं है', अपने आप में एक बड़ी बात है।
कैसे होता है नोबेल शांति पुरस्कार के विजेताओं का चयन?
नोबेल फाउंडेशन के नियमों के मुताबिक नोबेल शांति पुरस्कार का चयन नॉर्वे में 5 लोगों की एक कमेटी करती है। इन कमेटी के 5 लोगों का चुनाव नॉर्वे की संसद द्वारा किया जाता है। नोबेल शांति पुरस्कार ओस्लो में दिए जाते हैं। वहीं केमिस्ट्री, साहित्य, इकॉनमिक साइन्सेज, फिजिओलॉजी और फिजिक्स के पुरस्कार स्वीडन के स्टॉकहोम में दिए जाते हैं।
नोबेल शांति पुरस्कार का इतिहास?
अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के मुताबिक नोबेल पीस प्राइज नॉर्वेजियन संसद द्वारा चुने गए पांच लोगों की एक समिति द्वारा चुने गए व्यक्ति को दिया जाएगा।
10 दिसंबर 1896 को अल्फ्रेड नोबेल का निधन हो गया था। उन्होंने नोबेल पीस प्राइज कैटेगरी के लिए कोई खास स्पष्टीकरण नहीं छोड़ा था। उन्होंने शांति पुरस्कार के पीछे तर्क कम स्पष्ट किया है।
नॉर्वेजियन नोबेल समिति के मुताबिक एक शांति कार्यकर्ता और बाद में नोबेल पीस प्राइज पाने वाली bertha von suttner की सलाह पर अल्फ्रेड नोबेल ने नोबेल शांति पुरस्कार देने का फैसला किया था।
नोबेल पीस प्राइज देने की शुरुआत 1901 से की गई। पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में ही दिया गया था। 1901 में यह अवॉर्ड दो लोगों को पहला फ्रेंचमेन फ्रेडेरिक पैसी (फ्रेंच वकील) और दूसरा स्विस जीन हेनरी डूनांट को दिया गया था।
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कौन-कौन होता है योग्य?
1. किसी भी स्वतंत्र देश के सरकारों, केंद्रीय मंत्री, नेता समेत वर्तमान में जो सत्ता में अहम पद पर हो, वो इस पुरस्कार के लिए नामांकन करने के योग्य हैं।
2. हैग में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के सदस्य या हैग में स्थायी न्यायालय के सदस्य भी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए योग्य होते हैं।
3. इंस्टीट्यूट de Droit International के सदस्य भी इसके योग्य होते हैं।
4. विश्वविध्यालय के अध्यक्ष, शांति रिसर्च एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के निदेशक, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, दर्शन, कानून और धर्मशास्त्र के विश्वविध्यालय के प्रोफेसर भी इसके लिए योग्य होते हैं।
5. नोर्वेजियन नोबेल समिति के वर्तमान या पहले रह चुके सदस्य भी इसके लिए योग्य होते हैं। नोर्वेजियन नोबेल संसथान के पूर्व स्थायी सलाहकार को भी ये प्राइज दिया जा सकता है।
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