Video: अंबाला में 5 राफेल जेट्स की सफल लैंडिंग, वॉटर गन सैल्युट के साथ हुआ वेलकम
अंबाला।
अंबाला।
इंडियन
एयरफोर्स
(आईएएफ)
के
फ्रेंच
फाइटर
जेट
राफेल
ने
हरियाणा
के
अंबाला
एयरफोर्स
स्टेशन
पर
सफल
लैंडिंग
कर
ली
है।
सोमवार
को
राफेल
ने
फ्रांस
के
मेरीनिक
एयरबेस
से
टेकऑफ
किया
था।
राफेल
को
वॉटर
गन
सैल्युट
दिया
गया।
आईएएफ
चीफ,
एयर
चीफ
मार्शल
आरकेएस
भदौरिया
ने
राफेल
का
स्वागत
किया।
29
जुलाई
को
राफेल,
आधिकारिक
तौर
पर
आईएएफ
का
हिस्सा
बन
गया
है।
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पायलट्स के लिए काफी इमोशनल पल
राफेल जेट को अंबाला में वॉटर गन सैल्युट दिया गया। आईएएफ सूत्रों की ओर से बताया गया है कि राफेल को उड़ाकर लाए पांचों पायलट काफी इमोशनल थे और चेहरों पर मुस्कान थी। लैंडिंग के बाद उतरने के बाद उन्होंने आईएएफ चीफ से मुलाकात की और उनकी बधाईयां स्वीकार कीं। पांच राफेल जेट का पहला बैच 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करके अंबाला पहुंचा है। इस दौरान उसका स्टॉप यूएई का अल दाफ्रा एयरबेस था जहां से अमेरिका और फ्रांस की सेनाएं ऑपरेट करती हें। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि राफेल के आने से आईएएफ की ताकत क्षेत्र में कई गुना बढ़ गई है।
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एक राफेल करीब 700 करोड़ का
अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पहली फ्रांस की यात्रा पर गए थे। यहां पर 36 राफेल जेट की डील फाइनल हुई। यह डील करीब 59,000 करोड़ की बताई जा रही है। नवंबर 2016 में तत्कालीन रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने लोकसभा को जानकारी दी थी कि एक राफेल एयरक्राफ्ट की कीमत इंटर गर्वनमेंट एग्रीमेंट (आईजीए) के तहत 670 करोड़ रुपए के आसपास है। आईएएफ के लिए जो राफेल, फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट ने तैयार किया है उसे हथियार और दूसरे सिस्टम से लैस किया गया है। राफेल जेट दक्षिण एशिया में अभी तक किसी भी देश की सेना के पास नहीं हैं। इसके आने से भारत की वायुसेना चीन और पाकिस्तान के मुकाबले और ज्यादा ताकवर हो गई है।
ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह का जेट सबसे आगे
अंबाला में राफेल आईएएफ की उसी स्क्वाड्रन नंबर 17 का हिस्सा होगा जिसने कारगिल की जंग में अहम भूमिका अदा की थी। इस स्क्वाड्रन को गोल्डन एरो के नाम से भी जानते हैं। पांच राफेल के इस क्रू को ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह लीड कर रहे थे। वह आईएएफ के एक सम्मानित ऑफिसर और शौर्य चक्र विजेता हैं। ग्रुप कैप्टन हरकीरत ही इस समय नंबर 17 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) हैं। ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह पिछले वर्ष अक्टूबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ फ्रांस गए थे। उन्हें साल 2009 में मिग-21 को खतरनाक क्रैश से बचाने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।
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एक मिनट में 60,000 फीट की ऊंचाई
राफेल एक बार में करीब 26 टन (26 हजार किलोग्राम) वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। यह जेट 3,700 किलोमीटर के दायरे में कहीं भी हमला कर सकता है। इसके अलावा यह 36,000 से 60,000 फीट की अधिकतम ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और यहां तक महज एक मिनट में पहुंच सकता है। एक बार टैंक फुल होने के बाद यह लगातार 10 घंटे तक हवा में रह सकता है। राफेल को हवा से जमीन और हवा से हवा में दोनों में हमला करने में प्रयोग किया जा सकता है। राफेल पर लगी गन एक मिनट में 125 फायर कर सकती है। यह हर मौसम में लंबी दूरी के खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है।