विकास दुबे की मां ने अपराधी बेटे का शव लेने से किया इनकार तो पुलिस ने इन्हें सौंपी डेड बॉडी, हुआ अंतिम संस्कार
मां ने शव लेने से किया इनकार तो पुलिस ने इन्हें सौंपा विकास दुबे का शव
लखनऊ। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद फरार अपराधी विकास दुबे गुरुवार को फिल्मी अंदाज में उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तार किया था। शातिर विकास दुबे शुक्रवार को सुबह एनकाउंटर में ढेर हो गया। यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले से लेकर कानपुर आ रही थी तभी गाड़ी दुर्घनाग्रस्त होकर पलट गई और इस दौरान विकास दुबे ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश करने लगा और तभी पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में उस पर गोली चलाई जिसमें वो ढेर हो गया। अपराधी बेटे की मौत की खबर सुनकर मां ने कानपुर जाकर विकास दुबे का शव लेने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद देर शाम विकास का शव उसके बहनोई दिनेश तिवारी को सौंप दिया गया।
विकास दुबे की मां ने कानपुर जाने से इंकार कर दिया था
विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद लखनऊ स्थित विकास के घर के पड़ोसियों ने उसकी मां सरला देवी से कानपुर जाने के लिए वाहन का प्रबंध करने के लिए पूछा तो सरला देवी ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे कानपुर नहीं जाना। विकास दुबे के साथ मेरा कोई संबंध नहीं है।
शाम छह बजे तक कोई भी लेने नहीं पहुंचा था शव
सूत्रों के अनुसार परिजनों ने सुबह इसलिए विकास दूबे का शव लेने से इंकार कर दिया था क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं वो किसी नई मुसीबत में न फंस जाए। विकास के परिजन पोस्टमॉर्टम हाउस भी नहीं पहुंचे है। पोस्टमार्टम हाउस के सूत्र के अनुसार विकास का पोस्टमार्टम दो घंटे तक चला लेकिन उसका कोई सगा-संबंधी शव लेने के लिए आगे नहीं आया। हालांकि सात बजे विकास दुबे के बहनोई दिनेश तिवारी पहुंचे और उन्हें शव सौंप दिया गया।
भैरव घाट पर किया गया अंतिम संस्कार
विकास दुबे का शव का शाम सवा सात बजे भैरव घाट विद्युत शवदाह गृह ले जाया गया और वही उसका अंतिम संस्कार किया गया। वहां अंतिम संस्कार में अपराधी का रिश्तेदार के तौर पर उसका बहनोई पहुंचा दिनेश और उसके परिवार से विकास की पत्नी रिचा, बेटा मौजूद थे। कई थानों की फोर्स मौजूद रही। अंतिम संस्कार कानपुर के भैरव घाट पर किया गया लेकिन पुलिस ने मीडिया को वहां जाने नहीं दिया।
पिता ने अंतिम संस्कार पर जाने से इंकार करते हुए कही ये बात
विकास दुबे के पिता से जब पूछा गया कि आप क्या बेटे के अंतिम संस्कार में जाएंगे? जिस पर उसके पिता ने कहा हमें किसी ने बताया कि हमारा बेटा मारा गया है हमने कहा ठीक किया गया। मैं उसके अंतिम संस्कार पर क्यों जाऊं। हमारा कहा वो मानता तो आज इस दशा को क्यों प्राप्त होता। उसने हमारी कभी मदद नहीं की"
कोरोना टेस्ट के बाद डाक्टरों ने की टीम ने किया था पोस्टमार्टम
विकास दुबे के मुठभेड़ में मौत के बाद उसका शव कानपुर के हैलट अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था। विकास दुबे के पोस्टमॉर्टम से पहले उसका कोरोना वायरस का सैंपल भी लिया गया था रिपोर्ट निगेटिव आई थी। करीब एक बजे विकास दुबे के शव का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के एक पैनल ने शुरू कर दिया। पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई।
यूपी STF ने दी एनकाउंटर की पूरी जानकारी
एसटीएफ की तरफ से कहा गया कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे को तेजबहादुर सिंह एसटीएफ के नेतृत्व में सरकारी वाहन से लाया जा रहा था। यात्रा के दौरान जनपद कानपुर नगर के सचेणडी थाना क्षेत्रा में आने वाले कन्हैया लाल अस्पताल के सामने पहुंचे थे तभी अचानक राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाय-भैंसों का एक झुण्ड भागता हुआ आ गया। लंबी यात्रा से थके हुए चालक ने इस मवेशियों को दुर्घटना से बचाने के लिए अपनी गाड़ी के अचानक से मोड़ा जिससे वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। अचानक हुई इस दुर्घटना से वाहन में बैठे पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।