चीन बॉर्डर के पास यूनिफॉर्म पहन सैल्यूट करते 5 साल केे नामग्याल का Video हुआ वायरल
लेह। पिछले दिनों लद्दाख में चीन बॉर्डर के करीब पांच साल के क्यूट बच्चे नवांग नामग्याल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। अब इस बच्चे का एक और वीडियो सामने आया है। इस बार भी नामग्याल इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों को सैल्यूट कर रहा है लेकिन अबकी उसने यूनिफॉर्म पहनी हुई है। नामग्याल का यह वीडिया भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और आईटीबीपी ने इसे अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है।
चुशुल के गांव में रहता है नामग्याल
आईटीबीपी ने नामग्याल का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, 'सैल्यूट, खुश और फिर से प्रेरित करने वाला, लद्दाख में बॉर्डर के एक गांव में आईटीबीपी के जवानों को सैल्यूट करता एलकेजी में पढ़ने वाला 5 साल का नवांग नामग्याल।' जब अक्टूबर में नामग्याल का वीडियो आया था उस समय भी नन्हा नामग्याल आईटीबीपी के ऑफिसर को सैल्यूट कर रहा था। नामग्याल, चुशुल के एक गांव में रहता है। जो वीडियो आईटीबीपी ने शेयर किया है उसमें नामग्याल को पूरे जोश में सावधान, विश्राम और बाकी निर्देशों को फॉलो करता हुआ नजर आ रहा है।इस बच्चे को पूरे जोश के साथ आईटीबीपी ऑफिसर को सैल्युट करते हुए देखा जा सकता है। किसी प्रशिक्षित जवान की ही तरह यह बच्चा भी ऑफिसर के ऑर्डर पर सावधान और विश्राम के आदेशों को मानता हुआ नजर आ रहा है।
Salute!
Happy and inspiring again...
Nawang Namgyal, the 5 years old student of LKG salutes Indo-Tibetan Border Police (ITBP) jawans near a border village in Ladakh. #Himveers pic.twitter.com/aoA30ifbnU
— ITBP (@ITBP_official) November 15, 2020
लद्दाख भेजी गईं ITBP की टुकड़ी
लद्दाख के कई हिस्सों में जून माह में आईटीबीपी की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनाती के लिए रवाना किया गया था। आईटीबीपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों में चीन बॉर्डर की सुरक्षा में तैनात है। 15 नवंबर को आईटीबीपी ने यह वीडियो ट्विटर पर शेयर किया और तब से लेकर अब तक इसे 3 हजार से ज्यादा लोग रि-ट्वीट कर चुके हैं और 13, 000 से ज्यादा लोग देख चुके हैं। लद्दाख में लोग सुरक्षाबलों की हर संभव मदद के लिए रेडी रहते हैं। चार साल का बच्चा नामग्याल इस बात का बड़ा उदाहरण है। पांच माह से चीन के साथ जारी टकराव के बीच सेनाओं की मदद को आगे आ रहे हैं। यहां के स्थानीय निवासियों की मानें तो जब कभी भी सेना को उनकी जरूरत पड़ेगी, वह बिना कुछ सोच आगे आ जाएंगे। पिछले दिनों 131 जवान लद्दाख स्काउट्स से जुड़कर सेना का हिस्सा बने हैं।