उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने नकारा परिसर में नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाने का सरकारी फरमान
नई दिल्ली। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड नें मदरसों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाने के सरकारी फरमान के गलत कहते हुए ऐसा करने से इंकार कर दिया है। सरकार के आदेश का विरोध करते हुए उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के डिप्टी रजिस्ट्रार हाजी अखलाक अहमद ने कहा है कि मदरसे के अधिकारियों ने मीटिंग में पीएम की तस्वीर ना लगाने का फैसला लिया है। अहमद ने कहा है कि इस्लाम में तस्वीर लगाना ठीक नहीं माना जाता, ऐसे में पीएम की तस्वीर नहीं लगाई जा सकती।
मदरसों में नहीं लगाई जाती किसी की भी तस्वीर
अखलाक अहमद ने बताया है कि तमाम मदरसों के लोगों ने इसको लेकर बैठक की है। मीटिंग में ये मामला उठा कि इस्लाम में किसी भी व्यक्ति की तस्वीर लगाना हराम है। इसलिए पीएम मोदी की तस्वीर मदरसा परिसर में लगाई जाए, इसका सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि ये पीएम या किसी और का मामला नहीं है, किसी भी धर्म या संस्था से जुड़े व्यक्ति की तस्वीर मदरसों में आपको नहीं मिलेगी। ऐसे में कोई तस्वीर मदरसों में नहीं लगेगी।
सरकार ने दिया था आदेश
पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के बाद ये आदेश सरकारी स्तर पर जारी किया गया था। जिसमें कहा गया कि सभी शैक्षणिक संस्थान 2022 तक पीएम नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया विजन को साकार करने के लिए काम करने की प्रतिज्ञा लें। इसके अलावा सभी अपने संस्थानों के परिसर में पीएम की तस्वीर भी लगाएं। राज्य सरकार के ये आदेश जारी करने के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने भी विभाग के अधिकारियों से इस आदेश का पालन करने के लिए कहा था।
सरकारी शिक्षा संस्थानों के लिए है ये आदेश
मदरसा बोर्ड के इस आदेश को मानने से इंकार करने और पीएम मोदी की तस्वीर परिसर में ना लगाए जाने के फैसले पर देहरादून के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने जेएस रावत ने कहा कि ये आदेश सभी सरकारी संस्थानों के लिए जारी किया गया है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि किसी को भी उसके धर्म के खिलाफ जाकर आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
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