नारायण राणे को अस्पताल से मिली छुट्टी, एंजियोप्लास्टी के लिए हुए थे भर्ती
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मुंबई के लीलावती अस्पताल और अनुसंधान केंद्र से छुट्टी मिल गई।
मुंबई, 29 मई: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मुंबई के लीलावती अस्पताल और अनुसंधान केंद्र से छुट्टी मिल गई। उन्हें 27 मई शुक्रवार को अस्पातल में भर्ती कराया गया था, तबीयत ठीक होने पर उन्हें रविवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्हें एंजियोप्लास्टी के लिए भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन सफल होने पर दो दिन बाद उन्हें छुट्टी मिल गई।
वहीं, इससे पहले नारायण राणे, दिशा सालियान और उद्धव ठाकरे पर अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में काफी चर्चा में आए थे। दिशा सालियान की मौत के मामले में नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी। यह एफआईआर दिशा के माता-पिता की शिकायत के आधार पर की गई थी। वहीं, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में महाराष्ट्र सरकार उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज करवा दिए और उन्हें गिरफ्तार करके ही दम लिया।
दिशा सालियान मामले में ऐसे फंसे थे नारायण राणे
दिशा सालियान बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व-मैनेजर थी, जिसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। दरअसल, नारायण राणे ने आरोप लगाया था कि दिशा सालियान की गैंगरेप करने के बाद हत्या कर दी गई थी। जबकि, उसके माता-पिता इस आरोप को खारिज कर रहे थे और उनका दावा था कि उसने खुदकुशी कर ली। ऑटोप्सी में भी आत्महत्या की बात की ओर ही इशारा किया गया था।
कौन
हैं
नारायण
राणे
?
69
वर्षीय
नारायण
राणे
अभी
मोदी
सरकार
में
माइक्रो,
स्मॉल
और
मीडियम
इंटरप्राइजेज
मंत्री
हैं।
उनका
राजनीतिक
करियर
1960
की
दशक
से
शिवसेना
से
तब
से
शुरू
हुआ
था,
जब
वह
किशोर
थे।
एक
वक्त
वह
शिवसेना
के
संस्थापक
बाल
ठाकरे
के
सबसे
करीबी
नेता
बन
गए
थे।
वह
महाराष्ट्र
के
कोंकण
इलाके
से
आते
हैं।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
की
कैबिनेट
के
पिछले
विस्तार
में
ही
उन्हें
पहली
बार
केंद्र
में
कैबिनेट
मंत्री
बनाया
गया
है।
इससे
पहले
फरवरी
1999
में
उनकी
सियासी
किस्मत
तब
चमकी
थी,
जब
वह
महाराष्ट्र
के
13वें
मुख्यमंत्री
बने
थे।
लेकिन,
उनका
कार्यकाल
काफी
छोटा
रहा,
क्योंकि
उसी
साल
भाजपा-शिवसेना
गठबंधन
राज्य
में
विधानसभा
चुनाव
हार
गया
था।