पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में 72.05 प्रतिशत वोटिंग, हिंसक झड़प में 12 की मौत, 40 घायल
सीपीएम के वरिष्ठ नेता बिमान बोस ने कहा कि पूरा चुनाव एक उपद्रव में तब्दील हो गया क्योंकि किसी भी नियम-कानून का पालन नहीं किया गया
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है। वोटिंग के लिए कड़े सुरक्षा इंतजामों के प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद कई इलाकों में जमकर खूनी संघर्ष हुआ। चुनावी हिंसा में 12 लोगों के मौत की खबर है। वहीं सूबे के डीजीपी ने बताया कि 3 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। गृह मंत्रालय ने हिंसाओं के संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है। वहीं शाम पांच बजे तक 72.05 प्रतिशत मतदान हुआ है। पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा को लेकर सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि ये कुछ नहीं है लेकिन लोकतंत्र का पूरा विनाश हो गयाहै। इलेक्शन कमीशन ने राजनीति प्रतिनिधियों को समय नहीं दिया। हम इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
सीपीएम के वरिष्ठ नेता बिमान बोस ने कहा कि पूरा चुनाव एक उपद्रव में तब्दील हो गया क्योंकि किसी भी नियम-कानून का पालन नहीं किया गया। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह मजबूत नहीं कर सकी। वहीं टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी ने कहा कि ये एक छोटी घटना है। अभी कोई बड़ी हादसा नहीं हुआ है। सभी जगहों पर प्रशासन तैनात है। जहां जहां कार्यकर्ता भिड़े हैं। मैं पत्रकार पर हुए हमले की खुली निंदा करता हूं। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने मतदान के दौरान भारी हिंसा को देखते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार 'बेशर्म' सरकार है. वो लोकतंत्र में यकीन नहीं रखती। पंचायत चुनाव के दौरान दुर्गापुर में सीपीएम और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हिंसा और झड़प हुई है। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हुई है।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा चुनाव में हिंसा निंदनीय है
कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव में हिंसा निंदनीय है। लोकतंत्र में इसकी कोई जगह नहीं है। चुनाव आयोग 48 घंटे में जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे। फिर चाहे कोई भी हो। मुर्शिदाबाद में एक पोलिंग बूथ पर टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई है। इसके बाद यहां पोलिंग पेपर को नाले में फेंकने का मामला सामने आया है। कूचबिहार में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं के हमले में टीएमसी कार्यकर्ता अनीरुल हुसैन को गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। महिष्कुची में बीजेपी के पोलिंग एजेंट प्रभात अधिकारी पर हमला हुआ है। वहीं, काकद्वीप के कचारिबारी में उपद्रवियों ने सीपीएम कार्यकर्ता देबू दास को पत्नी समेत जिंदा जला दिया।
उत्पाती तत्व टीएमसी का झंडा लिए वोटरों को धमका रहे थे
चुनावी हिंसा में 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। दक्षिण 24 परगना जिले में 3, मुर्शिदाबाद में 2, नदिया जिले में 1 और उत्तर 24 परगना जिले में 1 व्यक्ति की मौत हुई है। नंदीग्रा में भी दो मौत हुई हैं। मरने वालों में सीपीआई(एम) कार्यकर्ता, टीएमसी, बीजेपी कार्यकर्ता और एक निर्दलीय उम्मीदवार शामिल है। आरोप है कि हिंसा में अलग-अलग पार्टी के कार्यकर्ता एक दूसरे को निशाना बना रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग घायल बताए जा रहे हैं। नादिया जिले के सांतीपुर में गुस्साए स्थानीय लोगों ने उत्पात मचा रहे एक बाइक सवार की मार-मारकर हत्या कर दी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ उत्पाती तत्व टीएमसी का झंडा लिए वोटरों को धमका रहे थे।
टीएमसी ने निर्विरोध 34 फीसदी सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया
बता दें कि चुनाव के नतीजे भले 17 मई को आएंगे लेकिन उसके पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने एक तिहाई से ज्यादा सीटें जीत ली हैं। पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 58,692 सीटों में से 34.2 प्रतिशत यानी 20,076 सीटों पर चुनाव नहीं होगा। इस तरह इन सीटों पर बगैर चुनाव लड़े टीएमसी के उम्मीदवारों का कब्जा हो गया। दरअसल इन सीटों पर विपक्षी पार्टी के किसी भी उम्मीदवार ने तय समय खत्म होने तक अपना नामांकन दाखिल नहीं किया था। इस तरह ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने निर्विरोध 34 फीसदी सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया।
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