एंटीबायोटिक दवाएं खा रहा मरीज़ शराब पीये तो क्या होगा?
यदि आप एंटिबायोटिक दवाएं ले रहे हैं और शराब भी पीते हैं तो ये ख़बर ज़रूर पढ़ें.
अक्सर लोग ये पूछते हैं कि अगर एंटीबायोटिक दवाएं खा रहे हैं, तो उन्हें शराब पीनी चाहिए या नहीं.
कई गर्भवती महिलाएं, जो इस बात को छुपाना चाहती हैं, वो शराब न पीने का बहाना यही बनाती हैं कि वो एंटीबायोटिक ले रही हैं. इस तरह वो ख़ुद को शराब पीने से बचाती हैं. और अपने गर्भवती होने की बात भी छुपा लेती हैं.
लेकिन, क्या ये बहानेबाज़ी वाक़ई सही है?
कुछ लोग ये मान लेते हैं कि शराब पीने से एंटीबायोटिक दवाएं ठीक से काम नहीं करती हैं. कुछ लोग ये भी मानते हैं कि एंटीबायोटिक लेते हुए अगर शराब पी जाए, तो उसके कई बुरे असर होते हैं.
लंदन की जेनीटूर्नरी क्लिनिक ने इस बारे में 300 से ज़्यादा लोगों पर सर्वे किया था. 81 फ़ीसदी ये मानते थे कि शराब पीने से एंटीबायोटिक असर नहीं करते. वहीं 71 फ़ीसदी ये मानते थे कि एंटीबायोटिक लेते हुए शराब पीने पर इसके कई साइड इफ़ेक्ट होते हैं.
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क्या है डॉक्टरों का मानना?
मगर हक़ीक़त ये है कि ज़्यादातर एंटीबायोटिक को लेकर ये दोनों ही ख़्याल बिल्कुल ग़लत हैं. डॉक्टर ये मानते हैं कि ये ग़लत विचार लोगों को शराब पीने से बचा लेते हैं. इसीलिए वो इस ग़लत विचार को बढ़ावा देते हैं, ताकि मरीज़ अपनी दवाएं वक़्त पर खाते रहें.
सच्चाई ये है कि ज़्यादातर एंटीबायोटिक्स पर अल्कोहल का कोई असर नहीं होता. हालांकि कुछ एंटीबायोटिक हैं जिनको लेते वक़्त शराब न ही पीना बेहतर होता है. सेफ़ालोस्पोरिन सेफ़ोटेटान खाते वक्त अगर आप शराब पीते हैं, तो इससे शरीर को नुक़सान हो सकता है. इन दोनों के मेल से एसीटल्डिहाइड नाम का केमिकल बनता है. इसकी वजह से चक्कर आने, उल्टी होने, चेहरे की रंगत बिगड़ने, सिरदर्द, सांस फूलने और सीने में दर्द की शिकायतें हो सकती हैं.
ऐसे ही लक्षण तब भी हो सकते हैं, जब आप डाईसल्फ़िरम नाम की दवा ले रहे हों. इस दवा को शराब की लत छुड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके पीछे मक़सद ये होता है कि अगर कोई मरीज़ शराब पिए तो उसे बुरा महसूस हो. इस वजह से वो शराब न पिए. चूंकि शराब पीने का तज़ुर्बा ख़राब हो जाता है, तो फिर इंसान शराब नहीं पीता. इसीलिए ऐसी एंटीबायोटिक उन लोगों को लिखी जाती है, जो शराब की लत के शिकार हों.
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शराब से परहेज़ की सलाह
एक और एंटीबायोटिक, मेट्रोनिडाज़ोल को लेते वक़्त भी शराब से बचने की चेतावनी दी जाती है. मेट्रोनिडाज़ोल को दांत में इन्फ़ेक्शन, पांव के ज़ख़्म और दूसरी चोटों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है. मेट्रोनिडाज़ोल खाने के दौरान शराब पीने पर सिर दर्द, चक्कर आने, उल्टी और सीने में दर्द की शिकायत हो सकती है.
हालांकि 2003 में फ़िनलैंड में हुई एक स्टडी में पता चला था कि मेट्रोनिडाज़ोल का ऐसा कोई ख़ास बुरा असर नहीं होता, अगर उसे लेने के बाद शराब पी ली जाए. लेकिन, अभी भी डॉक्टर यही सलाह देते हैं कि ये दवा लेते वक़्त शराब से परहेज़ करें.
कई और ऐसी एंटीबायोटिक्स हैं, जो लेते हैं, तो शराब न पीना बेहतर होगा. जैसे टिनिडाज़ोल, लाइनेज़ोलिड और एरिथ्रोमाइसिन. इन सभी दवाओं को लिखते वक़्त डॉक्टर शराब से परहेज़ की नसीहत देते हैं.
कई ऐसी एंटीबायोटिक हैं, जिन्हें लेते हुए शराब पी जा सकती है. इनकी लिस्ट काफ़ी लंबी है. इन्हें लेते हुए शराब पीने से कोई बुरा असर तो नहीं होता. लेकिन, आपको बीमारी से छुटकारा मिलने में ज़्यादा समय लग सकता है क्योंकि शराब पीने के बाद आप थका हुआ और प्यासा महसूस करेंगे. हालांकि इसका एंटीबायोटिक और शराब के मेल से कोई वास्ता नहीं.
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आख़िर इसकी वजह क्या है?
असल में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल कई बीमारियों के लिए होता है. कई एंटीबायोटिक तो यौन संक्रमण से छुटकारे के लिए भी इस्तेमाल होते हैं. तो डॉक्टर अक्सर ऐसे मरीज़ों को शराब न पीने की सलाह देते हैं.
कई बार कुछ अफ़वाहें कारगर भी होती हैं. जैसे एंटीबायोटिक लेते हुए शराब न पीने की ख़ामख़याली. ये सेहत के लिए तो अच्छी है ही क्योंकि लोग नुक़सान के डर से शराब नहीं पीते.
अब इस विचार को ग़लत बताया जाएगा तो ज़ाहिर है गर्भवती महिलाओं को अपनी प्रेग्नेंसी छुपाने के लिए नए बहाने की ज़रूरत होगी. वरना वो शराब को ना कहेंगी, तो दोस्त पूछेंगे न कि आख़िर इसकी वजह क्या है?
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