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भीमा-कोरेगांव मामला: वरवर राव को नानावटी अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश, सरकार उठाएगी खर्च

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मुंबई। भीमा-कोरेगांव केस में जेल में बंद 81 वर्षीय तेलगु लेखक और कवि वरवर राव (Varavara Rao) को बॉम्बे हाईकोर्ट ने इलाज के लिए नानावटी हॉस्पिटल में भर्ती होने की अनुमति दे दी है। आदेश में कहा गया है कि वरवर राव के इलाज में आने वाला खर्च सरकार वहन करेगी। वरवर राव अभी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं और कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें जल्द ही नानावटी अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। जस्टिस एसएस शिंदे और माधव जमदार की डिवीजन बेंच ने राव के परिवार के सदस्यों और याचिकाकर्ता उनकी पत्नी पी हेमलता को अस्पताल के नियमों के अनुसार मिलने की अनुमति भी दी है।

Varavara rao

राव की खराब सेहत का हवाला देते हुए वरवर राव की पत्नी पी हेमलता ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें उन्हें नानावटी हॉस्पिटल में इलाज के लिए जमानत दिए जाने की मांग की गई थी। सरकारी वकील ने दावा किया था कि राव का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है। एक सप्ताह पहले हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि नानावटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों का पैनल उनकी जांच करे और बताए कि उन्हें अस्पताल में शिफ्ट किया जाए या नहीं। पैनल की रिपोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने वरवर राव को अस्पताल में शिफ्ट किए जाने की इजाजत दी है। वहीं कोर्ट ने आदेश दिया है कि बिना कोर्ट की अनुमति के वरवर राव को अस्पताल से डिस्चार्ज न किया जाए। राव को पहले भी जुलाई में कोविड-19 पॉजिटिव होने पर नानावटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डिमेंशिया समेत कई बीमारियां
राव की तरफ से पैरवी कर रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट को बताया कि राव को डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) समेत कई बीमारियां है। साथ ही पेशाब नली में इंफेक्शन के चलते उन्हें डायपर पहनना पड़ता है। ऐसी हालत में उनका जेल में रहना खतरे से खाली नहीं है। उनके स्वास्थ्य को देखते हुए जल्द जमानत दी चाहिए ताकि वह अपना इलाज करा सकें।

राव को मई में उस समय जेजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जब वह जेल में ही बेहोश होकर गिर पड़े थे। जय सिंह ने कोर्ट को बताया कि उस समय राव को बिना पूरी तरह ठीक हुए ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। वहीं जुलाई में नानावटी अस्पताल से छुट्टी देने के बारे में ही परिवार या कोर्ट को जानकारी नहीं दी गई। जयसिंह ने कोर्ट को बताया कि वरवर राव काफी समय से बिस्तर पर पड़े हैं और उनके चेकअप के लिए जेल अस्पताल में पूरी व्यवस्था नहीं है।

जयसिंह ने कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा कि कोविड-19 से इलाज के बाद और उनकी उम्र और बीमारियों की वजह से राव को 24 घंटे निगरानी की जरूरत है जो कि जेल में संभव नहीं है। पक्षों को सुनने के बाद ने हाईकोर्ट ने राव को नानावटी अस्पताल में शिफ्ट किए जाने को लेकर अपनी सहमति दे दी। मामले में अगली सुनवाई 3 दिसम्बर को होगी।

पिछले महीने अक्टूबर की 29 तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट से याचिका पर जल्द फैसला लेने को कहा था।

एल्गार परिषद मामला: बॉम्बे HC ने खारिज की वरवरा राव की जमानत याचिका, मेडिकल जांच कराने का आदेशएल्गार परिषद मामला: बॉम्बे HC ने खारिज की वरवरा राव की जमानत याचिका, मेडिकल जांच कराने का आदेश

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English summary
varavara rao to be shifted in nanawati hospital state would bear expenses
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