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Video: 'यह चीन है, यह सब छीन लेगा,' एक तिब्‍बती की भारत से चीन को जवाब देने की भावुक अपील

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नई दिल्‍ली। भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव जारी है और इसी तनाव के बीच तिब्‍बत के एक नागरिक का वीडियो सामने आया है। तिब्‍बत के इस नागरिक ने हिंदी में भारतीयों से एक भावुक अपील की और कहा कि स्‍वदेशी को बढ़ावा दें। आपको बता दे कि तिब्‍बत पर सन् 1906-1907 में चीन ने धोखे से तिब्बत पर अपना कब्‍जा कर लिया था और याटुंग ग्याड्से समेत गरटोक में अपनी चौकियां स्थापित कर लीं।

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'आपसे रोजगार छीना, मुझसे मेरा देश छीना'

'आपसे रोजगार छीना, मुझसे मेरा देश छीना'

जो वीडियो ट्विटर पर आया है उसे अब तक 6,000 से ज्‍यादा लोग देख चुके हैं। वीडियो में तिब्‍बत के इस नागरिक को कहते हुए सुना जा सकता है, 'यह चीन है, यह सब छीन लेगा। अपने फायदे के लिए पूरी दुनिया को बेच देगा। दीवाली पर मिट्टी के दिये थे, अब प्‍लास्टिक की लाइटें हैं। आपसे आपका रोजगार छीना, सरहद छीनी, मुझसे मेरा देश छीना, और न जाने क्‍या-क्‍या छीना, यह चीन है, यह सब छीन लेगा।' वीडियो में आगे इन्‍होंने जो कहा है वह सोनम वांगचुक की तर्ज पर ही है।

चीन को जवाब देने का वक्‍त

तिब्‍बत के इस नागरिक के मुताबिक, 'वक्‍त है जवाब देने का, सेना देगी जवाब बुलेट से और हमें देना है जवाब अपने वॉलेट से।' इसके साथ ही इन्‍होंने कहा है कि चीन ने सबको अंधेरे में रखकर झूठ का बिजनेस फैलाया है। वीडियो में तिब्‍बत के जो नागरिक नजर आ रहे हैं, वह कौन हैं, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है लेकिन वीडियो को काफी लोग पसंद कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने हैशटैग #MakeChinaAccountablefor2020 का प्रयोग करने की अपील की है।

क्‍या किया था चीन ने तिब्‍बत के साथ

क्‍या किया था चीन ने तिब्‍बत के साथ

तिब्‍बत पर सन् 1906-1907 में चीन ने धोखे से अपना कब्‍जा कर लिया था और याटुंग ग्याड्से समेत गरटोक में अपनी चौकियां स्थापित कर लीं। इसके बाद सन् 1912 में चीन में राजशाही खत्‍म हुई तो चीनी सेना को तिब्बत की राजधानी ल्हासा से बाहर कर दिया गया था। फिर अक्‍टूबर 1950 में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) तिब्बत में दाखिल हुई। इसके बाद चीन ने सन् 1951 मई माह में तिब्बत के प्रतिनिधियों पर दबाव डाला और उन्‍ह‍ोंने चीन के साथ एक 17-सूत्री समझौते को साइन किया।

तिब्‍बत मांग रहा चीन से आजादी

तिब्‍बत मांग रहा चीन से आजादी

जो समझौता साइन हुआ था उसमें चीन ने तिब्बत को स्वायत्तता देने का वादा किया था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उसी साल सितंबर में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ल्हासा में दाखिल हो गई। 10 मार्च 1959 को चीन के खिलाफ तिब्‍बत में विद्रोह शुरू हो गया और यह आज तक जारी है। चीन, भारत के राज्‍य अरुणाचल प्रदेश जो भारत के नॉर्थ ईस्‍ट में है, उसे तिब्‍बत का हिस्‍सा मानता है और अक्‍सर उस पर अपना दावा पेश करता रहता है। तिब्‍बत की आजादी की बात करने वाले धर्मगुरु दलाई लाम को भी उसने अलगाववादी घोषित किया हुआ है।

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English summary
Watch: An emotional appeal by an Independent Tibetan.
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