'तमिल गान' के दौरान न उठने पर विवादों में आए कांची मठ के शंकराचार्य
चेन्नई। तमिलनाडु के कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वे तमिलगान के दौरान बैठे नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद राज्य में उनकी अलोचना हो रही है। ट्विटर पर चल रहे 18 सेकेंड के इस वीडियो में विजयेंद्र सरस्वती बैठे नजर आ रहे हैं। जबकि कार्यक्रम में शामिल हुए अन्य मेहमान तमिल गान के सम्मान में खड़े हो गए।
23 जनवरी को चेन्नई में तमिल गान के दौरान मंच पर मौजूद तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और अन्य लोग इस दौरान खड़े हो गए थे। लेकिन स्वामी विजयेंद्र सरस्वती कुर्सी पर बैठे रहे। समारोह का आयोजन भाजपा राष्ट्रीय सचिव एच राजा द्वारा किया गया था। इस कार्यक्रम में उनके दिवंगत पिता प्रोफेसर एस हरिहरन द्वारा लिखी गई एक पुस्तक का विमोचन होना था। यह वीडियो ट्विटर पर तमिल भाषा का अपमान बताकर वायरल किया जा रहा है।
Even the Governor of Tamil Nadu is standing for State Song (Tamil thai Vazhatu) but Junior Kanchi Sankaracharya is not bothered...isn't this an insult to #TamilThaiVazhatu? pic.twitter.com/4GyTgsCV6r
— Shabbir Ahmed (@Ahmedshabbir20) January 23, 2018
राज्यपाल ने इस मौके पर तमिल-संस्कृत शब्दकोष जारी किया था। भाजपा के राज्य प्रमुख टी. सुंदरराजन और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक पार्टी ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। वहीं, कांचीपुरम मठ के एक सदस्य ने बताया कि तमिल गान के दौरान शंकराचार्य ध्यान में थे, इस वजह से वह खड़ा नहीं हो सके थे। विजयेंद्र सरस्वती कांची कामकोटि पीठ के 70वें शंकराचार्य हैं।
आपको बता दें कि कांची को तमिल संस्कृति और पारंपरिक संस्कृति का समर्थक माना जाता है। ऐसे में तमिल गान के दौरान विजयेंद्र सरस्वती के न उठने के मामले ने तूल पकड़ लिया।