'मैं हिंदी क्यों बोलूं...तुम लोग तो...' बेंगलुरु में भाषा को लेकर ऑटो ड्राइवर और यात्री में बहस का Video वायरल
बेंगलुरु में हिंदी और कन्नड़ में बात करने को लेकर एक ऑटो रिक्शा चालक ने यात्री के बीच काफी बहस हो गई। दोनों के बीच हुई गहमागहमी का वीडियो अब सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।
Viral Video: बेंगलुरु में भाषा को लेकर ऑटो रिक्शा चालक और यात्री के बीच बहस हो गई, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से दोनों के बीच भाषा को लेकर गहमागहमी हो रही है। दरअसल, दोनों के बीच विवाद की स्थिति तब बन गई, जब महिला यात्री ने बीतचीत को लेकर ऑटो ड्राइवर से कहा कि 'मैं कन्नड़ क्यों बोलूं?' इसके बाद दोनों के बीच बहस छिड़ गई।
कन्नड़
में
बात
करने
को
लेकर
छिड़ी
बहस
दरअसल,
ऑटो
चालक
ने
यात्रियों
से
कन्नड़
में
बात
करने
के
लिए
कहा,
तो
ऑटो
में
बैठे
यात्रियों
में
से
एक
महिला
ने
कहा
कि,
'नहीं,
हम
कन्नड़
में
नहीं
बोलेंगे,
हम
कन्नड़
में
क्यों
बोलें?'
महिला
के
इतना
कहते
ही
बहस
और
बढ़
गई
और
ड्राइवर
ने
यात्रियों
को
अपने
ऑटो
रिक्शा
से
उतरने
के
लिए
कहा।
ड्राइवर
ने
फिर
गुस्से
में
कहा,
'यह
कर्नाटक
है
और
आप
लोगों
को
कन्नड़
में
बात
करनी
चाहिए।
तुम
लोग
उत्तर
भारतीय
भिखारी
हो।
यह
हमारी
जमीन
है
आपकी
नहीं।
और
मैं
हिंदी
में
क्यों
बोलूं?'
सोशल
मीडिया
पर
जमकर
वायरल
हो
रहा
वीडियो
ऑटो
रिक्शा
चालक
और
यात्री
के
बीच
बहस
का
ये
वीडियो
सोशल
मीडिया
पर
काफी
तेजी
से
वायरल
हो
रहा
है।
वीडियो
को
1
मिलियन
से
अधिक
बार
देखा
जा
चुका
है,
साथ
ही
ट्विटर
पर
यूजर्स
की
अलग-अलग
तक
की
प्रतिक्रियाएं
मिल
रही
हैं।
कुछ
यूजर्स
को
ऑटो
चालक
के
बात
करने
का
अंदाज
पसंद
नहीं
आया
और
उन्होंने
ड्राइवर
के
अहंकार
पर
सवाल
उठा
दिए,
जबकि
कुछ
ने
स्थानीय
भाषा
का
सम्मान
नहीं
करने
पर
आपत्ति
जताई।
Recommended Video
यूजर्स
ने
दी
अलग-अलग
प्रतिक्रियाएं
एक
ट्वीट
यूजर
ने
लिखा
कि,
'मुझे
इस
ऑटो
वाले
से
प्यार
है।
उन्हें
हिंदी
में
क्यों
बोलना
चाहिए?
अगर
वे
लखनऊ
आएं
और
कन्नड़
में
बोलें
तो
क्या
वे
इसे
स्वीकार
करेंगे?
हिन्दी
हमारी
राष्ट्रभाषा
नहीं
है।
मैं
हिंदी
सहित
6
भारतीय
भाषाएं
बोलता
हूं
और
मैं
जहां
भी
रहता
हूं
या
काम
करता
हूं
वहां
की
स्थानीय
भाषा
सीखने
का
प्रयास
करता
हूं।
एक
अन्य
यूजर
ने
कहा
कि,
'दोनों
बहुत
अच्छी
अंग्रेजी
बोलते
हैं।
फिर
दरार
क्यों?
किसी
पर
कोई
भाषा
थोपने
की
जरूरत
नहीं
है।
यदि
सभी
क्षेत्रीय
भाषाओं
में
सहज
नहीं
हैं
तो
उन्हें
अंग्रेजी
जैसी
सामान्य
भाषा
सीखनी
चाहिए।