जब मैंने TMC के भीतर भ्रष्टाचार को उजागर किया तो मुझे इलेक्शन कैंपेन से बाहर कर दिया गया: दिनेश त्रिवेदी
कोलकाता। करीब 23 साल तक ममता बनर्जी के साथी रहे दिनेश त्रिवेदी ने 12 फरवरी को खुद को तृणमूल कांग्रेस (TMC) से अलग कर लिया है। ऐसी अटकलें हैं कि वह बीजेपी (BJP) में जा सकते हैं। टीएमसी में रहते हुए वह केंद्रीय रेलमंत्री भी रह चुके हैं। जबसे त्रिवेदी ने खुद को टीएमसी से अलग किया है तबसे उनके इस्तीफे पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लेकिन इस बीच दिनेश त्रिवेदी ने बड़ा बयान दिया है। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स से खास बातचीत में त्रिवेदी ने कहा कि जब उन्होंने टीएमसी पार्टी के अंदर कमियां खोजनी शुरू की तो उन्हें एक बुरे इंसान की तरह पोट्रेट किया गया।

शारदा घाटोले में जब टीएमसी के नेताओं का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था उस वक्त त्रिवेदी ने पार्टी चीफ से कहा था कि दागी नेताओं को पार्टी से दूर रखा जाए। दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि "नारद के दौरान, मैंने विरोध किया तो मुझे बुरे आदमी के रूप में पेश कर दिया गया। जब नारद टेप लीक हुआ तो मैंने पार्टी चीफ से कहा कि ऐसे नेताओं को दूर रखा जाए। मैंने ये नहीं कहा कि वो दोषी हैं बल्कि मैंने सिर्फ जांच तक उन्हें दूर रखा जाए। उन्होंने कहा कि उन नेताओं को दूर रखने की जगह पर मुझे ही पार्टी से बाहर रखा गया।
उन्होंने एक सांसद का नाम लिए बिना कहा कि उस सांसद ने उनसे कहा कि यह सही नहीं है कि अपराधियों को बाहर रखा जाए क्योंकि चुनाव नजदीक है। उन्होंने यह भी कहा कि ममता बनर्जी ने 2016 में विधानसभा चुनाव से पहले मुझे ही चुनाव प्रचार से दूर कर दिया। त्रिवेदी ने कहा कि त्रिवेदी ने कहा कि अगर असली बदलाव या 'परिवर्तन' जो कि तृणमूल कांग्रेस द्वारा शुरू में वादा किया गया था, तब नहीं हुआ था, तो ऐसा लग रहा है कि पश्चिम बंगाल में सरकार लोगों को विफल कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि "जहां तक हिंसा का सवाल है, कोई परिवर्तन नहीं है। जहां तक भ्रष्टाचार का सवाल है, तो कोई परिवर्तन नहीं है, बल्कि वाम मोर्चा के शासन की तुलना में यह सौ गुना ज्यादा हो गया है।
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