संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले उपराष्ट्रपति Venkaiah Naidu ने मांगा 'फेयरवेल गिफ्ट' !
संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। सत्र की शुरुआत से पहले आज उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) ने 41 राज्य सभा सदस्यों की बैठक में 'फेयरवेल गिफ्ट' मांगा।
नई दिल्ली, 17 जुलाई : भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) राज्य सभा के सभापति भी हैं। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से (parliament monsoon session) शुरू हो रहा है। नायडू ने सत्र की शुरुआत से पहले सर्वदलीय बैठक की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अलग-अलग दलों के 41 नेता पहुंचे। नायडू ने राज्य सभा सदस्यों से 'फेयरवेल गिफ्ट' मांगा। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इसके दो दिनों के बाद यानी 12 अगस्त को संसद का मानसून सत्र भी समाप्त होगा। पढ़िए खबर
इन मुद्दों पर हंगामे की आशंका
दरअसल, संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है। आशंका जताई जा रही है कि विपक्षी दल सरकार को महंगाई, डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरते मूल्य, नए संसद भवन पर लगाई गई नेशनल एंब्लम (Ashoka Stambh) की रेप्लिका के स्वरूप में बदलाव की जांच, असंसदीय शब्दों की सूची, संसद परिसर में धरना प्रदर्शन पर पाबंदी जैसे मुद्दों पर हंगामा कर सकते हैं।
मर्यादा को बनाए रखने की अपील
रविवार शाम संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले सभी दलों के नेताओं की बैठक हुई। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक इस सर्वदलीय बैठक में अब तक के सबसे ज्यादा- 41 नेता और मंत्री शामिल हुए। नायडू ने पिछले 13 पूर्ण सत्रों के दौरान राज्य सभा में हुए कामकाज को याद किया। नायडू ने 'हाउस ऑफ एल्डर्स' कहे जाने वाले उच्च सदन की गरिमा और मर्यादा को बनाए रखने की अपील की।
नायडू ने मांगा फेयरवेल गिफ्ट !
संसद सत्र के संबंध में एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा, नायडू की बैठक में राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं ने पिछले पांच वर्षों में राज्य सभा की कार्यवाही में प्रभावी कामकाज के लिए नायडू के प्रयासों की सराहना की। कुछ नेताओं ने विशेष रूप से सदन में व्यवस्थित आचरण और अनुशासन के लिए नायडू की चिंता का उल्लेख किया। इसी बीच नायडू ने कहा, वे सदन की मर्यादा बनाए रखने का एक आखिरी अनुरोध करना चाहते हैं। ANI के सूत्रों के मुताबिक नायडू ने फेयरवेल गिफ्ट के रूप में मानसून सत्र के दौरान सदन के सभी वर्गों से सहयोग की मांग की। उन्होंने 'सार्थक और उत्पादक राज्य सभा सत्र' सुनिश्चित करने की अपील की।
नायडू का स्नेह याद रहेगा...
राज्य सभा सदस्यों ने स्वीकार किया, कुछ सदस्यों के निलंबन सहित की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई सदन के कामकाज का अभिन्न अंग थी। नेताओं और सदस्यों ने कहा कि नायडू ने उनके प्रति जो व्यक्तिगत स्नेह दिखाया, उसे लंबे समय तक याद रखेंगे। बता दें कि सार्वजनिक जीवन में नायडू भाजपा कार्यकर्ता और पार्टी अध्यक्ष के रूप में उल्लेखनीय काम कर चुके हैं। उपराष्ट्रपति के संवैधानिक पद पर चुने जाने के समय उनकी पत्नी और बेटी के साथ इमोशनल तस्वीर भी सामने आई थी।
सबको अवसर मिले, इस बात पर दिया जोर
नेताओं ने प्रश्नकाल, शून्यकाल और विशेष उल्लेख सहित राज्य सभा में वाद-विवाद संचालन के दौरान सदस्यों को अधिक से अधिक अवसर देने के लिए नायडू की ओर से किए गए प्रयासों की सराहना भी की। मातृभाषा के उपयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को भी याद किया गया। बता दें कि कुछ मौकों पर वेंकैया नायडू को मातृभाषा के इस्तेमाल की प्रशंसा करते देखा जा चुका है।
औपचारिक विदाई समारोह...
सर्वदलीय बैठक को सभापति नायडू की विदाई समारोह में बदलते देख राज्य सभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, ऐसा करना जल्दबाजी होगी। नायडू पूर्ण सत्र की अध्यक्षता करेंगे। सदन में औपचारिक विदाई समारोह का आयोजन होगी। गोयल ने कहा, कुछ अन्य नेताओं ने भी उल्लेख किया है कि राज्य सभा के सभी वर्ग एक उत्पादक मानसून सत्र के रूप में सभापति नायडू को उचित विदाई देने के लिए मिलकर काम करेंगे।
संसद में नायडू को मिस करेंगे
सभी नेताओं और सदस्यों ने सदन में अपने अनुभव विस्तार से साझा किए। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, कई बार आप हमसे नाराज हुए और हमें चिढ़ाया लेकिन अंत में आप एक अच्छे इंसान हैं। एक अच्छा इंसान साबित करना मुश्किल है और आप एक ऐसे अच्छे इंसान साबित हुए और रहेंगे। संसद में आपको मिस किया जाएगा। उन्होंने कहा, आशा है कि आपके व्यक्तिगत स्नेह और हास्य की भावना सदन को जीवंत करती रहेगी।
वेंकैया नायडू के लिए Chairman Emeritus पोस्ट
जयराम रमेश ने सुझाव दिया कि नायडू के योगदान की स्वीकृति के प्रतीक के रूप में सरकार को 'अध्यक्ष एमेरिटस' का पद सृजित करना चाहिए। गौरतलब है कि मानसून सत्र अत्यधिक महत्व रखता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस सत्र में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कार्यालय का चुनाव होने वाला है। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होंगे जबकि उपराष्ट्रपति चुनाव 6 अगस्त को होंगे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त होगा।
राज्य सभा में इन मुद्दों पर चर्चा की मांग
समाचार एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से कहा, विपक्ष की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे ने मानसून सत्र के दौरान चर्चा के लिए 16 मुद्दों को सूचीबद्ध किया। इसमें संघवाद में तनाव; अग्निपथ योजना; चुनाव आयोग, सीबीआई, सीवीसी जैसे संगठनों की घटती विश्वसनीयता जैसे मुद्दों का उल्लेख है। नफरत भरे भाषण के मुद्दे पर भी चर्चा कराने की अपील की गई। विपक्षी नेताओं के खिलाफ कथित अलोकतांत्रिक कार्रवाई; जम्मू और कश्मीर में बढ़ते अपराध और कश्मीरी पंडितों पर हमले जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की मांग की गई है। सूत्रों के मुताबिक मानसून सत्र के पहले दिन 18 जुलाई को सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) संशोधन विधेयक, 2022 (Weapons of Mass Destruction and their Delivery Systems (Prohibition of Unlawful Activities) Amendment Bill, 2022) पर विचार किया जाएगा।